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Gomed Upratna Pendant : सुन्दर होने के साथ साथ आपके जीवन को भी सुन्दर बना देगा ये गोमेद रत्न, जाने इसके लाभ

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इस धरती पर कई तरह के रत्न और धातुएं पाई जाती हैं। कुछ के बारे में हम जानते हैं, लेकिन कई अब भी हमारे लिए अज्ञात हैं। आज हम जिस रत्न की बात करेंगे, वह है गोमेद रत्न। हिंदू धर्म और ज्योतिष में इसे बहुत शुभ माना जाता है। ज्योतिष विज्ञान के अनुसार, गोमेद एक सुंदर रत्न है, जिसे पहनने से व्यक्ति का जीवन भी सुंदर हो जाता है। हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार, अलग-अलग राशियों के लोगों को विशेष रत्न पहनने की सलाह दी जाती है, और गोमेद रत्न भी इनमें शामिल है।

Gomed Upratna Pendant : सुन्दर होने के साथ साथ आपके जीवन को भी सुन्दर बना देगा ये गोमेद रत्न, जाने इसके लाभ

गोमेद रत्न को राहु ग्रह से जुड़ा माना जाता है। ज्योतिष के अनुसार, राहु को पाप ग्रह माना जाता है, और उसके दुष्प्रभाव को कम करने के लिए गोमेद रत्न (Gomed stone)पहनने की सलाह दी जाती है। लेकिन ध्यान रखें, गोमेद के साथ मूंगा, पुखराज या माणिक्य रत्न नहीं पहनना चाहिए, क्योंकि इससे दुर्भाग्य आ सकता है। गोमेद रत्न को पहनने से रुके हुए काम पूरे होते हैं और व्यक्ति को हर क्षेत्र में सफलता मिलती है।

सनातन धर्म के रत्न शास्त्र में 9 रत्न और 84 उपरत्नों का वर्णन मिलता है। ग्रहों की कमजोर स्थिति को सुधारने के लिए रत्न धारण किए जाते हैं। गोमेद रत्न पहनने से बीमारियां और परेशानियां दूर होती हैं, जिससे व्यक्ति को सुखद जीवन मिलता है। इस ब्लॉग में हम जानेंगे कि किन राशियों के लोग गोमेद रत्न पहन सकते हैं और इसके क्या लाभ हैं। तो इस ब्लॉग को अंत तक जरूर पढ़ें।


गोमेद रत्न के लाभ (Benefits of Gomed Ratna)

• ज्योतिष के अनुसार, राहु की महादशा में गोमेद पहनना फायदेमंद होता है। इसे पहनने से दुश्मनों पर जीत हासिल होती है और मन में सकारात्मकता आती है।

• गोमेद धारण (Gomed stone benefits) करने से एकाग्रता बढ़ती है और नींद न आने की समस्या दूर होती है। यदि पेशेवर लोग इसे पहनते हैं तो उनके अधूरे प्रोजेक्ट पूरे हो जाते हैं।

• ज्योतिष के अनुसार, मंगल पर शनि और राहु-केतु की दृष्टि होने से ब्लड कैंसर जैसी बीमारियाँ हो सकती हैं। यदि किसी को ब्लड कैंसर है तो उसे लहसुनिया या गोमेद धारण करना चाहिए।

• अगर आपका पेट ठीक नहीं रहता है या आप पेट की समस्याओं से परेशान हैं, तो गोमेद पहन सकते हैं। यह रत्न शरीर की ताकत बढ़ाता है।

• गोमेद मस्तिष्क पर भी सकारात्मक प्रभाव डालता है। यह पत्थर तनाव और अवसाद को कम करने में मदद करता है।

• राजनीति, जनसंपर्क और संचार के क्षेत्र में काम करने वाले लोगों को गोमेद पहनने से बहुत लाभ होता है। यह शक्ति, धन और सफलता लाता है।

• जो लोग मन में भ्रम और आशंकाओं से घिरे रहते हैं, उन्हें राहु का रत्न पहनना चाहिए। यह स्टोन विचारों को स्पष्ट करता है, डर को दूर करता है, आत्मविश्वास बढ़ाता है, और प्रेरित करता है।


गोमेद रत्न किसे पहनना चाहिए?(Who Should Wear Gomed Ratna?)

गोमेद रत्न उन लोगों को पहनना चाहिए जिनकी कुंडली में राहु दोष हो। ज्योतिषियों के अनुसार, इस रत्न पर राहु ग्रह का प्रभाव होता है। राहु को प्राचीन काल से ही एक अशुभ और दुष्ट ग्रह माना गया है। अगर किसी की कुंडली में राहु दोष होता है, तो उसे कई मुश्किलों और परेशानियों का सामना करना पड़ता है। ऐसे लोगों को गोमेद रत्न पहनने की सलाह दी जाती है।

वैदिक ग्रंथों के अनुसार, कुंभ राशि वाले लोगों को गोमेद रत्न(Gomed stone benefits) पहनना चाहिए क्योंकि यह उनका आधिकारिक रत्न माना गया है। इसके अलावा, तुला, वृषभ और मिथुन राशि के लोगों को भी गोमेद रत्न पहनने की सलाह दी जाती है। इस रत्न को बहुत शक्तिशाली माना जाता है, इसलिए इसे पहनने से पहले किसी अनुभवी ज्योतिषी से अपनी कुंडली जरूर दिखाएं और उनकी सलाह पर ही इसे धारण करें।


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गोमेद धारण करने की आसान विधि और नियम (Easy method and rules for wearing Gomed)

राहु के रत्न गोमेद को पहनने का सबसे अच्छा दिन शनिवार है। इसे शुक्ल पक्ष के किसी भी शनिवार को, शनि की होरा या स्वाति, आद्रा या शतभिषा नक्षत्र में पहनना चाहिए।


गोमेद को पहनने की प्रक्रिया:(Process of wearing Gomed)

सुबह जल्दी उठें:

नहा-धोकर अपनी रोज की पूजा-पाठ करें।

पूजा घर में बैठ जाएं और अपना रत्न साथ में रखें।

रत्न का शुद्धिकरण:

एक धातु का कटोरा लें और उसमें गोमेद रखें।

पवित्र गंगा जल या पंचामृत (कच्चा दूध, घी, शहद, शक्कर और दही का मिश्रण) से रत्न को स्नान कराएं।

कुछ तुलसी के पत्ते भी डालें।

थोड़ी देर के लिए रत्न को उसमें रहने दें।

रत्न को साफ करें:

अब रत्न को निकालकर साफ पानी से धो लें।

एक साफ कपड़े से उसे पोंछ लें।

मंत्र जाप:

अपने ईश्वर को याद करते हुए पूर्ण समर्पण से नीचे दिए गए मंत्र को 108 बार बोलें:

ॐ रां राहवे नमः।

जब आप इस मंत्र को आखिरी बार बोल रहे हों, तब अपने रत्न को पहन लें।

ध्यान रखने योग्य बातें:

रत्न को हमेशा स्वच्छ और पवित्र रखें।

नियमित रूप से इसे साफ करते रहें और पूजा करते समय पहनें।

इस सरल और सहज विधि से गोमेद धारण करने से आपको राहु के शुभ प्रभाव प्राप्त होंगे और जीवन में सकारात्मकता आएगी।

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(यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Dharmsaar इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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