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अक्षरधाम मंदिर - इतिहास, वास्तुकला और कुछ रोचक तथ्य | Swaminarayan Akshardham Mandir, New Delhi

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भारत की राजधानी दिल्ली में ऐसे बहुत सारे आकर्षण केंद्र है जिसकी चर्चा देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी है, और आज हम उन्ही आकर्षण केंद्रों में से एक स्वामीनारायण अक्षरधाम मन्दिर के बारे में जानकारी देने जा रहे है।

अक्षरधाम मंदिर - इतिहास, वास्तुकला और कुछ रोचक तथ्य | Swaminarayan Akshardham Mandir, New Delhi

सौ एकड़ भूमि के क्षेत्र में फैले इस विशाल मंदिर की अनोखी संस्कृति और खूबसूरती देखते ही बनती है। भारत देश की विविध संस्कृतियों को दर्शाता यह मंदिर अपने अंदर दस हज़ार वर्ष पुरानी धरोहर को समेटे हुए है।

दुनिया भर में प्रसिद्ध इस मंदिर की अनूठी संस्कृति के चलते इसे गिनीज बुक आफ द व‌र्ल्ड रिकॉर्ड्स में भी शामिल किया गया है। आगे हम आपको इस मंदिर से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण जानकारी जैसेइसके इतिहास, वास्तुकला और कुछ रोचक तथ्यों के बारे में बताने जा रहे है।


अक्षरधाम मंदिर का इतिहास | History of Swaminarayan Akshardham Mandir

History of Akshardham Mandir, Delhi

अक्षरधाम मंदिर का निर्माण सन 2000 को नवम्बर माह की 6 तारीख को हुआ था। इसके निर्माण का कार्य बीएपीएस नामक एक संस्था ने किया था।

अक्षरधाम मंदिर के निर्माण में जिस व्यक्ति ने मुख्य भूमिका निभाई वो थे इस संस्था के प्रमुख-स्वामी महाराज। स्वामी महाराज के नेतृत्व में बने इस मंदिर ने दुनियाभर में बहुत प्रसिद्धि हासिल की।

इस भव्य मंदिर के निर्माण में लगभग 5 साल का समय लगा, जिसमें लगभग 11 हज़ार से कारीगरों ने अपना सहयोग दिया। अक्षरधाम मंदिर के विशाल परिसर की बात की जाए तो इसे बनाने में गुलाबी, सफेद संगमरमर और बलुआ पत्थरों का इस्तेमाल किया गया है।

भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के द्वारा इस भव्य मंदिर का उद्घाटन ठीक 5 साल के पश्चात6 नवम्बर 2005 को किया गया। वर्ष 2007 में विश्व के सबसे बड़े हिन्दू मंदिर होने के कारण इसे गिनीज बुक ऑफ व‌र्ल्ड रिका‌र्ड्स में भी शुमार किया गया। इतना ही नहीं साल 2010 में दिल्ली में आयोजित हुए कामनवेल्थ गेम्स भी इसके परिसर के एक भाग में खेले गए थे।


अक्षरधाम मंदिर की वास्तुकला | Architecture of Akshardham Mandir, New Delhi

Architecture of Akshardham Mandir, Delhi

अक्षरधाम मंदिर की वास्तुकला बेहद अद्वितीय है जिसका एक मुख्य कारण यह भी है की इसका निर्माण भारत के प्राचीन वास्तु शास्त्र एवं पंचरात्र शास्त्र के आधार पर किया गया है।‌ यह मंदिर परिसर लगभग 86342 वर्ग फुट के क्षेत्र में फैला हुआ है। वहीं अगर बात की जाए इसकी चौड़ाई और लम्बाई की तो यह 356 फुट लंबा और 316 फुट चौड़ा है, इसके साथ ही इसकी ऊंचाई 141 फुट है।

