फाल्गुन का महीना प्रारंभ होते ही सभी ओर फाग गीत और रंगों की रौनक छा जाती है। इस महीने में बहुत से व्रत-त्यौहार मनाएं जाते है, इन्हीं व्रत-त्यौहारों में से एक फुलेरा दूज का भी पर्व माना जाता है। होली आने के कुछ समय पहले से ही फुलेरा दूज प्रांरभ हो जाती है। कहा जाता है की इसी दिन से भगवान श्री कृष्ण ने बरसाने में फूलों से होली खेलने की शुरुआत की थी।
फाल्गुन माह में शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि के दिन को फुलेरा दूज के नाम से जाना जाता है। श्री कृष्ण की जन्म भूमि कहलाए जाने वाले मथुरा में इस दिन फूलों की होली खेलना प्रांरभ हो जाता है। माना जाता है कि द्वापरयुग में भगवान कृष्ण ने फूलों की होली खेलने की शुरुआत की थी, जिसके बाद से अब तक हर साल यह प्रथा निभाई जाती है। कहा तो यह भी जाता है, की जो भी भक्त इस दिन सच्चे मन से भगवान कृष्ण और राधा जी का पूजन करता है, सुख-समृद्धि का संचार होता है।
दैनिक पंचांग के अनुसार, इस साल 21 फरवरी 2023 (phulera dooj 2023 Date) के दिन फुलेरा दूज का पर्व मनाया जाएगा। फुलेरा दूज की इस तिथि का प्रांरभ 21 फरवरी 2023 के दिन प्रातः 7 बजकर 34 मिनट से होगा। वही 22 फरवरी 2023 के दिन प्रातः 04 बजकर 27 मिनट पर इस तिथि का समापन होगा।
फुलेरा दूज के दिन अबूझ मुहूर्त की भी मान्यता बताई जाती है। इस दिन आप किसी भी शुभ कार्य को बिना किसी मुहूर्त को देखे कर सकते है। इस साल फुलेरा दूज के दिन गोधुलि बेला में भगवान श्री कृष्ण और राधा रानी के पूजा के मुहूर्त को श्रेष्ट्र माना जा रहा है। यह मुहूर्त इस प्रकार से है-
फुलेरा दूज 2023 तिथि | मंगलवार, 21 फरवरी 2023 |
फुलेरा दूज 2023 गोधुलि मुहूर्त | शाम 06:42 मिनट से 07:05 मिनट तक |
इस दिन श्रद्धापूर्वक श्री कृष्ण और राधा रानी की पूजा करने से सुख -समृद्धि की प्राप्ति होती है। शास्त्रों में इस दिन को सभी दोषों और अशुभ मुहूर्त से मुक्त बताया गया है। इस दिन किए गए सभी शुभ कार्य, सफलता पूर्वक संपन्न होते है।
यदि आपके घर में लड्डू गोपाल है, तो फुलेरा दूज के दिन आप इनकी कमर पर एक लाल रंग का वस्त्र बांध सकते है। इसके साथ उन्हें पुष्प इत्यादि अर्पित करने के बाद अबीर-गुलाल भी अर्पित कर सकते है। इस दिन से लड्डू गोपाल को पोशाक होली के अनुसार ही पहनाएं।
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