श्री मेरु यंत्र देवी महालक्ष्मी के प्रमुख यंत्रों में से एक है। यह यंत्र आध्यात्मिक और सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करता है। श्री यंत्र को सबसे शक्तिशाली यंत्र माना जाता है।कहा जाता है कि जिस घर में मेरु श्रीयंत्र होता है, वहां कभी धन की कमी नहीं होती। आइए जानते हैं मेरु श्रीयंत्र क्या है। इसे आर्थिक तंगी दूर करने के लिए कहां स्थापित करना सबसे प्रभावशाली माना जाता है।
मेरु श्री यंत्र एक शक्तिशाली पिरामिड यंत्र है। इस यंत्र का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। मेरु श्री यंत्र देवी लक्ष्मी की दिव्य ऊर्जा का प्रतीक माना जाता है। कहा जाता है कि देवी महालक्ष्मी स्वयं इस यंत्र में निवास करती हैं। सुमेरु पर्वत के आकार में बना श्री यंत्र और भी भाग्यशाली बताया गया है। शास्त्रों के अनुसार, जहां यह यंत्र होता है, वहां धन और समृद्धि अपने आप खींची चली आती है।
बता दें यह यंत्र नौ परस्पर जुड़े त्रिकोणों से बना होता है। मेरु श्री यंत्र के जरिए आस-पास का वातावरण शुद्ध होता है । साथ ही सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ता है।
श्री मेरु यंत्र को स्थापित करने से भाग्य संबंधी सभी प्रकार के दोष समाप्त होते हैं। यह यंत्र आपके जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है। साथ ही भाग्य को मजबूत बनाता है।
अगर आप अपने घर या ऑफिस में नकारात्मक ऊर्जा का अनुभव कर रहे हैं, तो श्री मेरु यंत्र को वहां स्थापित करें। यह यंत्र नकारात्मकता को दूर करता है और पॉजिटिविटी का संचार करता है।
श्री मेरु यंत्र वास्तु और ग्रह दोष से जुड़ी सभी समस्याओं को दूर करने में सहायक है। यह घर या कार्यालय में शुभता और संतुलन बनाए रखता है।
यदि आप समाज में अपनी मान-प्रतिष्ठा बढ़ाना चाहते हैं, तो श्री मेरु यंत्र की स्थापना करें। यह यंत्र आपकी सामाजिक स्थिति को सुधारने में फायदेमंद माना गया है।
श्री मेरु यंत्र की मदद से आपकी आर्थिक स्थिति में भी सुधार आता है। यह यंत्र धन और समृद्धि को आकर्षित करता है, जिससे आपकी वित्तीय स्थिति मजबूत होती है।
मेरु श्री यंत्र के अधिकतम लाभ को प्राप्त करने के लिए इसे इन स्थानों (Best direction for Meru Shree Yantra) पर स्थापित करें-
वास्तु शास्त्र में, उत्तर-पूर्व को ऊर्जा प्रवाह के लिए सबसे शुभ दिशा माना जाता है। ऐसे में आप मेरु श्री यंत्र को ऑफिस उत्तर-पूर्व दिशा में स्थापित कर सकते है। हालांकि, एक वास्तु विशेषज्ञ से सलाह लेना उचित रहेगा।
मेरु श्री यंत्र के लिए पूजा कक्ष को अत्यधिक शुभ स्थान माना जाता है। आप इसे अपने घर या कार्यस्थल के मंदिर में स्थापित कर सकते हैं। कहा जाता है कि पूजा स्थल पर देवी-देवताओं का वास होता है। ऐसे में इस स्थान पर श्री यंत्र तेजी से देवी लक्ष्मी की कृपा को आकर्षित करता है।
बिजनेस और करियर में उन्नति के लिए मेरु श्री यंत्र को अपनी डेस्क पर रख सकते हैं। ध्यान रखें की इसे अपने ऑफिस के उत्तर या उत्तर-पूर्व कोने में ही रखें। यह धन और सफलता को आकर्षित करने में सहायक है। साथ ही बेहतर निर्णय लेने में भी आपकी मदद करता हैं।
• पूजा कक्ष या पूजन स्थल में पूर्व दिशा की ओर मुख करके यंत्र रखें।
• पहले गंगाजल से यंत्र को साफ़ करें। फिर कच्चे दूध से यंत्र को स्नान कराएं।
• एक बार फिर पानी से धोकर लाल कपड़े से यंत्र को साफ़ करें।
• यंत्र को किसी चौकी पर रखें। चौकी पर एक साफ़ कपड़ा ज़रूर बिछाएं।
• यंत्र पर चंदन और सिंदूर लगाएं। साथ ही लाल फूल और फल भी अर्पित करें।
• मेरु श्री यंत्र के सामने धूपबत्ती या अगरबत्ती जलाकर स्थान शुद्ध करें।
• लाल चन्दन माला से नीचे दिए शक्तिशाली मंत्र का 108 बार जपें-
• महा मेरु मंत्र:
"ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं ॐ महालक्ष्म्यै नमः।"
• देवी लक्ष्मी से व्यापार में वृद्धि और आर्थिक संकट दूर करने की प्रार्थना करें।
• यंत्र स्थापित करने के बाद रोज़ दीपक जलाएं और मंत्र का जप करें।
मेरु श्री यंत्र (meru shree yantra) एक बहुत प्रभावशाली यंत्र है। इसका सही लाभ पाने के लिए जरूरी है कि यह आपकी ऊर्जा से मेल खाए। यह यंत्र कई आकार और धातु में मिलते हैं। इसमें धातु, क्रिस्टल, पारद, पंचधातु, गोल्ड-प्लेटेड आदि शामिल हैं। इन सबमें धातु से बना यंत्र सबसे असरदार माना जाता है।सामान्य उपयोग के लिए धातु का महा मेरु यंत्र सबसे अच्छा विकल्प है।यह पारंपरिक होने के साथ ही ऊर्जा को संतुलित करता है।
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