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त्यौहार

Anant Chaturdashi 2023 | अनंत चतुर्दशी 2023 | तिथि, पूजन समय, महत्व व गणेश विसर्जन 2023 श्रेष्ठ मुहूर्त

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अनंत चतुर्दशी एक हिंदू त्यौहार है, जो भाद्रपद माह में शुक्ल पक्ष के 14वें दिन मनाया जाता है। यह गणेश चतुर्थी के दस दिवसीय उत्सव के अंत का प्रतिनिधित्व करता है। इसी कारण से इस दिन को गणेश विसर्जन भी कहा जाता है। जो भक्त श्रद्धापूर्वक भगवान गणेश को अपने घर में स्थापित करते है और 10 दिनों तक उनकी सेवा करते हैं, वे इस दिन बप्पा को विदाई देते है।

Anant Chaturdashi 2023 | अनंत चतुर्दशी 2023 | तिथि, पूजन समय, महत्व व गणेश विसर्जन 2023 श्रेष्ठ मुहूर्त

भगवान गणेश के साथ-साथ, भक्त अनंत के रूप में भगवान विष्णु की पूजा करते है और समृद्धि, दीर्घायु और खुशी जैसे आशीर्वाद मांगते है। यह त्यौहार भारत के कई हिस्सों, विशेषकर महाराष्ट्र और गुजरात में बहुत उत्साह और भक्तिभाव के साथ मनाया जाता है। इस दिन सड़कों गाजे-बाजे के साथ भगवान गणेश की विशेष शोभा यात्रा निकली जाती है और फिर उनका विसर्जन किया जाता है।

आइये जानते है अनंत चतुर्दशी/ गणेश विसर्जन 2023 की तिथि, शुभ मुहूर्त, समय व महत्व-

Anant Chaturdashi Date 2023 | अनंत चतुर्दशी 2023 तिथि

अनंत चतुर्दशी को गणपति या गणेश विसर्जन के अंतिम दिन के रूप में जाना जाता है। इस साल यह त्यौहार, 28 सितंबर 2023, (Anant Chaturdashi 2023 Date) गुरुवार के दिन पड़ेगा। अनंत चतुर्दशी के साथ ही आप यहां दी गई तिथि पर भी गणेश विसर्जन कर सकते है-

डेढ़ दिन: बुधवार, 20 सितंबर 2023

तीसरा दिन: गुरुवार, 21 सितंबर 2023

5वां दिन: शनिवार, 23 सितंबर 2023

सातवां दिन: सोमवार, 25 सितंबर 2023


Anant Chaturdashi 2023 Shubh Muhurat |अनंत चतुर्दशी 2023 शुभ मुहूर्त

चतुर्दशी तिथि आरंभ - 27 सितंबर 2023,  रात्रि 10:18 बजे से

चतुर्दशी तिथि समाप्त - 28 सितंबर 2023,  शाम 06:49 बजे तक

अनंत चतुर्दशी पूजन मुहूर्त - सुबह 6:12 से शाम 6 :49 मिनट तक


Ganpati Visarjan Muhurat on Anant Chaturdashi | अनंत चतुर्दशी गणपति विसर्जन मुहूर्त

अनंत चतुर्दशी के दिन गणेश विसर्जन का श्रेष्ठ मुहूर्त (ganesh visarjan 2023 muhurat) इस प्रकार से है-

अनंत चतुर्दशी पर गणेश विसर्जन तिथि गुरुवार, 28 सितंबर 2023
प्रातःकाल का मुहूर्त प्रातः 06:11 बजे से 07:41 बजे तक
दोपहर का मुहूर्त (शुभ) शाम 04:44 PM से 06:15 PM तक
शाम का मुहूर्त (अमृत, चर) शाम 06:15 बजे से रात 09:14 बजे तक
रात्रि मुहूर्त (लाभ) 12:13 AM से 01:42 AM तक

Significance of Anant Chaturdashi | अनंत चतुर्दशी का महत्व

• भगवान विष्णु को ब्रह्मांड के निर्माता के रूप में जाना जाता है। जिसके बाद उन्हें अनन्त के रूप में भी जाना जाने लगा। अनंत चतुर्दशी भगवान विष्णु के अनंत स्वरूप की पूजा के लिए समर्पित है। भक्त पूरे दिन कठोर उपवास रखते है और भगवान विष्णु की मूर्ति पर एक पवित्र धागा बांधते हैं, जिसे "अनंत सूत्र" भी कहा जाता है। यह गणेश चतुर्थी के दसवे दिन मनाया जाता है।

• इस दिन ब्राह्मणों की पुत्री सुशीला ने विवाह के बाद अनंत व्रत किया था। कौंडिन्य से विवाह करने के बाद, भगवान अनंत ने उन्हें समृद्ध जीवन का आशीर्वाद दिया। उन्होंने भगवान विष्णु से शाश्वत आशीर्वाद और सौभाग्य प्राप्त करने के लिए सख्त व्रत नियमों का पालन किया।

• हालांकि, उनके पति को भगवान अनंत के आशीर्वाद पर विश्वास नहीं था और उन्हें लगता था कि सब कुछ अपनी कड़ी मेहनत पर अर्जित किया जाता है। बाद में दोनों को बहुत दुर्भाग्य का सामना करना पड़ा और उन्हे अपना जीवन गरीबी में व्यतीत करना पड़ा। तब कौंडिन्य को अपनी विफलता का कारण पता चला और उसने बेहतर जीवन और समृद्धि के लिए फिर से अनुष्ठान किया। अंत में वे उन्होने भगवान विष्णु से क्षमा मांगी। तब भगवान विष्णु ने उन्हे अपने अनंत अवतार में दर्शन दिये।

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