श्री गणेशाय नमः! गणपति जी को हिन्दू धर्म प्रथम पूजनीय देवता की उपाधि प्राप्त है। श्री गणेश को याद किये बिना कोई भी शुभ कार्य प्रांरभ नहीं होता है। ऐसे में गणेश चतुर्थी का दिन देश के सभी हिस्सों में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। प्रत्येक वर्ष भाद्रपद माह की शुक्ल चतुर्थी के दिन श्री विनायक चतुर्थी का पर्व मनाया जाता है। भक्त इस दिन व्रत रखते है और भगवान गणेश विधि-विधान से पूजन कर धन, विद्या एवं सुख-समृद्धि की कामना करते है।
वैसे तो गणेश चतुर्थी को पुरे देश में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है, लेकिन महाराष्ट्र में इस त्यौहार का एक अलग स्वरुप देखने को मिलता है। महाराष्ट्र में गणपति जी को बप्पा कहकर संबोधित किया जाता है। गणेश चतुर्थी का यह उत्सव पुरे दस दिनों तक चलता है। वही अनंत चतुर्दशी को गणेश विसर्जन के साथ इसका समापन होता है। इस दौरान लोग ढोल-नगाड़ों के साथ बप्पा को घर लाते है। आइये जानते है, साल 2023 में गणेश चतुर्थी तिथि, महत्व व गणेश पूजन का शुभ मुहूर्त व समय-
हिन्दू पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान गणेश का जन्म भाद्रपद महीने के शुक्ल पक्ष के दौरान हुआ था। यह आमतौर पर अंग्रेजी कैलेंडर के अगस्त-सितंबर महीने में आता है। इस साल गणेश चतुर्थी का यह उत्सव मंगलवार, 19 सितंबर 2023 (Ganesh Chaturthi 2023 Date) को मनाया जाएगा। विनायक चतुर्थी का शुरुआत व समापन मुहूर्त इस प्रकार से है-
शुक्ल पक्ष चतुर्थी प्रारंभ समय - 18 सितंबर, दोपहर 12:39 PM मिनट से
शुक्ल पक्ष चतुर्थी समापन समय - 19 सितंबर, दोपहर 01:43 PM तक
गणेश स्थापना शुभ मुहूर्त | 19 सितंबर 2023, सुबह 11:07- दोपहर 01:34 तक |
मध्याह्न गणेश पूजा मुहूर्त | प्रात: 11:01 से दोपहर 01:28 बजे तक |
गणेश चतुर्थी पूजन अवधि | 2 घंटे 27 मिनट |
गणेश विसर्जन तिथि | गुरुवार, 28 सितंबर 2023 |
• हिन्दू धर्म में अनेकों व्रत त्यौहार मनाएं जाते है, लेकिन उन सभी में से विनायक चतुर्थी को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। दस दिवसीय महोत्सव के दौरान बड़े आदर के साथ गणपति बप्पा का स्वागत किया जाता है और विधि-विधान उनकी पूजा-अर्चना की जाती है।
• भगवान गणेश को सभी बाधाओं को दूर करने वाला माना जाता है, इसलिए उनका एक नाम विघ्नहर्ता भी है। जो भक्त बड़ी श्रद्धा और समर्पण के साथ भगवान गणपति जी की इन दस दिनों तक पूजा करते है, तो भगवान गणपति उन्हें सुख और समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं और उनके जीवन की सभी बाधाओं और समस्याओं को दूर करते है।
• भगवान गणपति को प्रथम पूज्य यानी सबसे पूजे जाने वाले देवता की उपाधि प्राप्त है। भगवान गणेश की पूजा के बिना कोई भी शुभ कार्य होना संभव नहीं है। विनायक चतुर्थी व्रत मुख्य रूप से महाराष्ट्र में मनाया जाता है। ऐसा माना जाता है कि जिन लोगों को संतान नहीं होती है और वे भगवान गणपति की पूजा करते हैं, उन्हें मनचाही इच्छा पूरी होने का आशीर्वाद मिलता है।
1. ॐ श्री गणेशाय नमः.!!
2. ॐ गं गणपतये नमः..!!
3. वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ।
निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥
4. एकदंताय विद्मवहे। वक्रतुण्डाय धीमहि। तन्नो दंती प्रचोदयात।।
5. विघ्नेश्वराय वरदाय सुरप्रियाय लम्बोदराय सकलाय जगद्धितायं।
नागाननाथ श्रुतियज्ञविभूषिताय गौरीसुताय गणनाथ नमो नमस्ते॥
गणेश चतुर्थी के इस पावन अवसर पर आप गणेश मंत्रो के साथ ही गणेश चालीसा का पाठ करें और गणेश जी की आरती गाएं। धर्मसार की ओर से आप सभी को गणेश चतुर्थी की हार्दिक शुभकामनाएं।
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