रंभा तीज या रंभा तृतीया व्रत प्रत्येक वर्ष ज्येष्ठ माह में शुक्ल पक्ष के तीसरे दिन मनाई जाती है। यह त्यौहार मुख्य तौर पर उत्तर भारत की महिलाओं द्वारा रखा जाता है। इस साल यह व्रत गुरूवार 2 जून, 2022 को है। इस व्रत की बात की जाए तो यह दिन इंद्रलोक की एक अप्सरा रंभा को समर्पित है जो की समुद्र मंथन के समय समुद्र से प्रकट हुई थीं।
रंभा एक ऐसी अप्सरा है जो ना सिर्फ स्त्री के खूबसूरती को दर्शाती है बल्कि उन 14 रत्नों में से भी एक है जो की समुद्र मंथन के दौरान समुद्र से अवतरित हुए थे। इस व्रत के बारे में यह मान्यता है की शादी-शुदा या विवाहित महिलाएं ही इसे रखती है, दरअसल महिलाएं ये व्रत अपने पति की लम्बी आयु और संतान प्राप्ति के लिए करती है। बताया तो यह भी जाता है की पूरे विधि विधान से इस व्रत को रखने से माँ लक्ष्मी अवश्य प्रसन्न होती है सतह ही मनवांछित फल भी प्रदान करती है।
रंभा तीज के दिन सुहागिन महिलाएं सोलह श्रृंगार करती है और शिव- पार्वती के साथ माता लक्ष्मी को भी प्रसन्न करने के लिए पूजा करती हैं। ऐसा माना जाता है की तीज के इस व्रत को रंभा ने भी किया था, इसलिए यह व्रत रंभा तीज के नाम से भी जाना जाता है।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। Dharmsaar इसकी पुष्टि नहीं करता है।)
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