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त्यौहार

Makar Sankranti 2023 | मकर संक्रांति का महत्व व इस पर्व से जुड़े कुछ ऐतिहासिक तथ्य

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मकर संक्रांति हिन्दू धर्म में मनाएं जाने वाले लोकप्रिय त्यौहारों में से एक है। देश ही नहीं बल्कि विश्वभर में यह पर्व बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। पतंग उड़ाने के लिए प्रसिद्ध संक्रांति का यह त्यौहार, भगवान सूर्य नारायण को समर्पित है। प्रत्येक वर्ष 14 जनवरी के दिन यह त्यौहार मनाया जाता है।

Makar Sankranti 2023 | मकर संक्रांति का महत्व व इस पर्व से जुड़े कुछ ऐतिहासिक तथ्य

मकर संक्रांति को लेकर यह मान्यता बताई जाती है की इस दिन सूर्य धनु से मकर राशि में प्रवेश करता है। इसे दक्षिणायन से उत्तरायण में प्रवेश के रूप में भी जाना जाता है। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार मेष, वृष, मिथुन, कर्क, सिंह, कन्या, तुला, वृश्चिक, धनु, मकर, कुंभ और मीन को मिलाकर कुल 12 राशियां होती है। 14 जनवरी के आसपास, सूर्य दक्षिणायन से उत्तरायण में गोचर करता है, यानी श्री सूर्य देव के राशि चक्र में प्रवेश करने के बाद मकर संक्रांति मनाई जाती है।


मकर संक्रांति का महत्व | Importance of Makar Sankranti

1. इस दिन भगवान सूर्य नारायण की पूजा का विशेष महत्व बताया जाता है।
2. मकर राशि में सूर्य का प्रवेश सर्दियों के मौसम के अंत के साथ ही लंबे दिनों की शुरुआत का प्रतीक भी माना जाता है।
3. इस दिन गंगा, यमुना, गोदावरी, कृष्णा और कावेरी जैसी पवित्र नदियों में स्नान करने से सभी प्रकार के पापों से मुक्ति मिलती है।
4. मकर संक्रान्ति के दिन दान-दक्षिणा करना बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन शुद्ध घी एवं कंबल के दान से मोक्ष की प्राप्ति होती है।
5. इस दिन ज़रूरतमंदों और गरीब लोगों को भोजन सामग्री व अन्य वस्तुएं दान करने के बहुत से शुभ फल प्रदान होते है।


मकर संक्रांति से जुड़े कुछ ऐतिहासिक तथ्य | Historical facts related to Makar Sankranti

•ज्योतिशास्त्र के अनुसार भगवान सूर्य नारायण शनि देव के पिता है जो कि मकर राशि के स्वामी है। माना जाता है कि मकर संक्रांति के दिन भगवान सूर्य देव अपने पुत्र शनि महाराज से मिलने गए थे।

• धर्म शास्त्रों के अनुसार कहा जाता है कि मकर संक्रांति के दिन गंगा जी ने महाराज भगीरथ का अनुसरण किया और कपिल मुनि के आश्रम से होते हुए अंत में समुद्र में जा मिली थी। यही कारण है कि इसे गंगा सागर में मनाया जाता है।

•इस दिन को लेकर एक रोचक तथ्य यह भी बताया जाता है की महाभारत के समय भीष्म पितामह ने अपनी देह का त्याग करने के लिए मकर संक्रांति का ही दिन चुना था।

इस दिन किस यंत्र का पूजन करें?

भगवान सूर्यनारायण को प्रसन्न करने के लिए मकर सक्रांति का यह दिन बहुत श्रेष्ट्र बताया जाता है। इसी कड़ी में आप इस दिन श्री सूर्य यंत्र (Shri Surya Yantra) की पूजा भी कर सकते है। आप इस यंत्र की सूर्यदेव को प्रसन्न करने के साथ ही भाग्य और शक्ति प्राप्त करने के लिए भी कर सकते है। धर्मसार की ओर से मकर संक्रांति 2023 की आप सभी को शुभकामनाएं।

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