सनातन धर्म में भगवान शनिदेव की बहुत अधिक महत्ता बताई जाती है। हिन्दू मान्यताओं के अनुसार शनि जल्दी से क्रोधित हो जाने वाले देवताओं में से एक माने जाते है। इसके साथ ही माना तो यह भी जाता हैकी अगर शनि देव किसी से रुष्ट हो जाए, तो उस व्यक्ति के कठिन दिन शुरू हो जाते है। ऐसे में आज हम आपको शनिदेव को प्रसन्न करने के कुछ उपाय बताने जा रहे है।
इस वर्ष शनि जयंती मई के आखरी सोमवार को मनाई जाएगी। भगवान शनिदेव सूर्य के पुत्र थे और इनका जन्म वैशाख - ज्येष्ठ माह की अमावस्या के दिन हुआ था। शनि को न्यायशील देवता के रूप में जाना जाता है। वहीं ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सभी ग्रहों में से अगर शनि का प्रकोप किसी राशि पर पड़ जाए तो यह एक विकट परिस्थिति को उत्पन्न कर सकती है। ऐसे में शनि जयंती के उपलक्ष्य में यहाँ दिए उपाय आपके लिए मददगार साबित हो सकते है।
आइये जानते है क्या है यह 5 उपाय-
इस दिन सबसे पहले तो सुबह जल्दी उठकर स्नान करें। उसके पश्चात एक पाटे पर साफ़-सुथरा काले रंग का वस्त्र बिछाकर उस पर शनिदेव की प्रतिमा या तस्वीर को स्थापित करें। इसके बाद पूजा-अर्चना आदि प्रांरभ करें। शनिदेव की पूजा करते समय मंत्रोच्चारण का विशेष तौर से ध्यान रखे। 'ॐ शं शनैश्चराय नम:' मंत्र के साथ ही शनि चालीसा का पाठ भी शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए लाभकारी साबित होगा। इन सब के साथ ही, कुंडली में शनि के प्रकोप और दुष्प्राभवों को कम करने के लिए आप शनि यंत्र का भी प्रयोग कर सकते है।
अक्सर देखा जाता है की लोग अपनी व्यस्तता के चलते घर पर विधि-विधान से पूजा नहीं कर पाते है, ऐसे में आप आस-पास के किसी शनि मंदिर जाकर भी पूजा कर सकते है। शनि जयंती के मौके पर आप शनि मंदिर जाकर तेल के साथ काले तिल, काली दाल आदि शनि देव की प्रतिमा पर अर्पित कर सकते है, इससे न सिर्फ शनिदेव प्रसन्न होंगे बल्कि मनवांशित फल भी प्रदान करेंगे।
दान का बहुत अधिक महत्व माना गया है। किसी भी व्यक्ति के लिए दान बहुत ही कल्याणकारक साबित होता आया है। शनिदेव के बारे में एक मान्यता यह भी है की यह कर्मो के अनुसार फल प्रदान करते है, ऐसे में शनि जयंती के दिन दान आदि करना अच्छे कार्यो में से एक माना जाता है। इस दिन आप जरूरतमंदों को काले रंग की वस्तुएं दान कर सकते है। इन वस्तुओं में वस्त्र, भोजन, तेल इत्यादि शामिल है।
हिन्दू धर्म में शनि देव के प्रकोप से बचने के लिए पीपल के वृक्ष की पूजा की बहुत महत्ता बताई गई है। ऐसे में शनि जयंती के दिन आप पीपल के पेड़ के पास जाकर सभी पूजा सामग्री अर्पित करें। पूजा समाप्त होने के बाद आप पीपल के वृक्ष के चारों ओर परिक्रमा लगाए और इस दौरान शनि मंत्र का भी जाप करें।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार हनुमान जी की उपासना, शनि दोष से मुक्ति के लिए बहुत ही लाभकारी साबित होती है। ऐसे में हम शनि जयंती के अवसर पर हनुमान चालीसा और सुन्दरकाण्ड के पाठ कर सकते हैं। इसके साथ ही हर शनिवार को हनुमान जी की पूजा आदि करने से भी शनि देव अत्याधिक प्रसन्न होते है और मनवांशित फल प्रदान करते है।
शनि जयंती के इस पावन अवसर पर, पूरी श्रद्धा के साथ इन उपायों को करने से न सिर्फ आप रोग-दोष आदि से मुक्त होंगे बल्कि आपके स्वास्थ्य में भी सुधार होगा।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। Dharmsaar इसकी पुष्टि नहीं करता है।)
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