श्री सत्यनारायण व्रत का धार्मिक महत्व बहुत अधिक बताया जाता है। यह व्रत पूर्णिमा तिथि को रखा जाता है। सत्यनारायण व्रत के दिन लोग मुख्य रूप से स्वामीनारायण यानि भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना करते है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार पूर्णिमा का दिन भगवान विष्णु को समर्पित होता है। पूर्णिमा का व्रत रखने वाले व्यक्तियों के जीवन में सुख-समृद्धि एवं सकारात्मकता का संचार होता है।
हर माह के पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु का पूजन कर, सत्यनारायण का व्रत रखा जाता है। इस दिन लोग श्री सत्यनारायण व्रत का पालन करते है और श्री सत्यनारायण के रूप में भगवान विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए पूजा का आयोजन करते है। कहा जाता है कि, पूर्णिमा का दिन भगवान श्री हरि विष्णु के सबसे प्रिय दिनों में से एक है। हिन्दू पंचाग के अनुसार माघ मास में शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा की तिथि इस प्रकार है-
हिन्दू पंचांग के अनुसार, माघ के महीने में 5 फरवरी 2023 के दिन सत्यनारायण का यह व्रत रखा जाएगा। इस व्रत का समय इस प्रकार से है-
पूर्णिमा तिथि प्रारम्भ | 4 फरवरी, समय 09:29 PM से |
पूर्णिमा तिथि समापन | 5 फरवरी, समय 11:58 PM तक |
• हिन्दू धर्म में पूर्णिमा की तिथि का धार्मिक महत्व बहुत अधिक बताया जाता है।
• इस व्रत को रखने वाले व्यक्तियों के जीवन से कष्ट एवं सभी प्रकार बाधाएं दूर होती है।
• प्रत्येक पूर्णिमा को श्री सत्यनारायण का व्रत करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है।
• इस दिन विधि-विधान से व्रत रखने पर भगवान विष्णु स्वास्थ्य, धन और समृद्धि का आशीर्वाद प्रदान करते है।
• ज्योतिषशास्त्र के अनुसार इस दिन चन्द्रमा की किरणों से आध्यात्मिक और शारीरिक शक्ति में विकास होता है।
• जातक, जो शादी के लिए इच्छुक है या जीवन साथी की तलाश कर रहे है, उन्हें भगवान विष्णु की कृपा पाने के लिए इस व्रत का पालन करना चाहिए।
भक्तों के जीवन से सभी प्रकार की बाधाओं को दूर करने वाला सत्यनारायण का यह व्रत अनेक सुख प्रदान करने वाला है। इस दिन आपको विशेष तौर पर विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करना चाहिए। इसके साथ ही, भगवान विष्णु के मंत्रो का विधि-विधान से जाप करना चाहिए।
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