माना जाता है की माघ शुक्ल चतुर्थी को गणेश जी का जन्म हुआ था। इस दिन को हम गणेश जयंती या विनायक चतुर्थी के रूप में मनाते हैं। इस साल गणेश जयंती 4 फ़रवरी, शुक्रवार को आएगी।
माघ महीने के दौरान गणेश जयंती मुख्य रूप से महाराष्ट्र और कोंकण के तटीय क्षेत्रों में मनाई जाती है। भारत के अधिकांश हिस्सों में, भाद्रपद महीने के दौरान भगवान गणेश की जयंती मनाई जाती है और इसे गणेश चतुर्थी के रूप में जाना जाता है। गणेश चतुर्थी के समान, मध्याह्न व्यापिनी पूर्वविद्या चतुर्थी (मध्याह्न व्यापिनी पूर्वविद्या चतुर्थी) को गणेश जयंती माना जाता है।
यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि गणेश चतुर्थी महाराष्ट्र में सबसे प्रसिद्ध त्योहारों में से एक है, हालांकि इसे सर्वसम्मति से भगवान गणेश की जयंती के रूप में नहीं मनाया जाता है। यह माघ महीने के दौरान गणेश जयंती है जिसे भगवान गणेश की जयंती माना जाता है।
गणेश जयंती के उत्सव पर आप गणेश जी की विशेष पूजा से उनको प्रसन्न क्र सकते हैं। इस दिन आप न केवल उनकी पूजा कीजिये, बल्कि उन्हें प्रसन्न करने के और भी बहुत से ऐसे उपाय हैं जिसमें से जो आपको अच्छा लगे वो अपना सकते हैं। आइये देखते हैं की वो कौनसे उपाय हैं जिनसे गणेश जी को आप प्रसन्न कर सकते हैं।
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गणेश यंत्र को अत्यंत शुभ माना जाता है। कहते हैं गणेश जयंती के दिन इसे घर में स्थापित करने से घर में सुख और समृद्धि बानी रहती है। तो आप भी गणेश यंत्र की स्थापना करें जिससे गणेश जी आप पे भी प्रसन्न हों।
गणपति जी से 2 जीव जुड़े हैं - हाथी, वो रूप जो हम सभी जानते हैं और दूसरा है मूषक (चूहा) जो की गणपति जी की सवारी है। कहते हैं की इस दिन हाथी को चारा (जैसे की गन्ना) खिला कर आप गणेश जी को प्रसन्न कर सकते हैं जिससे की वो आप पे प्रसन्न होकर आपकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं। साथ ही इस दिन चूहे को अनाज खिलाना भी शुभ माना गया है।
बिना किसी लालच के ज़रूरतमंद की मदद करने से न केवल आपको ख़ुशी मिलती है, बल्कि इससे तो सभी भगवान प्रसन्न होते हैं। गणेश जयंती के दिन ज़रूरतमंदों को अनाज, वस्त्र आदि चीज़ों का दान ज़रूर करें जिससे गणेश जी प्रसन्न होकर आपके सभी विघ्न दूर करें।
नोट: बिना किसी पर्व के भी ज़रूरतमंदों की मदद करनी चाहिए।
ये तो सभी को पता है की गणपति को मोदक कितने पसंद हैं। अब गणेश जयंती बिना मोदक प्रसाद के अधूरी तो रहेगी ना। मोदक के भोग के साथ भगवन गणेश को दूर्वा की 5 गाँठ अर्पित करें। साथ ही आप गणेश चालीसा, गणेश मंत्र, गणेश स्तुति एवं गणेश जी की आरती भी कर सकते हैं।
नोट: यदि आप मोदक का भोग लगाने में सक्षम नहीं हैं तो आप लड्डू का भोग भी लगा सकते हैं।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। Dharmsaar इसकी पुष्टि नहीं करता है।)