महिलाओं के लिए तीज का दिन खास होता है। श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया को हरियाली तीज मनाई जाती है। लेकिन तीज से एक दिन पहले आने वाला सिंजारा भी खास महत्व रखता है। खासकर विवाहित महिलाओं के लिए यह पर्व विशेष होता है। आइए जानते हैं, 2025 में सिंजारा कब मनाया जाएगा और हरियाली तीज पर इस दिन का क्या महत्व है-
हरियाली तीज से जुड़ी कई परंपराएं हैं, जिनमें से एक है सिंजारा। सिंजारे (sinjara 2025) का मतलब होता है, श्रृंगार और सुहाग की चीजें। इस दिन अविवाहित लड़कियों को उनके ससुराल से सुहाग की सामग्री, जैसे गहने, कपड़े, मेहंदी, मिठाई और फल भेजे जाते हैं। वहीं, विवाहित महिलाओं को उनके मायके से भी सिंजारा भेजा जाता है।
सिंजारे के दिन मेहंदी लगवाना बेहद खास माना जाता है। इस दिन महिलाएं साज-श्रृंगार कर नए कपड़े पहनती हैं और मां गौरा की पूजा करती हैं।
हर साल श्रावण शुक्ल तृतीया को हरियाली तीज मनाई जाती है। तीज से एक दिन पहले, यानी दूज को सिंजारा पर्व मनाने की परंपरा है। पंचांग के अनुसार, सिंजारा 26 जुलाई, 2025 (Sinjara 2025 Date) को शनिवार को मनाया जाएगा।
सिंजारा के एक दिन पहले, विवाहित महिलाओं को उनके मायके से सोलह श्रृंगार का सामान भेजा जाता है।सुहाग के सामान के साथ ही कपड़े, फल और मिठाइयां भी भेजी जाती हैं।
इस दिन का खास महत्व है क्योंकि इस दिन माता-पिता अपनी बेटी को सुख-समृद्धि और अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद देते हैं।
कुंवारी कन्याएं अच्छे और सुयोग्य वर के लिए हरियाली तीज का व्रत करती हैं। वही जिन लड़कियों की सगाई या शादी तय हो चुकी होती है, उनके ससुराल से सुहाग की चीजें भेजी जाती हैं।।
सिंजारे की सुहाग सामग्री (List of Sinjara Items) में प्रमुख रूप से ये वस्तुएं शामिल हैं-
• आभूषण
• बिछिया
• सिंदुर
• झुमके
• काजल
• नथ
• पायल
• कंघा
• गजरा
• हरी चूड़ियां
• अंगूठी
• बिंदी
• बाजूबंद
• मेहंदी
• मांग टीका
इसके अलावा मिठाई में घेवर, रसगुल्ला और मावे की बर्फी भेजी जाती है। साथ ही लहरिया या नए कपड़े भी भेजे जाते हैं।
हरियाली तीज और सिंजारा (sinjara 2025) का त्योहार महिलाओं के लिए सौभाग्य और खुशियों का प्रतीक है। 2025 में सिंजारा 26 जुलाई को मनाया जाएगा। तीज के इस शुभ अवसर पर, भगवान शिव और माता पार्वती से प्रार्थना करें कि उनका आशीर्वाद सदा ऐसे ही बना रहे और आपको अखंड सौभाग्य की प्राप्ति हो।