देवी के दस महाविद्या में आठवे स्थान पर पूजे जाने वाली मां बगलामुखी स्तम्भन शक्ति की देवी मानी जाती है। इन्हें पीताम्बरा के नाम से भी जाना जाता है। बगलामुखी यंत्र का प्रयोग दुश्मनों को हराने कानूनी मसलों का निपटारा करने, झगड़ो को सुलझाने और कम्पटीशन एक्साम्स में, सफलता प्राप्त करने के लिए किया जाता है।
प्राचीन काल से बगलामुखी यंत्र का प्रयोग होता आया है। आपको बता दे ,बहुत से राजा-महाराजा शत्रुओं पर विजय हासिल करने के लिए इस यंत्र की उपासना करते थे। यदि पुरे विधि-विधान से इस यंत्र की घर में स्थापना की जाए, तो यह दुर्घटना से बचाव करने के साथ ही बुरी शक्तियों का भी नाश करता है। लेकिन इस यंत्र को स्थापित करने से पहले इससे जुड़े कुछ नियमों का विशेष ध्यान रखना चाहिए। आइये जानते है क्या है ये नियम:
जैसे के हमने इस ब्लॉग के शुरुआत में आपको बताया की इस यंत्र के एक नही बहुत से फायदे है, और यहां हम बगलामुखी यंत्र से जुड़े कुछ अन्य फायदे बता रहे है:
बगलामुखी यंत्र के अनेको फायदे है लेकिन यह आपके लिए तभी फायदेमंद है जब आप जब आपका इसका दैनिक पूजन करें। देवी बगलामुखी को पीला रंग बहुत ही प्रिय है और यही कारण है की इस यंत्र का पूजन भी आपको पीले रंग के वस्त्र धारण करके ही करना चाहिए। इसके साथ ही इस यंत्र पर पीले पुष्प अर्पित करना बहुत ही शुभ माना जाता है। माना जाता है की पीले रंग की वस्तुएं अर्पित करने से मां बगलामुखी प्रसन्न होती है और जातक को उनका मनवांछित फल भी प्रदान करती है। आप इस यंत्र का प्रयोग करते समय नीचे दिए गए इस चमत्कारी मन्त्र का भी प्रयोग कर सकते है:
ॐ ह्रीं बगलामुखी सर्व दुष्टानाम वाचं मुखम पदम् स्तम्भय।
जिव्हां कीलय बुद्धिम विनाशय ह्रीं ॐ स्वाहा।।
यंत्र अपने आप में ही बहुत ही प्रभावशाली साबित होते है, साथ ही इनके माध्यम से देवी-देवताओं को बहुत जल्दी प्रसन्न किया जा सकता है। कहा जाता ही की मां बगलामुखी की कृपा अगर हो जाए तो उस व्यक्ति को भय से मुक्ति मिल जाती है और साथ ही उसके जीवन से सभी तरह के नकारात्मक प्रभाव भी दूर हो जाते है। यदि आप भी जीवन में सभी कष्टों से मुक्ति पाना चाहते है, तो आज ही देवी बगलामुखी के इस यंत्र को स्थापित करें।