हिन्दू पंचांग के अनुसार तीज का पर्व सावन के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाई जाती है। विवाहित महिलाओं के लिए ये पर्व महत्वपूर्ण है। इस दिन ये सभी महिलाएं निर्जला व्रत करती है और देवी पार्वती से सुहाग, अखंड सौभाग्य और घर की सुख-शांति की कामना करती है। तीज से एक दिन पहले आने वाले पर्व सिंजारे का विशेष महत्व माना जाता है। तीज के एक दिन पहले महिलाओं के मायके से सिंजारा आता है।
आइए इस लेख में एक नज़र डालते है, आखिर यह सिंजारा क्या है,यह कब मनाया जाता है, हरियाली तीज पर इसका क्या महत्व है और इस दिन बेटी को क्या भेजा जाता है-
हर साल श्रावण शुक्ल तृतीया के दिन हरियाली तीज (Hariyali Teej 2023 Date) का उत्सव मनाया जाता है। वही इसके ठीक एक दिन यानि दूज के दिन सिंजारा मनाने की परंपरा मानी जाती है। इस साल सिंजारे का यह त्यौहार 18 अगस्त 2023 (Sinjara 2023 Date) के दिन मनाया जाएगा।
सिंजारा शब्द का अर्थ है-सोलह श्रृंगार सी जुड़ी सभी सामग्री। सिंजारे का यह पर्व केवल महिलाओं के द्वारा मनाया (What is Sinjara) जाता है। इस दिन महिलाएं हाथ में मेहंदी लगाती है और तीज के लिए साज-शृंगार के सामन की खरीदारी करती है। महिलाओं का सिंजारा महिला के ससुराल पक्ष को भेजा जाता है, जबकि लड़कों का सिंजारा लड़की के ससुराल वाले पीहर में भेजते है।
जिन भी जोड़ो की सगाई हो जाती है, उनके परिवार वाले भी सिंजारे की इस रस्म को निभाते है।
• हरियाली तीज और सिंजारे का यह पर्व मुख्य रूप से राजस्थान, पंजाब, हरियाणा में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है।
• सिंजारा के एक दिन पहले विवाहित स्त्री के मायके से सोलह श्रृंगार का सामान भेजा जाता है। श्रृंगार के सामान के साथ ही इस दिन कपड़े, फल एवं मिठाइयां भी भेजी जाती है।
• माना जाता है कि सिंजारे की परंपरा का पालन करते हुए मायके वाले बेटी को सदा सौभाग्यवती रहने का आशीर्वाद देते है। कुंवारी कन्याएं भी सुयोग्य वर की प्राप्ति के लिए हरियाली तीज का व्रत करती है। जिन लड़कियों की शादी होने वाली है, उनके ससुराल पक्ष से होने वाली बहू को सुहाग की वस्तुएं भेजी जाती है।
सोलह श्रृंगार की चीजें
• सिंदुर
• काजल
• बिंदी
• गजरा
• मेहंदी
• कंघा
• पायल
• बिछिया
• झुमकें
• इत्र/परफ्यूम
• लाल/ हरी चुड़ी
यह कुछ मुख्य सिंजारे के सामन है, इसके अलावा आप अपने अनुसार शृंगार की सामग्री अपने बेटी या बहु को भेज सकते है।
मिठाई में भेजे जाने वाली चीजें
• घेवर
• फ़िनी
• रसगुल्ला
मावे या अन्य किसी भी प्रकार की बर्फी
बेटी के ससुराल में दिए जाने वाली चीजें
• बेटी की साड़ी
• दामाद के कपड़े
• बेटी की सास के लिए कपड़े
देश के विभिन्न हिस्सों में सास-ससूर और अन्य सदस्यों को भी कपड़े देने का भी रिवाज माना जाता है। लेकिन यह पूर्णतः आप पर निर्भर करता है की आप अपनी श्रद्धा अनुसार कुछ भी दे सकते हैं।
धर्मसार कि ओर से हरियाली तीज और सिंजारे के इस पर्व की आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं।