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त्यौहार

तीज 2023 | Hariyali Teej 2023 | जानें तीज और इस दिन की जानें वाली खास परम्पराएं!

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सावन के माह में तीज का दिन सुहागिन स्त्रियों के लिए बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। तीज का यह त्यौहार, विवाहित स्त्रियों और महिलाओं के प्रमुख त्यौहारों में से एक है। हरियाली तीज हिन्दुओं के द्वारा मनाए जाना वाला एक लोकप्रिय पर्व है, जब सनातन धर्म का पालन करने वाली स्त्रियां साज-शृंगार कर देवी पार्वती का पूजन करती है। इसके साथ ही अपने सुहाग के अच्छे स्वास्थ्य और लंबी आयु की प्रार्थना करती है।

तीज 2023 | Hariyali Teej 2023 | जानें तीज और इस दिन की जानें वाली खास परम्पराएं!

हरियाली तीज (hariyali teej 2023) एक महत्वपूर्ण हिन्दू पर्व है, जो श्रावण माह के शुक्ल पक्ष के तृतीया तिथि को आता है। ऐसा माना जाता है कि इस तिथि को भगवान शिव और माता पार्वती के मिलन के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। पौराणिक कथा के अनुसार, इस दिन 107 जन्म बिताने के बाद भगवान शिव ने देवी पार्वती को अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार किया था। अपने 108वें जन्म में देवी पार्वती ने भगवान शिव की अर्धांगिनी बनी, जिसके बाद उन्हें 'तीज माता' के नाम से भी जाना जाता है।

तीज का यह लोकप्रिय त्यौहार वैसे तो पूरे देश में मनाया जाता है। लेकिन इस पर्व को मुख्य रूप से पंजाब, हरियाणा, राजस्थान राज्यों में भिन्न-भिन्न परम्परों के साथ मनाया जाता है। आइये जानते है, साल 2023 में तीज का यह पर्व कब मनाया जाएगा, इसके साथ ही इस लेख के अंत में हम यह भी जानेंगे तिथि के दिन क्या-क्या रोचक परम्पराएं मनाई जाती है-

What is Hariyali Teej? हरियाली तीज क्या है?

हरियाली तीज (what is Hariyali Teej) महोत्सव, स्त्रियों को समर्पित देश के मुख्यों त्यौहारों में से एक है। श्रावण मास के समय सभी ओर हरियाली का वातावरण होता है, यही कारण है कि तीज के इस पर्व को हरियाली तीज के नाम से जाना जाता है। इस पवित्र दिन के अवसर पर, विवाहित हिन्दू महिलाएं एक दिन का उपवास रखने का संकल्प लेती है। इसके साथ ही वे इस दिन देवी पार्वती से सुखी व आनंदमय वैवाहिक जीवन के लिए प्रार्थना करते है।

हरियाली तीज के दिन हरे रंग का विशेष महत्व होता है। यही कारण है कि इस दिन महिलाएं हरे रंग के वस्त्र, हरी चूड़ियां, हाथों में मेंहदी लगाती है। यह त्यौहार देश के उत्तरी भारत के हिस्से जैसे राजस्थान, बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और झारखंड में रहने वाले लोगों के लिए विशेष महत्व रखता है। हरियाली तीज अलावा दो अन्य तीज भी मनाई जाती है। इन दोनों तीजों को कजरी तीज और हरतालिका तीज के नाम से जाना जाता है।


Hariyali Teej 2023: साल 2023 में हरियाली तीज कब है?

हरियाली तीज यह पर्व हर साल, श्रावण शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है। हिन्दू पंचांग के अनुसार, इस साल शनिवार, 19 अगस्त 2023 (hariyali teej 2023 date) के दिन हरियाली तीज का यह पर्व मनाया जाएगा। देशभर में इस दिन हिन्दू महिलाएं पूरी श्रद्धाभाव से व्रत रखती है और कई शुभ अनुष्ठान करने के बाद व्रत तोड़ती है। तीज के पावन अवसर पर महिलाएं सोलाह श्रृंगार कर, सजती संवरती है और देवी पार्वती का पूजन करती है।

हरियाली तीज का शुभ मुहूर्त इस प्रकार से है-

तृतीया तिथि प्रारंभ- 18 अगस्त 2023,रात 08:00 बजे से
तृतीया तिथि समापन -19 अगस्त 2023, रात 10:18 बजे तक


Hariyali Teej Rituals | हरियाली तीज पर किए जाने वाले रीति-रिवाज

तीज का यह दिन एक पति एवं पत्नी के सुखी वैवाहिक जीवन को समर्पित होता है। जिस प्रकार भगवान शिव और माता पार्वती की जोड़ी सदा के लिए अमर है, उसी प्रकार हर स्त्री इस दिन मन में यही कामना लिए भगवान से प्रार्थना करती है। तीज को मनाने की कुछ खास परंपरा (Hariyali Teej Rituals) इस प्रकार से है-

सिंजारे का पर्व

तीज से ठीक एक दिन पूर्व सिंजारे (Sinjara 2023) का त्यौहार मनाया जाता है। सिंजारे के दिन पर मेहंदी लगाने की विशेष परंपरा मानी जाती है। इस दिन सभी महिलाएं मिल-जुलकर अपने हाथों में अलग-अलग डिज़ाइन की मेहंदी लगवाती है और साज- सज्जा का सामान खरीदती है।

बुजुर्ग व्यक्ति का सम्मान

हरियाली तीज के दिन विवाहित महिलाएं अपने से बड़े किसी महिलाएं जैसे सास या किसी अन्य किसी महिला को सुहाग का सामान दान करने का विधान माना जाता है। सुहाग की वस्तुएं दान देने के साथ ही उनके पांव छूकर आशीर्वाद भी लेना चाहिए।

तीज का झूला

महिलाएं तीज के दिन नए कपड़े पहनती है और सोलह-श्रृंगार कर तैयार होती है। सावन के पुरे महीने में झूला झूलने का विशेष होता है। इस महीने में झूला झूलना शुभ माना जाता है। तीज के अवसर झूला- झूलने परंपरा सदियों से चली आ रही है। इस दिन विवाहित महिलाएं एवं युवतियां झूला झूलती है, और तीज के गीत गाती है।

बय्ये का महत्व

बया तीज पर व्रत रखने वाली महिलाओं को दिया जाने वाला एक और पारंपरिक वस्तु है। बय्ये में सूखे मेवे, मठरियां, नए कपड़े, चूड़ियां और गहने शामिल है।

इसके बारे में एक मान्यता यह भी बताई जाती है की नवविहित वधु के मायके से भेजी जाने वाली कुछ प्रमुख वस्तुएं है। यह सभी वस्तएं मुख्यतः बहु की मां के द्वारा भेजी जाती है।

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