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त्यौहार

Makar Sankranti 2025 : 2025 में कब मनाया जाएगा मकर सक्रांति का पर्व? जानें पुण्य काल मुहूर्त और महत्व!

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मकर संक्रांति हिन्दू धर्म का एक अत्यंत महत्वपूर्ण पर्व है, जिसे खासतौर पर सूर्य देव की पूजा के लिए जाना जाता है। इस दिन गंगा स्नान और दान-धर्म का विशेष महत्व है। हर साल 12 संक्रांतियां होती हैं, हालांकि मकर संक्रांति को इन सभी में सबसे प्रमुख माना जाता है।

Makar Sankranti 2025 : 2025 में कब मनाया जाएगा मकर सक्रांति का पर्व? जानें पुण्य काल मुहूर्त और महत्व!

नव वर्ष के आगमन के साथ बहुत से व्रत-त्यौहारों का भी शुभारंभ हो जाता है। इन्हीं में से एक मकर संक्रांति (makar sankranti 2025) का पर्व भी है। मकर सक्रांति का यह दिन साल के पहले प्रमुख त्यौहार के तौर पर मनाया जाता है। सूर्य के मकर राशि में प्रवेश के प्रतीक के रूप में पहचाने वाला यह पर्व, धार्मिक दृष्टिकोण से अत्यंत महत्व रखता है। आइए जानते हैं, इस वर्ष मकर संक्रांति कब मनाई जाएगी और इससे जुड़े अन्य महत्वपूर्ण तथ्य-

Makar Sankranti Date 2025 | कब मनाई जाएगी मकर संक्रांति 2025

साल 2025 में, 14 जनवरी (makar sakranti 2025 date) यानि मंगलवार के दिन सूर्य मकर राशि में प्रवेश करेंगे, जिसके चलते इसी दिन मकर संक्रांति का पर्व मनाया जाएगा। यह दिन विशेष रूप से गंगा स्नान और दान-पुण्य के लिए महत्वपूर्ण है।

मान्यता है कि इस दिन किए गए दान से पुण्य फल की प्राप्ति होती हैं और यह व्यक्ति के जीवन में सकारात्मकता का संचार करता है।


Makar Sankranti 2025 Shubh Muhurat | मकर संक्रांति 2025 शुभ मुहूर्त

दैनिक पंचांग के अनुसार, मकर संक्रांति के दिन पुण्य काल मुहूर्त प्रातः काल 09 बजकर 03 बजे से शुरू होगा, जिसका समापन सांय 05 बजकर 46 बजे तक होगा।

वही महा पुण्य काल की बार करें तो यह सुबह 09 बजकर 03 मिनट से लेकर रात 10 बजकर 48 मिनट (makar sankranti 2025 shubh muhurat) तक रहेगा। इस महा पुण्य काल की अवधि 1 घंटा 45 मिनट्स तक रहेगी। बता दें की यह समय विशेष रूप से धार्मिक अनुष्ठानों, पूजा, और दान आदि के लिए बहुत लाभदायक माना जाता है।


Makar Sankranti 2025 Choghadiya Muhurat | मकर संक्रांति 2025 चौघड़िया मुहूर्त

मकर संक्रांति 2025 का शुभ चौघड़िया (makar sankranti choghadiya muhurat) मुहूर्त इस प्रकार से है-

अमृता (सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त) -

सांय 05:32 से 07:14 तक

मुहूर्त अवधि -

01 घंटे 20 मिनट

शुभ लाभ मुहूर्त -

सांय 07 बजकर 27 मिनट से रात्रि 09 बजकर 08 बजे तक


Makar Sankranti Celebrations: विभिन्न राज्यों में कैसे मनाया जाता है मकर संक्रांति पर्व

मकर सक्रांति का यह पर्व पुरे देश में बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है, कई पतंगबाजी का उत्सव तो कही लोहड़ी की धूम, देश के विभिन्न राज्यों में मकर सक्रांति का यह पर्व बहुत अलग-अलग तरीकों से मनाया जाता है।

आइए जानते हैं मकर सक्रांति का यह त्यौहार इन जगहों (makar sankranti celebrations in different states) पर कैसे मनाया जाता है और इसे किन-किन नामों से जाना जाता है।

माघ बिहू (असम)

असम में मकर सक्रांति का यह पर्व बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है, जिसे माघ बिहू या भोगाली बिहू भी कहा जाता हैं। असम में इस उत्सव को पुरे दो दिनों तक मनाया जाता हैं।

मकर विलक्कू (केरल)

केरल में मकर संक्रांति को मकर विलक्कू के नाम से जाना जाता है। इस दिन, लोग खासकर सबरीमाला मंदिर के पास मकर ज्योति जे दर्शन के लिए इक्कठे होते हैं। ये दिन सूर्य देव की पूजा का होता है, जो पूरे राज्य में बहुत धूमधाम से मनाया जाता है।

एलु बिरोधु (कर्नाटक)

अब बात कर्नाटक की करें तो यहां मकर संक्रांति को 'एलु बिरोधु' (Makar Sankranti 2025 Different Names) कहा जाता है। इस दिन खास तौर पर महिलाएं आस-पास के करीब 10 परिवारों के साथ ताजे फल, गन्ने, तिल, गुड़ और नारियल एक-दूसरे को बांटते हैं। यह एक बहुत ही शुभ परंपरा है, जो इस दिन को और खास बनाती है।

माघी और लोहड़ी (पंजाब-हरियाणा)

पंजाब, हरियाणा और इसके आस पास के क्षेत्रों में मकर संक्रांति को "माघ लोहड़ी" के नाम से मनाया जाता है। मकर संक्रांति से एक दिन पहले लोग अग्नि के चारों ओर एकत्रित होकर प्रार्थना करते हैं और उसके बाद सभी दोस्त रिश्तेदार एक दूसरे को बधाई देते है। इसके बाद सभी में चने, गुड़, रेवड़ी, मक्के और मूंगफली आदि बांटे जाते हैं।

उत्तरायण (गुजरात-राजस्थान)

गुजरात एवं राजस्थान में मकर संक्रांति की रौनक देखते ही बनती है। यह त्यौहार गुजरात में उत्तरायण के नाम से लोकप्रिय हैं। इन राज्यों में जगह-जगह काइट फेस्टिवल और पतंजबाजी के विभिन्न इवेंट्स आयोजित किए जाते है। इस दिन उंधियू, गुड़ की चिक्की और फीणी तैयार की जाती है, जो इस त्योहार की और भी खास बनाती है।

मकर संक्रांति और खिचड़ी (उत्तर प्रदेश)

उत्तर प्रदेश में मकर संक्रांति को खिचड़ी भी कहते हैं। इस दिन लोग उड़द दाल, चावल के साथ घी के साथ खिचड़ी का आनंद लेते हैं। साथ ही तिल, गुड़ और मूंगफली भी बांटी जाती है। इस दिन स्नान-दान का भी विशेष महत्व है।

पोंगल (तमिलनाडु)

तमिलनाडु में मकर संक्रांति को पोंगल के नाम से मनाया जाता है, और यह 4 दिनों तक चलता है। पहले दिन भोगी पोंगल, फिर सूर्य पोंगल, मट्टू पोंगल और आखिरी दिन कन्या पोंगल का पर्व मनाया जाता हैं। पोंगल के इस पर्व पर लोग रंगोली बनाते हैं और खास पकवान, मीठी गुड़ वाली चावल की खीर तैयार करते हैं।

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