फुलेरा दूज, भगवान कृष्ण के सम्मान में बड़े उत्साह और हर्षोल्लास के साथ मनाए जाने वाले प्रतिष्ठित त्योहारों में से एक है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार, यह त्योहार फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया को मनाया जाता है। वही अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार यह फरवरी और मार्च के बीच आता है।
फुलेरा दूज 2024 (Phulera Dooj 2024) का यह त्यौहार बसंत पंचमी 2024 (basant panchami 2024) और होली के त्यौहार के दौरान आता है। यही कारण है कि फुलेरा दूज की अधिकांश रस्में होली त्योहार से जुड़ी हुई हैं। फुलेरा दूज (phulera dooj 2024 in hindi) का शुभ समय भक्तों को एक विशेष 'दर्शन' का अवसर प्रदान करता है। इस दिन भगवान कृष्ण के सभी मंदिरों, विशेषकर मथुरा, वृन्दावन और उत्तर भारत के सभी हिस्सों में भव्य सजावट देखने को मिलती है।
आइए जानते हैं, इस साल फुलेरा दूज का त्योहार कब मनाया जाएगा (Phulera Dooj 2024 Date), शुभ मुहूर्त कब है और त्योहार का महत्व क्या है।
हिंदू कैलेंडर के अनुसार, फुलेरा दूज 2024 फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाएगा। इस वर्ष यह पर्व उत्सव सोमवार, 11 मार्च, 2024 (Phulera Dooj 2024 Date) को मनाया जाएगा। इस तिथि का प्रारंभ व समापन समय (Phulera Dooj 2024 Time) इस प्रकार से है-
द्वितीया तिथि का प्रारंभ समय -11 मार्च 2024, प्रातः 10:44 बजे से
द्वितीया तिथि समापन समय - 12 मार्च 2024, प्रातः 07:13 बजे तक
फुलेरा दूज को भारत के सभी क्षेत्रों में एक प्रमुख विवाह उत्सव के रूप में नहीं जाना जाता है, हालांकि हिंदू संस्कृति में फुलेरा दूज जैसे शुभ दिन पर शादी या विवाह समारोह को अक्सर शुभ माना जाता है।
ऐसा माना जाता है कि फुलेरा दूज (phulera dooj 2024 shadi muhurat) जैसे शुभ दिन पर शादी करने से नव दंपत्ति को देवी-देवताओं का आशीर्वाद मिलता है, जिससे चलते अपने आगामी जीवन में जोड़ा एक सफल और सामंजस्यपूर्ण वैवाहिक जीवन की शुभारंभ कर सकता है।
• ज्योतिषशास्त्र के अनुसार, फुलेरा दूज का दिन बहुत शुभ माना जाता है क्योंकि इसका प्रत्येक क्षण सभी 'दोषों' या दोषों से मुक्त होता है और इसे 'अबूझ मुहूर्त' के रूप में जाना जाता है।
• फुलेरा दूज के दिन व्रज में होली खेली जाती है और राधा कृष्ण की पूजा की जाती है। अभूझ शुभ मुहूर्त होने के कारण फुलेरा दूज के दिन कई शादी-विवाह संपन्न किये जाते है।
• फुलेरा दूज के दिन भगवान कृष्ण को माखन और मिश्री का भोग लगाया जाता है। माना जाता है कि भगवान कृष्ण को मक्खन और चीनी से बनी मिठाई का भोग लगाने से भगवान कृष्ण जल्द प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तों को शुभ फल प्रदान करता है।