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त्यौहार

Gopashtami 2023 | गोपाष्टमी 2023 | तिथि, समय, अनुष्ठान और गोपाष्टमी का धार्मिक महत्व

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भारत में, गाय को माता के रूप में पूजा जाता है क्योंकि यह हिन्दू धर्म और संस्कृति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। शास्त्रों में माना जाता है की गाय माता में देवतागण वास करते है। गोपाअष्टमी का यह गौ माता को समर्पित है। इस पर्व का मनाने के पीछे का महत्व द्वापरयुग से जुड़ा है।

Gopashtami 2023 | गोपाष्टमी 2023 | तिथि, समय, अनुष्ठान और गोपाष्टमी का धार्मिक महत्व

गोपाष्टमी (Gopashtami 2023) का उत्सव कार्तिक की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। पौराणिक कहानियों में कहा जाता है कि इस शुभ दिन पर नंदराज ने अपने बच्चों कृष्ण और बलराम को पहली बार गाय चराने के लिए भेजा था। इस दिन से भगवान श्री कृष्ण ने बालावस्था युग में प्रवेश किया था। कुमार युग में, भगवान श्री कृष्ण ने गोपाष्टमी के शुभ दिन पर गायों को चराना शुरू किया।

आइये जानते है इस साल गोपाष्टमी तिथि 2023, शुभ मुहूर्त, समय व गोपाष्टमी पर्व का धार्मिक महत्व-

Gopashtami 2023 Date | कब मनाई जाएगी गोपाष्टमी 2023

कार्तिक शुक्ल पक्ष की अष्टमी को गौ माता की पूजा की जाती है। गौ माता के इस पर्व को गोपाष्टमी कहा जाता है। इस वर्ष, शुक्रवार 20 नवंबर 2023 (Gopashtami 2023 Date) के दिन गोपाष्टमी का त्यौहार मनाया जाएगा। इस शुरुआत व समापन समय इस प्रकार से है-

अष्टमी तिथि प्रारम्भ - 20 नवंबर 2023, सुबह 05:21 बजे से
अष्टमी तिथि समापन - 21 नवंबर 2023, प्रातः 03:16 बजे तक

How Gopashtami is celebrated? गोपाष्टमी कैसे मनाई जाती है?

गोपाष्टमी के दिन लोग गायों को पूजते है। गायों को चारा खिलाया जाता है। गायों को कार्तिक मास की शुक्ल अष्टमी तिथि को सुबह-सुबह नहलाया जाता है, गंध दी जाती है और उन्हें नए कपड़ें धारण कराए जाते है।

इस दिन लोग गायों को खाना खिलाते हैं, परिक्रमा करते हैं और फिर विधि-विधान से पूजन किया जाता है। जब शाम को गायें वापस आती है और इस समय को गोधूलि मुहूर्त कहा जाता है। इस समय उनका अभिनंदन और पूजन भी किया जाता है। फिर लोग उनके कमल चरण छूते हैं और उनके स्वस्थ और समृद्ध भविष्य के लिए प्रार्थना करते है।

Significance of Gopashtami | गोपाष्टमी का धार्मिक महत्व

• हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, गाय में कई देवताओं का वास होता है, इसलिए वे हिंदुओं के दिल में इतना महत्वपूर्ण स्थान रखते है।

• हिंदू संस्कृति में गायों को देवियों की तरह पूजा जाती है और इन्हें 'गौ माता' कहा जाता है। हिंदुओं के लिए गायें धर्म की आत्मा हैं। उनका मानना है कि गायें देवताओं की तरह पवित्र और शुद्ध जीव है।

• गाय माता को बहुत पवित्र माना जाता है, इसे आध्यात्मिक और दैवीय गुणों का रक्षक माना जाता है, और इसे देवी पृथ्वी का स्वरूप भी माना जाता है। यही कारण है कि गोपाष्टमी की पूर्व संध्या पर गौ माता की पूजा करने वाले लोगों को सुख- समृद्धि और सौभाग्य का आशीर्वाद मिलता है।

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