शक्ति, उत्साह और आस्था के महापर्व शारदीय नवरात्रि 2024 का शुभारम्भ हो गया हैं। नवरात्रि के दौरान भक्त नौ दिनों तक बड़े हर्षोल्लास के साथ देवी के आगमन पर व्रत-पूजन इत्यादि करते है। वैसे तो नवरात्रि के सभी दिन बहुत अहम माने जाते हैं, हालांकि नवरात्रि का 8वां दिन यानी दुर्गाष्टमी इन सभी में सबसे महत्वपूर्ण हैं। शास्त्रों में दुर्गाष्टमी के दिन कन्या पूजन का विशेष महत्व बताया गया हैं। इस दिन मां दुर्गा के आठवें स्वरुप, देवी महागौरी की विधि-विधान से आराधना की जाती हैं।
भारत के लगभग सभी राज्यों में शारदीय नवरात्रि (Sharadiya Navratri 2024) का यह पर्व मनाया जाता हैं, खासतौर पर पश्चिम बंगाल व गुजरात जैसे राज्यों में इस दौरान अलग ही रौनक देखने को मिलती हैं। यह नौ दिवसीय उत्सव दुर्गाअष्टमी (Navratri Ashtami 2024) के पवित्र त्यौहार के भव्य समर्पण के साथ समाप्त होता है। देवी महागौरी पूजन से लेकर कंजक पूजन तक, दुर्गाष्टमी के दिन अनेक अनुष्ठान संपन्न किए जाते हैं। आइए जानते है, साल 2024 में शारदीय नवरात्रि की महाष्टमी की डेट, शुभ मुहूर्त व अन्य महत्वपूर्ण तथ्य-
प्रत्येक वर्ष आश्विन शुक्ल पक्ष की अष्टमी के दिन महाष्टमी का यह उत्सव मनाया जाता हैं। इस साल शारदीय नवरात्रि में आने वाली यह दुर्गाष्टमी 11 अक्टूबर 2024 (Maha Ashtami Date 2024) को मनाई जाएगी। इस तिथि का प्रांरभ व समापन समय (Maha Ashtami Time 2024) इस प्रकार से हैं-
अश्विन शुक्ल अष्टमी शुरुआत समय - 10 अक्टूबर 2024, दोपहर 12.31 से
अश्विन शुक्ल अष्टमी समापन समय - 11 अक्टूबर 2024, दोपहर 12.06 तक
कन्या पूजन
शारदीय नवरात्रि के आठवें दिन कंजक यानि कन्या पूजन (kanya pujan significance on navratri) का विधान हैं। इस दिन कन्याओं को घर पर आमंत्रित कर, उन्हें भोजन कराया जाता हैं। मान्यता है की कन्या पूजन के बाद ही शारदीय नवरात्रि का विशेष फल प्राप्त होता है, साथ ही मां दुर्गा की कृपा भी बनी रहती है।
देवी महागौरी का पूजन
नवरात्रि के नौ दिन देवी मां के नौ स्वरूपों को समर्पित है। ऐसे में महाष्टमी का यह पावन दिन मां महागौरी को समर्पित हैं। इसलिए इस दिन भक्त गण मां के इस स्वरुप का विधि-विधान से पूजन करते है।
बुराई पर अच्छाई की जीत
दुर्गा अष्टमी का यह दिन मां दुर्गा के प्रतीकात्मक जीत का प्रतिनिधित्व करता है। धर्म शास्त्रों के अनुसार, इसी दिन देवी आदिशक्ति ने राक्षस महिषासुर पर विजय प्राप्त की थी। ऐसे में यह दिन अंधकार और अज्ञान पर विजय का प्रतीक है।
नवरात्रि के दौरान कुछ खास यंत्रों की पूजा करना बहुत लाभकारी माना जाता है। इन नौ दिनों में आप श्री दुर्गा बीसा यंत्र (durga bisa yantra online) की पूजा कर सकते हैं। यदि दुर्गा बिसा यंत्र की पूजा के साथ ही 'श्री दुर्गा चालीसा का पाठ' (shree durga chalisa) किया जाए, तो आपको न केवल वांछित फल की प्राप्ति होगी, बल्कि मां दुर्गा की कृपा भी सदैव बनी रहेगी।