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त्यौहार

नाग पंचमी कब है | Nag Panchami 2023 | तिथि, महत्व व काल सर्प दोष से बचने के चमत्कारी उपाय!

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श्रावण का मास भगवान भोलेनाथ को समर्पित होता है। इस दौरान भोलेशंकर को प्रिय सभी वस्तु-विशेष का खास महत्व बताया जाता है। ऐसे में सावन के महीने में भगवान शिव को अतिप्रिय नाग देवता का भी विधि-विधान से पूजन किया जाता है। इस पर्व को नाग पंचमी के नाम से जाना जाता है। नाग पंचमी का त्यौहार, प्रत्येक वर्ष श्रावण माह कि शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। यह दिन सम्पूर्णतः नाग देवता और उनके पूजन को समर्पित है।

नाग पंचमी कब है | Nag Panchami 2023 |  तिथि, महत्व व काल सर्प दोष से बचने के चमत्कारी उपाय!

नाग पंचमी (nag panchami 2023) के पावन अवसर पर सर्प की पूजा की जाती है। पूजन के साथ ही इस दिन सर्प को भोग के रूप में दूध अर्पित किया जाता है और बहुत से शिव मंदिरों के बाहर उन्हें दूध भी पिलाया जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन नाग देवता का दर्शन करना अत्याधिक शुभ माना जाता है। भगवान शंकर के कंठ पर नाग देवता विराजमान है, वही भगवान विष्णु शेषनाग पर विराजमान है। यही कारण है कि हिन्दू धर्म में सर्प को इतना महत्वपूर्ण माना जाता है।

नाग पंचमी (nag panchami kab hai ) के दिन नाग-नागिन जोड़े की पूजन का भी विशेष प्रयोजन माना जाता है। आप ऑनलाइन माध्यम से भी यह नाग नागिन जोड़ा (silver nag nagin joda online) खरीद सकते है। आइये जानते है, इस साल नाग पंचमी का यह पर्व कब मनाया जाएगा, इसका महत्व क्या है, साथ ही नाग पंचमी की पूजन विधि क्या है-


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Nag Panchami 2023 Date: नाग पंचमी कब है?

यह हिन्दू त्यौहार देश भर के विभिन्न हिस्सों में मनाया जाता है। इस दिन सभी लोग नाग देवता का पूजन करते हैं। यह शुभ दिन पंचमी तिथि या शुक्ल पक्ष के पांचवें दिन पड़ता है। इस साल 21 अगस्त 2023 (nag panchami 2023 date) के दिन यह पर्व मनाया जाएगा। नाग पंचमी 2023 का पूजन एवं शुभ मुहूर्त इस प्रकार से है-

पंचमी तिथि प्रारंभ 21 अगस्त 2023, रात्रि 12:21 से
पंचमी तिथि समाप्त 22 अगस्त 2023, प्रातः 02:00 बजे तक
नाग पंचमी पूजा मुहूर्त सुबह 06:15 बजे से 08:43 तक
पूजन की अवधि अवधि - 02 घंटे 28 मिनट

Nag Panchami Mantra: नाग पंचमी का मंत्र

ॐ भुजंगेशाय विद्महे,
सर्पराजाय धीमहि,
तन्नो नाग: प्रचोदयात्।।


नाग पंचमी के दिन क्यों चढ़ाया जाता है दूध?

नाग पंचमी (significance of milk on nag panchami) के दिन सांपों को दूध पिलाने का वर्णन समुद्र मंथन से जुड़ा है। देवताओं और असुरों द्वारा अमृत की खोज में समुद्र से अलाकाटूम नामक घातक जहर निकला। यह एक बहुत ही खरतनाक विष था, जिसमें समस्त ब्रह्माण्ड को ख़त्म करने की शक्ति है। इस ब्रह्माण्ड को बचाने के लिए, तब भगवान शिव ने विष को पीया और नीलकंठ कहलाए जाने लगे। ऐसा माना जाता है कि विष पीते समय कुछ बूंदें पृथ्वी पर गिरीं, जिसे नागों ने पी लिया। तब समस्त देवताओं ने जहर के प्रभाव को शांत करने के लिए भगवान शिव और सांपों का दूध एवं जल से अभिषेक किया। इसलिए, नाग पंचमी के दिन सर्प का दूध से स्नान कराया जाता है और उन्हें दूध भी पिलाया जाता है।


Kaal Sarp Dosh Upay: नाग पंचमी पर काल सर्प दोष उपाय

• इस दिन नाग देवता को को जल, दूध, भोजन और फूल अवश्य चढ़ाएं।

• नाग पंचमी के दिन रुद्राभिषेक करने से कालसर्प दोष से मुक्ति मिलती है।

• इस तिथि के दिन आप सिल्वर नाग नागिन जोड़े का पूजन भी कर सकते है।

• नाग पंचमी के दिन चांदी के नाग-नागिन को जल में प्रवाहित करने से सभी रुकावटें दूर होती है।

• नाग पंचमी के दिन यदि संभव हो किसी सांप को दूध पिलाए, या सांप की मूर्ति पर दूध चढ़ाना न भूलें।

यदि आप भी काल सर्प दोष से पीड़ित है, तो नाग पंचमी (nag panchami 2023) के दिन इन उपायों को अवश्य करें। इसके साथ ही आप इस दिन नाग नागिन जोड़ें का दान भी कर सकते है। नाग पंचमी के साथ ही आप वास्तु दोष से मुक्ति पाने के लिए भी भवन की नींव में सिल्वर नाग-नागिन की स्थापना करें।

 

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