हिंदू धर्म में कार्तिक स्नान का विशेष महत्व माना जाता है। यह दिन कार्तिक मास के प्रथम दिन मनाया जाता है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार, आश्विन माह के बाद कार्तिक माह शुरू होता है। धार्मिक दृष्टि से बहुत ही शुभ माना जाने वाला कार्तिक महीना मुख्य रूप से अक्टूबर और नवंबर महीने में आता है। जो लोग कार्तिक महीने में उपवास करते हैं, वे सूर्योदय से पहले स्नान करते हैं और पूरे कार्तिक महीने में इस अनुष्ठान का पालन करते है।
पौराणिक कथाओं के अनुसार, इस मास में भगवान विष्णु वेदों को पुनर्स्थापित करने के लिए 'मत्स्यसा' रूप में अवतरित हुए थे। कार्तिक स्नान का सबसे पहला अनुष्ठान, इस माह के पहले दिन से शुरू होता है और पूरे कार्तिक माह तक चलता रहता है। भारत के विभिन्न तीर्थ स्थलों जैसे हरिद्वार,वाराणसी, प्रयागराज, कुरूक्षेत्र और पुष्कर में इस दौरान लाखों की संख्या में लोग कार्तिक स्नान के लिए आते है।
आइए जानते हैं कि इस वर्ष कार्तिक मास 2023 कब शुरू हो रहा है (kartik snan start date) और हिंदू धर्म में कार्तिक स्नान का क्या महत्व है?
हर साल हिन्दू कैलेंडर के अनुसार, कार्तिक स्नान का प्रांरभ कार्तिक' मास की पूर्णिमा तिथि से होता है। इस साल, शनिवार, 28 अक्टूबर 2023 (Kartik Snan 2023 Start Date) के दिन भक्तों द्वारा कार्तिक स्नान का अनुष्ठान शुरू किया जाएगा।
कार्तिक प्रांरभ पूर्णिमा एक शुभ मुहूर्त (Kartik Poornima Shubh Muhurat) व नक्षत्रों का समय इस प्रकार से है-
ब्रह्म मुहूर्त - 04:57 पूर्वाह्न - 05:45 AM
अभिजीत मुहूर्त - 11:48 AM- 12:33 PM
अमृत काल- रात्रि 11:11 बजे से रात्रि 12:41 बजे तक
• कार्तिक स्नान के महत्व का उल्लेख कई पुराणों जैसे पद्म पुराण, स्कंद पुराण और नारद पुराण में किया गया है। कार्तिक स्नान की महिमा और विधि स्वयं भगवान श्रीकृष्ण ने अपनी पत्नी सत्यभामा को बताई थी।इस शुभ दिन पर, कई हिंदू धार्मिक स्नान करते हैं। कार्तिक माह में स्नान करने का फल 1000 से अधिक गंगा स्नान और 100 मेघ स्नान के बराबर होता है। ऐसा माना जाता है कि कार्तिक माह में पवित्र स्नान करने और दान देने से व्यक्ति सभी पापों से मुक्त हो जाता है।
• एक अन्य पौराणिक कथा के अनुसार, इस दिन भगवान शिव ने राक्षस त्रिपुरासुर को हराया था और पृथ्वी को एक सुरक्षित स्थान बनाया था।
• आयुर्वेदिक शोध के अनुसार, कार्तिक महीने के आखिरी 8 दिन और मार्गशीर्ष महीने के पहले 8 दिनों को 'यमदंष्ट्र' कहा जाता है, जिसका अर्थ है "मृत्यु की शक्ति"। इस अवधि के दौरान पवित्र नदियों में स्नान करने से स्वास्थ्य और आध्यात्मिक कृपा मिलती है। हाल के अध्ययनों ने कार्तिक स्नान के वैज्ञानिक महत्व को भी स्थापित किया है।
कार्तिक पूर्णिमा (kartik snan 2023) पर प्रयाग में गंगा नदी और अन्य पवित्र नदियों में स्नान करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। यदि गंगा में स्नान करना संभव न हो तो भी पास के किसी अन्य नदी में भी नदी में भी स्न्नान कर सकते है । इसके साथ ही यदि आप भी पुरे कार्तिक मास में स्नान कर रहे है तो इस दौरान ज़रूरतमंदों को दान-दक्षिणा अवश्य करें और ब्राह्मण को भोजन भी कराएं।