दस महाविद्याओं में से आठवीं महाविद्या के रूप में पूजे जाने वाली, देवी बगलामुखी की महिमा अपरम्पार बताई जाती है। भारत के बहुत से हिस्सों में देवी बगलामुखी को पीतांबरा के नाम से जाना जाता है। देवी बगलामुखी को मुख्य तौर बुद्धि प्रदान करने वाली महाविद्या के रूप में पूजा जाता है। मां बगलमुखी में बुद्धि और अलौकिक सौन्दर्य का अद्भुत सामंजस्य देखने को मिलता है। बगलामुखी जयंती (baglamukhi Jayanti 2023) का पर्व देवी बगलामुखी के अवतरण दिवस के तौर पर मनाया जाता है।
दस महाविद्याओं में से आठवीं महाविद्या के रूप में पूजे जाने वाली, देवी बगलामुखी की महिमा अपरम्पार बताई जाती है। भारत के बहुत से हिस्सों में देवी बगलामुखी को पीतांबरा के नाम से जाना जाता है। देवी बगलामुखी को मुख्य तौर बुद्धि प्रदान करने वाली महाविद्या के रूप में पूजा जाता है। मां बगलमुखी में बुद्धि और अलौकिक सौन्दर्य का अद्भुत सामंजस्य देखने को मिलता है। बगलामुखी जयंती (baglamukhi Jayanti 2023) का पर्व देवी बगलामुखी के अवतरण दिवस के तौर पर मनाया जाता है।
हिन्दू पंचांग के मुताबिक, हर साल वैशाख माह में आने वाली शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि के दिन बगलामुखी जयंती का यह पर्व मनाया जाता है। इस साल, शुक्रवार, 28 अप्रैल के दिन(baglamukhi Jayanti 2023 date) मां बगलामुखी जयंती का पर्व मनाया जाएगा। इस तिथि के दिन शुभ मुहूर्त पर देवी बगलामुखी की आराधना करने से सभी प्रकार से भय और बुरी शक्तियों से मुक्ति मिलती है।
बगलामुखी पूजन का शुभ समय व मुहूर्त इस प्रकार से है -
बगलामुखी जयंती तिथि | शुक्रवार, 28 अप्रैल 2023 |
बगलामुखी जयंती श्रेष्ठ समय | सुबह 03:57 AM से 04:41 AM |
बगलामुखी जयंती पूजा मुहूर्त | सुबह 11:58 AM से दोपहर 12:49 PM तक |
• जो भक्तिपूर्वक देवी की पूजा करता है उसे प्रभुत्व, वर्चस्व और शक्ति प्राप्त होती है।
• किसी भी प्रकार की कानूनी समस्या से मुक्त होने के लिए मां बगलामुखी का पूजन किया जाता है।
• देवी बगलामुखी की उपासना करने से व्यक्ति को सभी प्रकार भय और बुरी शक्तियों से मुक्ति मिलती है।
• इस दिन देवी बगलामुखी की उपासना करने से क्रोध, मन के आवेग और गलत आदतों पर नियंत्रण होता है।
• बगलामुखी जयंती के दिन विधि-विधान से देवी का पूजन करने से काले जादू और आकस्मिक दुर्घटनाओं से बचाव होता है।
1. मां बगलामुखी जयंती के दिन प्रातः काल जल्दी उठें।
2. स्नानादि कर लाल या पीले रंग के स्वच्छ कपड़े धारण करें।
3. अब पूजा कक्ष में एक चौकी स्थापित करें और उस पर पीले रंग का वस्त्र बिछाएं।
4. इस चौकी पर अब मां बगलामुखी की प्रतिमा या उनकी किसी तस्वीर को स्थापित करें।
5. देवी के पास में स्वच्छ जल से भरा एक कलश स्थापित करें और पूजा का संकल्प लें।
6. पूजन के संकल्प के बाद देवी मां को सिंदूर, रोली, चावल, बेलपत्र, पान, धूप, गंध, नैवेद्य आदि अर्पित करें।
7. मां बगलामुखी के पूजन के बाद बगलामुखी चालीसा का पाठ करें और परिवार सहित देवी की आरती करें।
मां बगलामुखी का पूजन न सिर्फ व्यक्ति को अपने शत्रुओं पर विजय प्राप्त करने में सहायक है, बल्कि व्यक्ति को सभी प्रकार के मानसिक एवं शारीरिक रोगों से भी मुक्ति दिलाती है। मां बगलामुखी जयंती (baglamukhi Jayanti 2023) के दिन सच्चे मन से देवी की आराधना करने से जीवन से सभी तरह दुःख एवं कष्ट दूर हो जाते है।
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