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Dayanand Saraswati Jayanti 2023: जानें महर्षि दयानंद सरस्वती जयंती की तिथि व उनके कुछ प्रेरणादायक विचार

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भारत देश में रहने वाले लोगों का मार्गदर्शन करने और उन्हें जागरूक करने के लिए बहुत से महापुरुष सामने आए है। इन्हीं महापुरुषों की सूची में एक नाम स्वामी दयानंद का भी है। स्वामी दयानंद सरस्वती ने हमेशा देश में प्रचलित कुप्रथाओं जैसे जातिवाद, बाल-विवाह और महिलाओं के खिलाफ होने वाले अनान्य के विरुद्ध अपनी आवाज उठाई है।

Dayanand Saraswati Jayanti 2023: जानें महर्षि दयानंद सरस्वती जयंती की तिथि व उनके कुछ प्रेरणादायक विचार

महर्षि दयानंद सरस्वती जयंती को आर्य समाज के संस्थापक स्वामी दयानंद सरस्वती की जयंती के रूप में मनाया जाता है। माना जाता है, स्वामी दयानंद पशु बलि, जाति व्यवस्था, जैसी सामाजिक कुरीतियों का विरोध करने वाले पहले पुरुष थे। इतना ही नहीं उन्होंने कम उम्र में नाबालिग का विवाह और महिलाओं के खिलाफ होने वाले अत्याचारों का भी पुजूर विरोध किया। इसके साथ ही स्वामी दयानंद ने मूर्ति पूजा और तीर्थ यात्रा जैसे विषयों पर भी खुलकर अपनी राय रखी। अपमें जीवनकाल के दौरान उन्होंने 60 से अधिक रचनाएं लिखी थी। देश नहीं बल्कि दुनियाभर के विभिन्न संगठनों के साथ जुड़कर उन्होंने समाज के हित में कार्य किए है।


Dayanand Saraswati Jayanti 2023 Date| दयानंद सरस्वती जयंती 2023

स्वामी दयानंद सरस्वती का जन्म सन् 1824 में 12 फरवरी के दिन टंकारा में हुआ था। हिन्दू कैलेंडर के अनुसार फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की दशमी तिथि को स्वामी जी का जन्म हुआ था, इस प्रकार से साल 2023 में 15 फरवरी के दिन महर्षि दयानंद सरस्वती का जन्मोत्सव मनाया जाएगा। माना जाता है की दयानंद सरस्वती जी का जन्म एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था। आइए अब , स्वामी विवेकानंद द्वारा किए गए कुछ उल्लेखनीय कार्यों पर चर्चा करते है-


Notable works by Swami Dayanand Saraswati| स्वामी दयानंद सरस्वती के उल्लेखनीय कार्य

• स्वामी दयानंद सरस्वती ने धर्म और जातिवाद का पुरजोर विरोध किया।
• स्वामी दयानंद ने बच्चों के लिए शिक्षा के महत्व पर जोर दिया और महिलाओं के लिए सम्मान और समान अधिकारों का प्रचार-प्रसार किया।
• स्वामी जी ने 7 अप्रैल, 1875 के दिन आर्य समाज की स्थापना की। इस आंदोलन के माध्यम से उन्होंने सभी के लिए एक ईश्वर पर जोर दिया और मूर्ति पूजा की निंदा की।
• उन्होंने सभी जातियों की लड़को एवं लड़कियों की शिक्षा के लिए वैदिक विद्यालयों की भी स्थापना की। इतना ही नहीं, उनके द्वारा इन विद्यार्थियों को मुफ्त किताबें, कपड़े, आवास और भी भोजन दिया जाता था।
• स्वामी दयानंद सरस्वती ने विधवाओं की सुरक्षा और प्राकृतिक या मानव निर्मित आपदाओं के पीड़ितों को राहत पहुंचाने का भी कार्य किया था।
• दयानंद सरस्वती द्वारा बहुत सी पुस्तकें लिखीं गई है। इनमे मुख्य रूप से संस्कारविधि, ऋग्वेद भाष्यम आदि शामिल है। सत्यार्थ प्रकाश, वेदभाष्य खण्डन, ॠग्वेद भाष्य, पंच महायज्ञ आदि शामिल है।


Inspirational thoughts of Swami Dayanand Saraswati| स्वामी दयानंद सरस्वती के कुछ प्रेरणादायक विचार

1. सबसे उच्च कोटि की सेवा ऐसे व्यक्ति की मदद करना है जो बदले में आपको धन्यवाद कहने में असमर्थ हो।
2. नुकसान से निपटने में सबसे ज़रूरी चीज है, उससे मिलने वाले सबक को ना भूलना. वो आपको सही मायने में विजेता बनाता है।
3. मनुष्यों के भीतर संवेदना है, इसलिए अगर वो उन तक नहीं पहुंचता जिन्हें देखभाल की ज़रुरत है तो वो प्राकृतिक व्यवस्था का उल्लंघन करता है।
4. किसी भी रूप में प्रार्थना प्रभावी है क्योंकि यह एक क्रिया है. इसलिए, इसका परिणाम होगा. यह इस ब्रह्मांड का नियम है जिसमें हम खुद को पाते है।
5. छात्र की योग्यता ज्ञान अर्जित करने के प्रति उसके प्रेम, निर्देश पाने की उसकी इच्छा, ज्ञानी और अच्छे व्यक्तियों के प्रति सम्मान, गुरु की सेवा और उनके आदेशों का पालन करने में दिखती है।

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