प्रत्येक वर्ष गायत्री जयंती ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को मनाई जाती है। विद्यार्थियों के लिए यह दिन बहुत ही शुभ है। मान्यता है कि इस दिन पूजा करने से गायत्री के साथ तीनों देवियों की विशेष कृपा प्राप्त होती है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, संसार के सभी प्राणियों में मां गायत्री का वास होता है। मां गायत्री, तीन महा शक्तियों देवी सरस्वती, देवी लक्ष्मी और देवी काली का प्रतिनिधित्व करती है।
गायत्री जयंती के दिन सच्चे मन से पूजा करने और सभी विधि-विधानों का पालन करने से, वेदों के अध्ययन करने जितना पुण्य मिलता है। इसके अलावा मां के आशीर्वाद से परिवार में भी सुख-शांति बनी रहती है। विद्यार्थी इस दिन विशेष उपाय करें तो उनकी शिक्षा में आ रही बाधा दूर होती है और सफलता उनके मार्ग में आती है। आइये अब जानते है, गायत्री जयंती 2023 की तिथि, महत्व व अनुष्ठान-
प्रत्येक वर्ष जयेष्ठ माह की शुक्ल पक्ष की एकादशी के दिन गायत्री जयंती का पर्व मनाया जाता है। इस साल, बुधवार के दिन 31 मई 2023 (gayatri Jayanti 2023 date) को गायत्री जयंती का उत्सव मनाया जाता है। गायत्री जयंती का यह पर्व, निर्जला एकादशी के दिन ही मनाया जाता है। इस दिन को देवी गायत्री की जयंती के रूप में मनाया जाता है, जिन्हें सभी देवताओं की माता के रूप में जाना जाता है।
गायत्री जयंती को वेदों की देवी गायत्री की जयंती के रूप में मनाया जाता है। सभी वेदों की देवी होने के कारण देवी गायत्री को वेद माता के नाम से भी जाना जाता है। ऐसा माना जाता है कि देवी गायत्री ब्रह्म के सभी अभूतपूर्व गुणों की अभिव्यक्ति है। उन्हें हिन्दू त्रिमूर्ति की देवी के रूप में भी पूजा जाता है। सनातन धर्म में त्रिमूर्ति का अर्थ भगवान ब्रह्मा, विष्णु और महेश से है। उन्हें सभी देवताओं की माता और देवी सरस्वती, देवी पार्वती और देवी लक्ष्मी का अवतार माना जाता है।
दैनिक पंचाग के अनुसार ज्येष्ठ मास में शुक्ल पक्ष की एकादशी के दिन गायत्री जयंती मनाई जाती है और आमतौर पर इसे गंगा दशहरा के अगले दिन मनाया जाता है। मतान्तर के अनुसार अर्थात गायत्री जयंती मनाने के लिए मतभेद होने के कारण इसे श्रावण पूर्णिमा के दौरान भी मनाया जाता है। श्रावण पूर्णिमा के दौरान गायत्री जयंती को व्यापक रूप से मेल खाता है।
अध्यन कर रहे विद्यार्थियों के लिए गायत्री जयंती का यह पर्व बहुत ही शुभ और कल्याणकारक माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि गायत्री जयंती के दिन विधि-विधान से पूजन करने से मां गायत्री के साथ तीनों देवियों की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
शास्त्रों के अनुसार गायत्री जयंती (gayatri jayanti 2023) के दिन मां की पूजा करने और गायत्री मंत्र का जाप करने से जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है और ज्ञान में भी वृद्धि होती है। इस दिन गायत्री मंत्र (famous gayatri mantra) का जाप करना विशेष रूप से विद्यार्थियों के लिए बहुत शुभ माना जाता है। कहा जाता है
कि चारों वेदों की उत्पत्ति देवी गायत्री से हुई है। यही कारण है कि गायत्री मंत्र को वेदों का सार माना गया है। यह गायत्री मंत्र इस प्रकार से है-
• इस दिन, भक्त ब्रह्म मुहूर्त में उठते हैं और नदी में पवित्र डुबकी लगाते है। फिर पूजा स्थान पर पूर्व की ओर मुख करके बैठ जाएं और रुद्राक्ष की माला से 108 बार गायत्री मंत्र का जाप करें।
(गायत्री मंत्र ऊपरलिखित है)
• गायत्री जयंती के दिन, मां की पूजा के समय कुशा या लाल रंग के आसनों का ही प्रयोग करें।
• गायत्री मंत्र का जाप करने से पहले पूजा स्थल पर एक घी का दीपक अवश्य प्रज्वल्लित करें।
• मंत्र जाप शुरू करने से पहले तांबे के बर्तन में गंगाजल भरकर उसमें तुलसी डाल दें।
• जाप के बाद इस जल को अपने कमरे में छिड़कें और तुलसी के पत्तों का सेवन करें। वे इस पानी का नियमित रूप से कमरे में छिड़काव करते है।
• विद्यार्थियों के द्वारा यह पूजन करने से वे बुद्धि से परिपूर्ण होंगे और तेज होंगे तथा याद किए हुए विषय को वे अधिक समय तक नहीं भूलेंगे।
धार्मिक ग्रंथों में गायत्री मंत्र (gayatri mantra) को बहुत ही प्रभावशाली मंत्रो में से एक माना जाता है। गायत्री जयंती 2023 (Gayatri Jayanti 2023) के दिन देवी मां को प्रसन्न करने के गायत्री मंत्र का जाप अवश्य करें और मां गायत्री को प्रसन्न करें।
डाउनलोड ऐप