राजस्थान, मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश जैसे राज्यों के विभिन्न हिस्सों में कजरी तीज का भव्य उत्सव मनाया जाता है। कजरी तीज का यह उत्सव नारीत्व की भावना का प्रतिनिधित्व है। विवाहित महिलाएं अपने पतियों की समृद्धि और लंबी उम्र के लिए दिन भर का व्रत रखती है। इन सभी प्रदेशों में मुख्य रूप से तीन बार तीज का यह त्यौहार मनाया जाता है। यह तीनों तीज हरियाली तीज, हरतालिका तीज और कजरी तीज के नाम से जानी जाती है।
विवाहित महिलाओं के तीज का खास महत्व माना जाता है। इस पवित्र अवसर पर अधिकतर सभी महिलाएं समृद्ध वैवाहिक जीवन और अखंड सौभाग्य के लिए प्रार्थना करती है और भगवान महादेव से आशीर्वाद मांगती है। कजरी तीज (Kajari Teej 2023) को बड़ी तीज के नाम से भी जाना जाता है। यह पर्व मुख्य रूप से बिहार, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, गुजरात और राजस्थान राज्यों में बहुत धूमधाम से मनाया जाता है। कजरी तीज श्रावण मास के दौरान मनाई जाती है।
आज के इस लेख में हम कजरी तीज 2023, कजरी तीज (Kajari Teej 2023) के धार्मिक महत्व और इस पर्व से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्य बताने जा रहे है-
दक्षिण भारतीय कैलेंडर में कजरी तीज इसी महीने में मनाई जाती है, लेकिन उत्तर भारतीय कैलेंडर में यह भाद्रपद महीने के कृष्ण पक्ष, या चंद्रमा के अंधेरे पखवाड़े की "तृतीया" को मनाया जाता है। श्रावण मास में मनाया जाने वाला यह अवसर रक्षा बंधन के तीन दिन बाद और कृष्ण जन्माष्टमी से पांच दिन पहले होता है। कजरी तीज को कुछ स्थानों पर "सातुड़ी तीज" या "बड़ी तीज" भी कहा जाता है।
इस साल, शनिवार 02 सितम्बर 2023 (Kajari Teej Date 2023) के दिन कजरी तीज का उत्सव मनाया जाएगा।
• मानसून और श्रावण की हरियाली का उत्सव मनाने के लिए कजरी तीज का यह उत्सव मनाया जाता है। सभी तीजों में से कजरी तीज को सबसे बड़ी तीज के रूप में जाना जाता है। इस पावन पर्व पर महिलाएं आखा और हरियाली तीज की तरह ही जोर शोर से तैयारियां करती है।
• कजरी तीज पर माता पार्वती का पूजन बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। कजरी तीज पर देवी पार्वती की पूजा करने वाली महिलाओं को अंखड सौभाग्य और एक सुखी वैवाहिक जीवन का आशीर्वाद प्राप्त होता है। यह दिन भगवान शिव के प्रति देवी पार्वती के निस्वार्थ प्रेम का सम्मान भी मनाया जाता है।
• विवाहित लड़कियों और महिलाओं के लिए कजरी तीज का त्यौहार मुख्य रूप से उत्सव का समय माना जाता है। इस दिन राजस्थान के मुख्य शहरों में तीज माता की भव्य शोभा यात्रा निकाली जाती है। इस यात्रा में कलाकार, लोक कलाकार, संगीतकार, ऊंट और हाथी इत्यादि शामिल है। यह सबसे सुंदर और विशाल यात्राओं में से एक है, जो देश-विदेश के सभी पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करते है।
1. राजस्थान के एक शहर बूंदी में कजरी तीज का भव्य मेला विश्वभर में लोक्रप्रिय है।
2. इस दिन विवाहित महिलाओं और युवितयों के लिए पेड़ की शाखाओं में झूले लगाए जाते है।
3. तीज से एक दिन पूर्व महिलाएं अपने हाथों पर अलग-अलग डिजाइन की मेंहदी लगवाती है।
4. कजली तीज के पावन अवसर पर राज्य भर के विभिन्न हिस्सों में मेलों का आयोजन किया जाता है।
5. इस दिन विवाहित महिलाएं नए कपड़े पहनती हैं, लोक गीत गाती हैं और स्वादिष्ट व्यंजन बनाती है।
• महिलाएं कजरी तीज के दिन देवी पार्वती की पूजा करती है और उनसे खुशहाल शादी का वरदान मांगती है।
• इस दिन वे सुबह जल्दी उठती है और कजरी तीज की तैयारियों में लग जाते है। इसके बाद वे नए कपड़े पहनती हैं और बिंदी, सिन्दूर और चूड़ियों समेत सभी शृंगार की चीज़ों से खुद को सजाती है।
• तीज से एक दिन पूर्व, सिंजारे को महिलाएं पैरों और हाथों पर भी मेहंदी लगाती है। कजरी तीज के दिन महिलायें अपने पति और होने वले पति के लिए व्रत करती है और सुखी वैवाहिक जीवन की कामना करते है।
• तीज के दिन कुछ अविवाहित लड़कियां अपनी मनपसंद वर की प्राप्ति के लिए भी इस दिन व्रत भी रखती है। जब कोई महिला कजरी तीज व्रत शुरू करती है, तो उसे इसे जीवन भर या 16 साल तक करना चाहिए। यह त्यौहार मुख्य रूप से महिलाओं के लिए है। महिलाएं इस खास दिन पर नाचने, गाने और झूला झूलने जैसे कई कार्यक्रमों में शामिल होते है।
• तीज के दिन आसपास की महिलाएं सज-धजकर पूजा करने के लिए एकत्र होती है। महिलाएं नीम के पेड़ को कुमकुम, चावल, हल्दी, मेंहदी और फल चढ़ाती है। पुजारी इसके बाद 'कजरी तीज कथा' पढ़ते है। चंद्रमा की पूजा करने के बाद कुछ समुदायों में महिलाएं सत्तू या फल खाकर अपना व्रत तोड़ सकती है। विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए पवित्र तीज व्रत रखती है।
सांस्कृतिक महत्ता, अखंड सौभाग्य और हरियाली को दर्शाता कजरी तीज का यह उत्सव सभी ओर खुशहाली लेकर आता है। आप सभी को धर्मसार की ओर से कजरी तीज (Kajari Teej 2023) की हार्दिक शुभकामनाएं।