हिन्दू धर्म में माना जाता है कि घर में शुभ प्रतीक चिन्हों को रखने से नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है और सकारात्मकता, खुशहाली और समृद्धि की वृद्धि होती है। इसी कारण हिन्दू लोग अपने घरों में ऐसे प्रतीक चिन्ह रखते हैं। उनमें से एक लाफिंग बुद्धा भी है, जिसे फेंगशुई और वास्तु शास्त्र में महत्व दिया जाता है।
लाफिंग बुद्धा, जिसे 10वीं सदी के चीनी भिक्षु बुडाई के रूप में जाना जाता है, आपको आभारी महसूस कराता है, बाधाओं को दूर करता है और जीवन में खुश रहने का संदेश देता है। फेंगशुई के अनुसार, घर में मूर्तियों को रखने से व्यक्ति के जीवन में संतुलन और समृद्धि आती है।
लाफिंग बुद्धा की मूर्तियाँ विभिन्न प्रकार की होती हैं और उनके अलग-अलग प्रकारों के अलग-अलग फायदे होते हैं। जैसे बैठे हुए लाफिंग बुद्धा को घर या दुकान में रखने से दुर्भाग्य से मुक्ति मिलती है और पैसों की समस्याओं का हल होता है। बच्चों के संग वाले लाफिंग बुद्धा को परिवार में सुख-समृद्धि और तरक्की के लिए रखा जाता है। बैग के साथ वाले लाफिंग बुद्धा को दुकान पर रखने से व्यापार में सफलता मिलती है और दोनों हाथों को उठाए हुए लाफिंग बुद्धा को घर में रखने से तरक्की होती है।
• अगर आपके घर में कोई लाफिंग बुद्धा की मूर्ति है, तो सबसे उपयुक्त स्थान उसे दक्षिण-पूर्व दिशा में रखना है। यह कहीं भी हो सकता है - जैसे लिविंग रूम, हॉल, डाइनिंग एरिया, या बेडरूम। इससे परिवार की आय में वृद्धि होती है और घर में अधिक संपत्ति का सृजन होता है।
• अगर आप धन को आकर्षित करना चाहते हैं, तो बुद्ध की मूर्ति को घर के प्रवेश द्वार पर रखें। यह बुद्ध को दरवाजे के बाहर आने वाली प्रचुरता का स्वागत करती है और धन की वृद्धि में मदद करती है।
• कार्य-जीवन संतुलन और स्वस्थ संबंधों के लिए, अपने ऑफिस या घर के कार्यालय में लाफिंग बुद्धा की मूर्ति रखें। इससे तनाव कम होता है और कार्य को भी अच्छे से किया जा सकता है।
• अगर आप बुद्ध की मूर्ति को अपने घर की पूर्व दिशा में रखते हैं, तो इससे परिवार के बीच समझौता होता है और तनाव भी कम होता है।
• बच्चों के लिए, उनकी अध्ययन में सफलता के लिए बच्चों की मेज पर लाफिंग बुद्धा की मूर्ति रखना उपयुक्त होता है।
• स्थान का चयन: बुद्धा की मूर्ति को घर के बाथरूम, किचन और शौचालय में नहीं रखना चाहिए। ये स्थान बुद्धि और सौभाग्य को प्रभावित कर सकते हैं।
• स्थानिक विनिमय: मूर्ति को फर्श पर नहीं रखें, बल्कि उच्चायुक्त स्थान पर रखें जैसे कि आंखों के स्तर पर।
• ऊर्जा समर्थन: बुद्ध प्रतिमा को बिजली वाले उपकरणों से दूर रखें, क्योंकि इससे उनके ऊर्जा क्षेत्र को प्रभावित हो सकता है।
• मुख की दिशा: मूर्ति का मुख मुख्य द्वार की दिशा में होना चाहिए।
• पूजा का उपयोग: बुद्धा की मूर्ति को पूजा के लिए नहीं रखना चाहिए, यह केवल सजावट के लिए हो।
• राफ और शू रैक: बुद्धा को राफ या शू रैक पर नहीं रखना चाहिए।
• इन सरल सूत्रों का पालन करके आप अपने घर में लाफिंग बुद्धा की मूर्ति को सही तरीके से स्थापित कर सकते हैं।
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(यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Dharmsaar इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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