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Varah Jayanti 2024: भगवान विष्णु के वराह अवतार का महत्त्व, पूजा विधि, और इस पावन पर्व से जुड़े धार्मिक, आध्यात्मिक, और सांस्कृतिक पहलुओं की सम्पूर्ण जानकारी

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वराह जयंती हिंदू धर्म का एक पवित्र पर्व है, जो भगवान विष्णु के तीसरे अवतार, वराह के रूप में मनाया जाता है। यह पर्व भाद्रपद महीने के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है। वराह अवतार का उद्देश्य पृथ्वी को राक्षस हिरण्याक्ष के चंगुल से मुक्त कराना था, जो कि ब्रह्मांड के संतुलन को बिगाड़ रहा था। भगवान विष्णु ने वराह रूप धारण कर हिरण्याक्ष का वध किया और पृथ्वी को सुरक्षित स्थान पर स्थापित किया। इस दिन भक्त भगवान विष्णु के इस अनोखे रूप की पूजा करते हैं, व्रत रखते हैं और उनसे आशीर्वाद मांगते हैं।

Varah Jayanti 2024: भगवान विष्णु के वराह अवतार का महत्त्व, पूजा विधि, और इस पावन पर्व से जुड़े धार्मिक, आध्यात्मिक, और सांस्कृतिक पहलुओं की सम्पूर्ण जानकारी

वराह जयंती तिथि 2024 Varaha Jayanti Date 2024

वराह जयंती हर साल भाद्रपद शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी के दिन मनाई जाती है। इस वर्ष, 2024 वराह जयंती 6 सितंबर, शुक्रवार को है।


वराह जयंती की पूजा विधि:Varaha Jayanti 2024 Puja Vidhi

• वराह जयंती के दिन भक्त विशेष पूजा और व्रत का आयोजन करते हैं। इस दिन भगवान विष्णु के वराह रूप की पूजा करने से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और बुराइयों का नाश होता है। आइए जानते हैं वराह (Varah Jayanti 2024) जयंती पर की जाने वाली पूजा विधि:

• सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और शुद्ध वस्त्र धारण करें। घर के पूजा स्थल को साफ करें और भगवान विष्णु की मूर्ति या चित्र स्थापित करें।

• पूजा स्थल को फूलों, दीपों और अन्य पूजन सामग्रियों से सजाएं। भगवान विष्णु को पीले फूल अर्पित करें, क्योंकि यह उनका प्रिय रंग है।

• भगवान विष्णु के मंत्रों का उच्चारण करें, जैसे "ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः"। इसके बाद वराह अवतार की कथा सुनें या सुनाएं।

• भगवान विष्णु को भोग में फल, मिठाई, पंचामृत, और तुलसी अर्पित करें। इसके बाद आरती करें और भगवान से परिवार की सुख-शांति और समृद्धि की प्रार्थना करें।

• वराह जयंती (Varah Jayanti 2024) के दिन उपवास करने का विशेष महत्व है। उपवास करने से शरीर और मन की शुद्धि होती है और भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है। व्रत के दौरान फलाहार करें और दिन भर भगवान का स्मरण करें।

• इस दिन जरूरतमंदों को दान देने और सेवा करने का विशेष महत्त्व है। ऐसा करने से भगवान विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त होता है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है।


वराह जयंती का महत्त्व:Significance of Varah Jayanti

वराह जयंती (Varah Jayanti 2024) न केवल भगवान विष्णु के अवतार की पूजा का दिन है, बल्कि यह दिन हमें धर्म, नैतिकता, और संकल्प की शक्ति को भी समझने का अवसर देता है।

भगवान विष्णु ने वराह रूप धारण कर यह संदेश दिया कि जब-जब धर्म की हानि होती है, तब-तब वह विभिन्न रूपों में प्रकट होकर धर्म की स्थापना करते हैं। यह पर्व हमें सिखाता है कि बुराई कितनी भी बड़ी क्यों न हो, सद्गुण और धर्म के मार्ग पर चलने से उसकी हार निश्चित है।

वराह जयंती के दिन भगवान विष्णु की आराधना करने से जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आता है। यह पर्व हमें अपने जीवन में धर्म, नैतिकता, और सदाचार के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है।

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