ॐ नमः शिवाय सबसे लोकप्रिय हिन्दू मन्त्रों में से एक है और शैव सम्प्रदाय का महत्वपूर्ण मन्त्र है।
यह मन्त्र कृष्ण यजुर्वेद के भाग श्री रुद्रम् चमकम् में उपस्थित है। श्री रुद्रम् चमकम्, कृष्ण यजुर्वेद की तैत्तिरीय संहिता की चौथी पुस्तक के दो अध्यायों से मिल कर बना है। प्रत्येक अध्याय में ग्यारह स्तोत्र या भाग हैं। दोनों अध्यायों का नाम नमकम् (अध्याय पाँच) एवं चमकम् (अध्याय सात) है। ॐ नमः शिवाय मन्त्र बिना "ॐ" के नमकम् अध्याय के आठवे स्तोत्र में 'नमः शिवाय च शिवतराय च' के रूप में उपस्थित है। इसका अर्थ है "शिव को नमस्कार, जो शुभ है और शिवतरा को नमस्कार जिनसे अधिक कोई शुभ नहीं है।
यह मन्त्र रुद्राष्टाध्यायी में भी उपस्थित है जो शुक्ल यजुर्वेद का भाग है। यह मन्त्र रुद्राष्टाध्यायी के पाँचवे अध्याय (जिसे नमकम् कहते हैं) के इकतालीसवे श्लोक में 'नमः शिवाय च शिवतराय च' के रूप में उपस्थित है।