इस मंदिर में 230 के लगभग आभूषित खंभे और 9 डोम है। बताया जाता है इन डोम में 20000 देवी- देवताओं, ऋषि- मुनियों और आचार्यों की मूर्तियां शामिल है। यदि हम इस मंदिर परिसर के निचले हिस्से की बात करें तो वहां एक स्तम्भ मौजूद है जो हाथी को श्रद्धांजलि देता हुआ प्रतीत होता है।भारतीय संस्कृति में ऐसे स्तम्भ को बहुत अधिक महत्वपूर्ण बताया जाता है।

अक्षरधाम मंदिर के भव्य परिसर के बीचोबीच मौजूद एक गुम्बद के निचले भाग में स्वामीनारायण भगवान की मूर्ति स्थापित है, जिसकी ऊंचाई 11 फूट है।‌ यहां पर स्थापित की गई सभी मूर्तियां का निर्माण पञ्च धातु से किया गया है।


अक्षरधाम मंदिर से जुड़े कुछ रोचक तथ्य | Some Interesting Facts of the Temple

अक्षरधाम मंदिर के मुख्य परिसर के चारों ओर एक सरोवर है जिसे नारायण सरोवर के नाम से भी जाना जाता है। इस सरोवर के बारे में यह बताया जाता है की इसमें देश के लगभग 151 सरोवर और नदियों का जल भरा हुआ है। इसके साथ ही सरोवर के पास 108 गोमुखों का भी निर्माण किया गया है।

अक्षरधाम मंदिर का प्रमुख आकर्षण है म्यूजिकल फाउंटेन शो। यह म्यूज़िकल फाउंटेन शो शाम को दर्शकों के लिए आयोजित किया गया है जिसकी अवधि लगभग 15 मिनट की है।

अक्षरधाम मंदिर का एक और आकर्षण इसका गार्डन है, मंदिर के सभी ओर फैली हरियाली से इस मंदिर की शोभा और भी ज्यादा बढ़ जाती है। इस लॉन की एक खास बात यह भी है की इसमें देशभक्तों को श्रद्धांजलि देने के लिए कांस्य की मूर्तियां भी स्थापित की गई है।

अक्षरधाम मंदिर विश्व के विशालतम हिन्दू मंदिरों में से एक है जिसके चलते इस मंदिर का नाम गिनीज बुक और वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी दर्ज किया जा चुका है। इसके साथ ही इस मंदिर के बारे में एक खास बात यह भी हैकी इतने विशाल मंदिर को बनाने में मात्र 5 वर्षों का समय लगा। यह निश्चित तौर पर दिन-रात काम करने वाले लगभग 11000 कारीगरों की मेहनत का ही नतीजा था।

भगवान स्वामीनारायण का यह मंदिर भारतीय संस्कृति और इतिहास को भली-भांति दर्शाता है। दर्शकों के लिए इस मंदिर में एक स्क्रीन भी लगाई गई है जिस पर भगवान स्वामीनारायण के जीवन का वृतांत दर्शाया जाता है।

अक्षरधाम का एक और मुख्य आकर्षण केंद्र है इसका यज्ञ पुरुष कुण्ड। इस कुंड के बारे में यह बताया जाता है की यह विश्व का सबसे बड़ा यज्ञ कुंड है। इस कुंड का निर्माण कमल के पुष्प के आकार में किया गया है, जिसमें 108 छोटे तीर्थस्थान है। बताया जाता ही की यह कुंड ज्योमेट्री के अनुसार एकदम सटीक बनाया गया है।

अगर आप भी अक्षरधाम मंदिर में दर्शन करने का मन बना रहे है तो आपको बता दें की यह मंदिर हफ्ते में 6 दिन यानी मंगलवार से रविवार तक खुलता है वहीं सोमवार को यह मंदिर दर्शनार्थियों के लिए बंद रहता है। इस मंदिर के खुलने और बंद होने का समय निम्नलिखित है:


  • प्रवेश समय :- सुबह 10:00 बजे से शाम 6:30 बजे तक
  • दर्शन समय :- सुबह 10:00 बजे से रात 8:00 बजे तक
  • आरती का समय :- शाम 6:00 बजे

इसके साथ ही बता दें इस मंदिर में किसी भी प्रकार की फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी की अनुमति नहीं दी जाती है।

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। Dharmsaar इसकी पुष्टि नहीं करता है।)

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