हिंदू पंचांग के अनुसार, हर माह की शुक्ल और कृष्ण पक्ष की 11वीं तिथि को एकादशी व्रत रखा जाता है। ऐसे में प्रत्येक हिन्दू माह में दो बार एकादशी व्रत का विधान है। एकादशी का यह व्रत मुख्य रूप से भगवान हरि और उनके परम अवतार भगवान कृष्ण को समर्पित है। कहा जाता है की जो भी भक्त विधि-विधान से यह व्रत रखते है उन्हे मोक्ष की प्राप्ति होती है।
आइए जानते हैं एकादशी व्रत की विधि (Ekadashi Vrat Vidhi) क्या है और इसके कुछ विशेष नियम एवं अनुष्ठान।
1. एकादशी के दिन प्रातः पेड़ से तोड़ी हुई लकड़ी की दातुन नहीं करना चाहिए।
2. इस दिन मांस, प्याज और मसूर की दाल का सेवन बिल्कुल नहीं करना चाहिए।
3. ध्यान रखें, इस दिन पेड़ से पत्ते तोड़ना वर्जित है। केवल गिरे हुए पत्तों का ही उपयोग करें।
4. स्नान आदि से निवृत्त होने के बाद मंदिर जाएं। इसके बाद मंदिर या पूजन स्थल पर गीता का पाठ करें।
5. भगवान नारायण के सामने यहां दी गई बातों का संकल्प करें-
• आज से मैं दुराचारी, चोर और पाखंडी से बात नहीं करूंगा।
• किसी को कड़वी बातें कहकर दुख नहीं पहुंचाऊंगा।
7. एकादशी व्रत के दिन रात में जागरण करने के विधान है। इस दिन जितना हो सके कीर्तन करें।
8. भगवान विष्णु के बीज मंत्र 'ॐ नमो भगवते वासुदेवाय' मंत्र का जाप करें। आप विष्णु सहस्रनाम का पाठ भी कर सकते है।
9. एकादशी के दिन घर में झाड़ू नहीं लगानी चाहिए। इस दिन बाल भी नहीं कटवाएं और ज्यादा न बोलें।
10. इस दिन गरीब और ज़रूरतमंदों को अन्नदान करें। लेकिन दूसरों का दिया हुआ अन्न न लें।
11. इस दिन गरीब और ज़रूरतमंदों को अन्नदान करें। दूसरों का दिया हुआ अन्न न लें। खासतौर पर कपट से दूर रहें।
12. द्वादशी का व्रत पारण करें। इस दिन ब्राह्मणों को मिष्ठान्न और दक्षिणा दें।
13. किसी रिश्तेदार की मृत्यु हो तो एकादशी व्रत का फल उसके लिए संकल्प करके दे सकते हैं। गंगा जी में पुष्प या अस्थि प्रवाह करने पर भी एकादशी व्रत रखकर उसका फल दे सकते हैं।
• एकादशी के दिन अनाज और दालों से बचना चाहिए।
• खाना पकाने में मसाले का इस्तेमाल कर सकते हैं, लेकिन सरसों के बीज इस्तेमाल नहीं करें।
• तिल का इस्तेमाल केवल षटतिला एकादशी पर किया जा सकता है।
• ध्यान रखें, ऐसी सामग्री का प्रयोग न करें जिसमें अनाज मिला हो।
• भगवान विष्णु के प्रसाद में भी इन सभी खाद्य सामग्री का प्रयोग न करें।
फल, राजगिरा का आटा, सिंघाड़े का आटा, फल, साबूदाना, मखाना, कुट्टू का आटा और दूध।