हम आपको बताएंगे कि यह तीज त्योहार 2024 में कब मनाया जाएगा।
हरियाली तीज का पर्व भारतीय संस्कृति में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। सावन माह में तीज का दिन विवाहित महिलाओं के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है। यह तीज त्यौहार महिलाओं और विवाहित महिलाओं के लिए सबसे महत्वपूर्ण त्यौहारों में से एक है। हरियाली तीज एक लोकप्रिय हिंदू त्योहार है जिसमें सनातन धर्म के अनुयायी तैयार होते हैं और देवी पार्वती की पूजा करते हैं। हरियाली तीज का पर्व विशेष रूप से महिलाओं के लिए होता है, जिसमें वे अपने पति की लंबी आयु और समृद्धि की कामना करती हैं।
हरियाली तीज (Hariyali Teej 2024) श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की त्रिता तिथि को मनाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है। ऐसा माना जाता है कि यह दिन भगवान शिव और माता पार्वती के मिलन के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। पौराणिक कथा के अनुसार, इस दिन भगवान शिव ने 107 जन्मों के बाद देवी पार्वती को अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार किया था। देवी पार्वती अपनी 180वीं जयंती पर भगवान शिव की पत्नी बनीं और उसके बाद उन्हें "तीज माता" के नाम से भी जाना जाने लगा।
यह लोकप्रिय तीज त्यौहार पूरे देश में मनाया जाता है। हालाँकि, यह त्यौहार मुख्य रूप से पंजाब, हरियाणा और राजस्थान राज्यों में विभिन्न परंपराओं में मनाया जाता है। हम आपको बताएंगे कि यह तीज त्योहार 2024 में कब मनाया जाएगा। इसके अलावा, इस ब्लॉग के अंत में हम आपको बताएंगे कि इस दिन कौन सी दिलचस्प परंपराएं मनाई जाती हैं।
हरियाली तीज का त्यौहार हर साल श्रावण शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार, इस साल हरियाली तीज का त्योहार 7 अगस्त 2024, बुधवार को मनाया जाएगा(Hariyali Teej 2024 Date)। इस दिन देशभर में हिंदू महिलाएं पूरी श्रद्धा के साथ व्रत रखती हैं और कई शुभ अनुष्ठान करने के बाद अपना व्रत तोड़ती हैं। तीज के पवित्र त्योहार के दौरान महिलाएं सजती-संवरती हैं और देवी पार्वती की पूजा करती हैं।
हरियाली तीज के शुभ मुहूर्त इस प्रकार हैं:-
तृतीया तिथि प्रारंभ- 6 अगस्त 2024,रात 07:42 बजे से
तृतीया तिथि समापन -7 अगस्त 2024, रात 10:05 बजे तक
हरियाली तीज की पूजा विधि सरल और प्रभावी होती है। यहाँ पर हरियाली तीज की पूजा विधि का संक्षिप्त वर्णन किया गया है:-
स्त्रियाँ सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
पूजा स्थल को साफ करें और उसे फूलों, आम के पत्तों और रंगोली से सजाएं।
पूजा के लिए आवश्यक सामग्री जैसे कि पूजा की थाली, मिट्टी के दीये, धूप, दीप, नैवेद्य, फल, फूल, चंदन, रोली, मौली, और मिट्टी या धातु की शिव-पार्वती की मूर्तियाँ तैयार करें।
इस दिन विवाहित महिलाएं व्रत रखें और माता पार्वती की पूजा करें।
पूजा के दौरान शिव-पार्वती की मूर्तियों को फूल, फल, नैवेद्य, चंदन, रोली, मौली, और पान अर्पित करें। इसके बाद तीज व्रत कथा का पाठ करें और सुनें।
हरियाली तीज (Hariyali Teej 2024) के पीछे भगवान शिव और माता पार्वती की एक पौराणिक कथा है। माना जाता है कि माता पार्वती ने भगवान शिव को अपना पति बनाने के लिए कठोर तपस्या की थी। भगवान शिव उनकी तपस्या से संतुष्ट हुए और उन्हें अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार किया। इस पौराणिक कथा के अनुसार, हरियाली तीज का व्रत करने से पत्नी अपने पति की दीर्घायु, सुख और समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त कर सकती है।
• हरियाली तीज का पर्व विशेष रूप से भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा के लिए प्रसिद्ध है। इसे 'श्रावणी तीज' या 'मधुश्रावणी' भी कहा जाता है। इस दिन महिलाएँ व्रत रखकर और विशेष पूजा-अर्चना करके अपने पति की लंबी उम्र और परिवार की समृद्धि की कामना करती हैं। इस त्योहार को हरियाली तीज इसलिए कहा जाता है क्योंकि यह सावन महीने में आता है जब चारों दिशाएं हरियाली से ढकी रहती है।
• हरियाली तीज (Hariyali Teej 2024) का सामाजिक और सांस्कृतिक महत्व भी है। यह त्योहार महिलाओं के बीच आपसी प्रेम और सौहार्द बढ़ाता है। महिलाएँ इस दिन अपने दोस्तों और रिश्तेदारों से मिलती हैं, उनके साथ समय बिताती हैं और अपने अनुभव साझा करती हैं। यह त्योहार न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है।
• हरियाली तीज (kab hai hariyali teez)के दिन महिलाएँ विभिन्न अनुष्ठानों और रीति-रिवाजों का पालन करती हैं। वे सोलह श्रृंगार करती हैं, जो सुहागिनों के सौभाग्य और सुहाग का प्रतीक है। इस दिन महिलाएँ अपने मायके से मिले उपहारों को पहनती हैं और ससुराल में पूजा करती हैं। इसके अलावा, महिलाएँ समूह में इकट्ठी होकर तीज के गीत गाती हैं और एक-दूसरे को मेहंदी लगाती हैं।
• विवाहित महिलाएँ सोलह श्रृंगार करती हैं और अपने पति की लंबी आयु की कामना करती हैं। इस दिन महिलाएँ हरे रंग के वस्त्र और चूड़ियाँ पहनती हैं, जो हरियाली तीज का प्रतीक होते हैं।
• हरियाली तीज का एक महत्वपूर्ण हिस्सा झूला झूलना भी है। महिलाएँ पेड़ों पर झूला डालकर झूलती हैं और सावन के गीत गाती हैं।
इस साल हरियाली तीज पर विशेष योग बन रहा है। यह योग महिलाओं के लिए अत्यंत शुभ माना जा रहा है। इस दिन व्रत रखने और पूजा करने से विशेष फल की प्राप्ति होगी।
हरियाली तीज 2024 का पर्व प्रेम, सौभाग्य और समृद्धि का प्रतीक है। इसे पूरे हर्ष और उल्लास के साथ मनाएँ और भगवान शिव और माता पार्वती का आशीर्वाद प्राप्त करें। इस दिन की पवित्रता और इसके महत्व को समझें और अपने जीवन में सुख-समृद्धि लाएँ।
हरियाली तीज (Hariyali Teej 2024) का यह उत्सव अपने आप में एक अनोखा अनुभव है, जो न केवल धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह समाज में एकता और प्रेम का संदेश भी देता है। इसे पूरे हर्षोल्लास और श्रद्धा के साथ मनाएँ और भगवान शिव और माता पार्वती का आशीर्वाद प्राप्त करें।
यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Dharmsaar इसकी पुष्टि नहीं करता है.