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Hindu Nav Varsh 2024: अंग्रेजी न्यू ईयर से कैसे अलग है हिंदू नव वर्ष? जानें इसके पीछे के तथ्य और कारण

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जैसा कि आप जानते है, हर साल 1 जनवरी को न्यू ईयर मनाया जाता है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि यह तारीख सनातन धर्म के नववर्ष पर लागू क्यों नहीं होती? यदि नहीं, तो आज के ब्लॉग में हम हिंदू नववर्ष से जुड़े रोचक तथ्यों के बारे में बात करेंगे।

Hindu Nav Varsh 2024: अंग्रेजी न्यू ईयर से कैसे अलग है हिंदू नव वर्ष? जानें इसके पीछे के तथ्य और कारण

हिंदू धर्म में न्यू ईयर न मनाते हुए, नव संवत्सर को नव वर्ष के रूप में मनाया जाता है। ब्राह्मण पुराण में कहा गया है कि ब्रह्माजी ने भगवान नारायण के आदेश पर ब्रह्मांड का निर्माण किया। ऐसा माना जाता है कि सृष्टि की रचना का दिन चैत्र मास की शुक्ल पक्ष प्रतिपदा थी। इसलिए इस दिन धार्मिक कार्य करना बहुत शुभ माना जाता है।

भारत में हिंदू धर्म को विभिन्न नामों से जाना जाता है। इसमें चेटी चंड, गुड़ी पड़वा, युगादि और नव संवत्सर जैसे नाम शामिल हैं। ऐसे में, आइए जानते है कि हिंदू नव वर्ष का प्रारंभ समय क्या है और यह अंग्रेजी कैलेंडर से कैसे अलग माना जाता है।


Hindu Nav Varsh 2024 Date | हिंदू नव वर्ष 2024 तिथि

हिंदू कैलेंडर के अनुसार इस बार चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि 9 अप्रैल 2024 को पड़ रही है। ऐसे में हिंदू नव वर्ष का शुभारंभ 9 अप्रैल 2024 को होने जा रहा है।


अंग्रेजी न्यू ईयर से कैसे अलग है हिंदू नव वर्ष?

हिंदू पंचांग में नव वर्ष को नूतन संवत्सर कहते हैं, जो इस समय 2080 विक्रम संवत्सर है। हिंदू पंचांग के अनुसार, चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि 2081 का नव वर्ष होगी।

पश्चिमी सभ्यता के अनुसार, 1 जनवरी को न्यू ईयर मानते हैं, जो जूलियन कैलेंडर पर आधारित है। इन दोनों के बीच एक वर्ष का अंतराल है। हिंदू पंचांग के अनुसार, इस बार नया साल 2081 होगा, लेकिन जूलियन कैलेंडर में साल 2024 है। दोनों में 57 साल का अंतर है। ऐसे में यह कहा जा सकता है कि हिंदू नववर्ष अंग्रेजी नववर्ष से लगभग पचास साल पहले आता है।


कैसे प्रांरभ हुआ हिंदू पंचांग या कैलेंडर?

हिंदू धर्म में नव वर्ष या नव संवत्सर का उत्सव मनाया जाता है। इस शुभ पर सभी प्रमुख देवताओं, वेदों, पंचांगों और भगवान श्री गणेश का पूजन किया है।

2000 साल पहले, उज्जेन के राजा विक्रमादित्य ने विक्रम संवत शुरू किया था। हिंदू धर्म में चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा को महत्व देते हुए विक्रमादित्य ने इस पंचांग को सम्पूर्ण भारत में बढ़ावा दिया।


Hindu Nav Varsh Rituals | हिंदू नव वर्ष के मुख्य अनुष्ठान

• हिंदू नववर्ष के दिन पूजा-पाठ का विशेष महत्व माना जाता है।

• इस नव वर्ष के दिन कलश स्थापना के साथ नवरात्रि का भव्य शुभारंभ किया जाता है।

• नए साल पर सबसे पहले भगवान गणेश की पूजा की जाती है और उसके बाद सभी देवी-देवताओं की पूजा करने की परंपरा (Hindu Nav Varsh Rituals) है। फिर कलश स्थापना के साथ ही नवरात्रि की शुरुआत होती है।

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