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त्यौहार

Kaal Bhairav Jayanti 2025: कब है काल भैरव जयंती? नोट कर लें सही तिथि, शुभ मुहूर्त और भैरव बाबा को प्रसन्न करने के उपाय

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काल भैरव एक प्रमुख हिन्दू त्यौहार है, जिसे भैरव जयंती के नाम से भी जाना जाता है। हर साल यह पर्व मार्गशीर्ष कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, इसी दिन भगवान शिव ने अन्याय के अंत के लिए काल भैरव रूप में अवतार लिया था। इस दिन देशभर में काल भैरव मंदिरों में विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। शिव भक्तों के लिए ये पर्व खासतौर पर महत्व रखता है।

Kaal Bhairav Jayanti 2025: कब है काल भैरव जयंती? नोट कर लें सही तिथि, शुभ मुहूर्त और भैरव बाबा को प्रसन्न करने के उपाय

काल भैरव जयंती (Kaal Bhairav Jayanti 2025) का दिन बहुत शुभ माना जाता है। खासतौर पर जब यह तिथि मंगलवार या रविवार को पड़ती है, तो इसका महत्व और भी बढ़ जाता है। इस दिन लोग भगवान भैरव की पूजा करते हैं। मंदिरों में विशेष अनुष्ठान होते हैं। कई जगह भंडारे और हवन भी किए जाते हैं।

तो आइए जानते है, इस साल काल कब है भैरव जयंती? भैरव जयंती शुभ मुहूर्त और भैरव बाबा को प्रसन्न करने के विशेष उपाय-


Kaal Bhairav Jayanti 2025 Date: कब है काल भैरव जयंती 2025?

हिंदू पंचांग के अनुसार, मार्गशीर्ष कृष्ण अष्टमी की शुरुआत 11 नवंबर 2025, मंगलवार की रात 11 बजकर 8 मिनट पर होगी। वही तिथि का समापन 12 नवंबर 2025, बुधवार की रात 10 बजकर 58 मिनट पर होगा।

इस तिथि के अनुसार काल भैरव जयंती का यह पर्व बुधवार, 12 नवंबर 2025 (kab hai Kaal Bhairav Jayanti) को मनाया जाएगा।


Kaal Bhairav Jayanti 2025 Shubh Muhurat : काल भैरव जयंती 2025 शुभ मुहूर्त

काल भैरव जयंती 2025 के लिए सबसे सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त (Kaal Bhairav Jayanti Shubh Muhurat) इस प्रकार है-

1. ब्रह्ममुहूर्त

प्रातः 4:56 AM से 5:49 AM तक

2. विजय मुहूर्त

दोपहर 1:53 PM से 2:36 PM तक

3. गोधूलि मुहूर्त

सायं 5:29 PM से 5:55 PM तक

4. अमृत काल मुहूर्त

सायं 04:58 PM से 06:35 PM तक

5. निशिता मुहूर्त

देर रात्रि 11:39 PM से 12:32 PM तक


Kaal Bhairav Jayanti Significance: काल भैरव जयंती का महत्व

• हिंदू शास्त्रों में काल भैरव की पूजा का विशेष महत्व है। मान्यता है कि उनकी उपासना से भय, रोग और नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है।

• काल भैरव, भगवान शिव का रौद्र रूप हैं। कहा जाता है कि उनकी पूजा से दुख और दुर्भाग्य समाप्त होते हैं। अकाल मृत्यु का भय भी कम होता है।

• इस दिन बाबा भैरवनाथ कि पूजा करने से आत्मविश्वास और साहस में वृद्धि होती है। काशी में काल भैरव को ‘कोतवाल’ यानी नगर के रक्षक के रूप में पूजा जाता है।

• संकट में भैरव बाबा का स्मरण करने से सभी कष्ट एवं बाधाएं दूर होती है। प्राचीन काल से ही उनकी पूजा का विशेष महत्व रहा है। भैरवनाथ अपने भक्तों को भयमुक्त जीवन का आशीर्वाद प्रदान करते हैं।


Bhog Items to Offer Bhairav Baba : भैरव जी को अर्पित करें ये भोग


- दही वड़ा
- इमरती
- उड़द की खिचड़ी
- रेवड़ी या तिल लड्डू
- काले तिल से बनी चीजें


Kaal Bhairav Jayanti Upay : काल भैरव जयंती के विशेष उपाय

भैरव बाबा को जल्द प्रसन्न करने के लिए आप यहां दिए गए विशेष उपाय कर सकते है-

1. काल भैरव जयंती के दिन 11 नींबू भैरव जी को अर्पित करें।

2. कड़वे तेल में पकौड़े, पापड़ या पुए बनाएं और रविवार को गरीबों में बांट दें।

3. किसी भी भैरव मंदिर में गुलाब और चंदन की 21 अगरबत्तियां या धूपबत्तियां जलाएं।

4. बुधवार के दिन सवा किलो जलेबी भैरवनाथ को चढ़ाएं और बाद में कुत्तों को खिलाएं।

5. कोई त्वचा या कुष्ठ रोग से पीड़ित गरीब व्यक्ति मिले, तो उसे सवा किलो काली उड़द दाल दान करें।

6. इस दिन सवा किलो काले तिल, सवा सौ ग्राम काले उड़द और सवा मीटर काला कपड़ा लेकर एक पोटली बनाएं। पोटली को भैरव नाथ के मंदिर में अर्पित करें।

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