सभी मुख्य तीर्थ स्थलों के साथ ही 'देव भूमि' कहलाएं जाने वाली, उत्तराखंड की नगरी पर्यटकों के लिए हमेशा ही आकर्षण का केंद्र रही है। आध्यात्म, प्राकृति और देवत्व का अद्भुत सामंजस्य उत्तराखंड के इस प्रदेश में देखने को मिलता है। भारत के उत्तरी भाग में स्थित यह राज्य प्राचीन काल से ही हिंदू देवी-देवताओं की शरणस्थली रहा है।
उत्तराखंड का यह शहर मन में एक पॉजिटिव एनर्जी को प्रभावित कर गहरी आध्यात्मिकता की ओर अग्रसर करता है। इस राज्य में वैसे तो देवी-देवताओं के बहुत से मंदिर स्थापित किये गए है। लेकिन आज हम आपको उत्तराखंड के कुछ ऐसे मंदिरों के बारे में जानकारी देने जा रहे है, जहां देश ही बल्कि विदेशों से भी भारी संख्या में पर्यटक दर्शन के लिए आते है। इन मंदिरों के पौराणिक महत्व के साथ ही ऐतिहासिक महत्व भी बहुत अधिक माने जाते है। आइये जानते है, इन्हीं कुछ मंदिरों के बारे में-
देवी गंगा को समर्पित यह मंदिर उत्तराखण्ड राज्य के उत्तरकाशी जिले में स्थित है। उत्तराखण्ड का यह मंदिर चारधामों में से एक है। भागीरथी नदी के किनारे बसे इस मंदिर में हर साल लाखों की संख्या में श्रद्धालु दर्शन के लिए आते है। गंगोत्री में आप जलमग्न शिवलिंग के साथ ही अन्य आकर्षण केंद्र जैसे भागीरथी शिला पांडव गुफा की भी यात्रा कर सकते है। आइए जानते है इस मंदिर से जुड़े अन्य तथ्य-
मंदिर खुलने का समय | सुबह 4 बजे से शाम 7 बजे तक |
निकटतम रेलवे स्टेशन | ऋषिकेश (249 KM) |
निकटतम हवाई अड्डा | जॉली ग्रांट- देहरादून (250 किमी) |
जाने का सबसे अच्छा समय | मध्य अप्रैल से जून और सितंबर से अक्टूबर |
मंदिर में पूजे जाने वाली देवी | देवी गंगा |
हिमायल पर्वत पर स्थित चारधाम का एक हिस्सा यमुनोत्री, सबसे प्रतिष्ठित हिंदू तीर्थ स्थलों में से एक है। यमुनोत्री मंदिर, गंगा के बाद दूसरी सबसे पवित्र नदी यमुना को समर्पित है। कहा जाता है की पवित्र यमुना नदी में स्नान करने से अकाल मृत्यु से बचाव होता है। यमुनोत्री मंदिर के मंदिर परिसर में भगवान यम और देवी यमी मूर्ति के रूप में विराजमान है।
मंदिर खुलने का समय | सुबह 6 बजे से रात 8 बजे तक |
निकटतम रेलवे स्टेशन | ऋषिकेश (295 किमी) |
निकटतम हवाई अड्डा | जॉली ग्रांट, देहरादून (317 किमी) |
जाने का सबसे अच्छा समय | मध्य अप्रैल से जून और सितंबर से अक्टूबर |
मंदिर में पूजे जाने वाली देवी | देवी यमुना |
बद्रीनाथ या बद्रीनारायण मंदिर का यह मंदिर भगवान नारायण को समर्पित एक हिंदू मंदिर है। बद्रीनाथ का यह मंदिर भारत के उत्तराखंड राज्य के बद्रीनाथ शहर में स्थित है। पौराणिक कथाओं के अनुसार इस स्थान पर जब भगवान विष्णु ने ध्यान-साधना की थी तो देवी लक्ष्मी ने बद्री वृक्ष का रूप धारण कर भगवान विष्णु पर उनकी रक्षा की थी। सनातन धर्म के पवित्र चार धामों में से एक बद्रीनाथ का यह मंदिर, भगवान विष्णु का निवास स्थान भी माना जाता है।
मंदिर खुलने का समय | सुबह 6 AM से 12pm, शाम 4 PM से 9 PM तक |
निकटतम रेलवे स्टेशन | ऋषिकेश (295 किमी) |
निकटतम हवाई अड्डा | जॉली ग्रांट, देहरादून (317 किमी) |
जाने का सबसे अच्छा समय | मध्य अप्रैल से जून और सितंबर से अक्टूबर |
मंदिर में पूजे जाने वाली देवी | भगवान विष्णु |
भगवान भोलनाथ को समर्पित केदारनाथ का यह मंदिर उत्तराखंड ही नहीं बल्कि भारत के सबसे लोकप्रिय मंदिरों में से एक है। केदारनाथ मंदिर में देश ही नहीं विदेश के अलग अलग कोनों से लाखों की संख्या में पर्यटक आते है। गंगोत्री, यमुनोत्री और बद्रीनाथ धाम कि ही तरह केदारनाथ धाम भी चारधाम के प्रमुख तीर्थ स्थल में से एक है। दर्शनार्थियों के केदारनाथ धाम पहुंचने हेतु , साल 2022 में गौरीकुंड-केदारनाथ रोपवे परियोजना की आधारशिला भी रखी गई है।
मंदिर खुलने का समय | सुबह 4 बजे से रात 9 बजे तक |
निकटतम रेलवे स्टेशन | ऋषिकेश (216 किमी) |
निकटतम हवाई अड्डा | जॉली ग्रांट, देहरादून (239 किमी) |
रोड के माध्यम से | सोनप्रयाग ( 16 किमी) |
जाने का सबसे अच्छा समय | मध्य अप्रैल से जून और सितंबर से अक्टूबर |
मंदिर में पूजे जाने वाले देवता | भगवान शिव |
चंडी देवी मंदिर एक पवित्र हिन्दू मंदिर है, जो हरिद्वार के पास नील पर्वत नामक एक पहाड़ पर स्थित है। भारत के सबसे प्राचीन मंदिरों में से एक, देवी चंडी मंदिर का निर्माण आदि शंकराचार्य द्वारा कराया गया था। प्राचीन हिन्दू कथाओं के अनुसार जब शुंभ और निशुंभ ने भगवान इंद्र के राज्य पर कब्जा किया था तब देवी चंडी माता पार्वती की शक्ति से राक्षस राजाओं का वध करने के लिए निकली थी। कहा जाता है की देवी चंडी में इसी स्थान पर कुछ समय के लिए विश्राम किया था, तब से यह स्थान पवित्र माना जाता है।
मंदिर खुलने का समय | सुबह 6 बजे से शाम 7 बजे तक |
स्थान | नील पर्वत, हरिद्वार |
निकटतम रेल्वे स्टेशन | हरिद्वार (4 किमी) |
निकटतम हवाई अड्डा | जॉली ग्रांट, देहरादून (37 किमी) |
जाने का सबसे अच्छा समय | फरवरी - जून और सितम्बर - नवंबर |
मंदिर में पूजे जाने वाली देवी | माता चंडी |
किसी भी स्थानीय बस, रिक्शा, या टांगा द्वारा भी आप आसानी से चंडी देवी मंदिर तक पहुंच सकते है।
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