हिन्दू घर का शायद ही ऐसा कोई आंगन होगा, जहां तुलसी का पौधा देखने को न मिलता हो। सनातन धर्म में तुलसी के पौधे को सबसे पवित्र पौधों में से एक माना जाता है। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार तुलसी को देवी लक्ष्मी का ही स्वरुप माना गया है। यही कारण है की तुलसी को घर-घर में पूजा जाता है।
हिन्दू धर्म में तुलसी विवाह का बहुत अधिक महत्व है। हर साल कार्तिक शुक्ल पक्ष की द्वादशी के दिन माता तुलसी के साथ शालिग्राम जी के विवाह का आयोजन किया जाता है। तुलसी विवाह का यह आयोजन विवाहित स्त्रियों द्वारा पति और परिवार की सुख-समृद्धि के लिए जाता है। हालांकि, जो महिलाएं अच्छे वर से विवाह की इच्छुक है, वे भी तुलसी विवाह की इस रस्म को कर सकती है। तुलसी विवाह से एक दिन पूर्व भगवान विष्णु चार मास की योगनिद्रा से जागते है, जिसके बाद सभी मंगल कार्यों की शुरुआत हो जाती है और इन्ही में से एक तुलसी विवाह का आयोजन भी है। ऐसे में आइए जानते है इस साल तुलसी विवाह का आयोजन कब किया जाएगा और इसका धार्मिक महत्व क्या है-
हर साल बहुत से लोग कार्तिक शुक्ल एकादशी के दिन तुलसी विवाह का आयोजन करते है, तो वही कई लोग कार्तिक शुक्ल द्वादशी के दिन भी तुलसी विवाह समपन्न करते है। इस साल 5 नवंबर 2022 के दिन तुलसी विवाह का आयोजन किया जाएगा। धार्मिक ग्रंथों में, भगवान विष्णु के योगनिद्रा से जागने के बाद माता तुलसी के साथ शालिग्राम अवतार में उनके विवाह करवाए जाने की परंपरा बताई जाती है। माना जाता है की यदि शुभ मुहूर्त में तुलसी विवाह का यह पूजन किया जाए तो दांपत्य जीवन से सभी प्रकार की बाधाएं दूर हो जाती है।
तुलसी विवाह 2022 तिथि | शनिवार, 5 नवंबर 2022 |
कार्तिक द्वादशी तिथि प्रारंभ | 5 नवंबर 2022, शनिवार, सायं 6:08 बजे |
कार्तिक द्वादशी तिथि समापन | 6 नवंबर 2022 , रविवार, सायं 5:06 बजे |
तुलसी विवाह मुहूर्त | 6 नवंबर को, रविवार, दोपहर 1:09 से 03:18 तक |
1. तुलसी विवाह का पूजन करने से वैवाहिक सुख-समृद्धि बनी रहती है।
2. अविवाहित महिलाओं द्वारा यह व्रत रखने से अच्छे वर की प्राप्ति होती है।
3. इस दिन श्रद्धापूर्वक व्रत रखकर पूजन करने से मनवांछित फल की प्राप्ति होती है।
4. तुलसी विवाह का पूजन करने से विवाह में आने वाली सभी प्रकार की बाधाएं दूर हो जाती है।
5. तुलसी विवाह के दिन कन्यादान करने से वास्तविक कन्यादान के बराबर फल की प्राप्ति होती है।
माना जाता है की तुलसी जी भगवान विष्णु को बहुत प्रिय है, जिस कारण उनके पूजन में हमेशा तुलसी के पत्तों का इस्तेमाल किया जाता है। जिस घर में श्रद्धापूर्वक तुलसी जी का पूजन होता है, वह घर सदा धन-धान्य से भरा रहता है।
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