समझनी है जिंदगी तो पीछे देखो, जीनी है जिंदगी तो आगे देखो…।
vrat kahtae inner pages

व्रत कथाएँ

ऋषि पंचमी 2022 व्रत कथा | Rishi Panchami Vrat Katha 2022

Download PDF

हिन्दू पंचांग के अनुसार भाद्रपद मास में आने वाली शुक्ल पंचमी के दिन ऋषि पंचमी का यह व्रत किया जाता है। इस दिन सप्त ऋषियों की पूजा की जाती है। बहुत से लोग ऋषि पंचमी के दिन रक्षाबंधन का त्यौहार भी मनाते है। इस बार ऋषि-पंचमी का व्रत 1 सितम्बर, 2022 (Rishi Panchami 2022 Date) को रखा जाएगा। ऋषि-पंचमी के दिन सुने जानी वाली व्रत कथा इस प्रकार है:-

ऋषि पंचमी 2022 व्रत कथा | Rishi Panchami Vrat Katha 2022

एक समय की बात है, विदर्भ देश में उत्तंक नाम के एक ब्राह्मण रहा करते थे। उनकी भार्या एक पतिव्रता स्त्री थी, जिनका नाम सुशीला था। उस ब्राह्मण और ब्राह्मणी के एक पुत्र और पुत्री थे। जब पुत्री विवाह योग्य हुई तो उन्होंने एक योग्य वर देख कर उसका विवाह कर दिया। दुर्भाग्य से विवाह के कुछ समय बाद ही उस कन्या के पति का देहांत हो गया और वह विधवा हो गयी। वह दुखी ब्राह्मण दंपत्ति अपनी कन्या के साथ गंगा के किनारे एक कुटिया बनाकर रहने लगे।

एक दिन वह कन्या सो रही थी। सोते समय कन्या के पुरे शरीर पर कीड़े पड़ गए। यह सारी बात कन्या ने अपनी मां से कही। अपनी बेटी की यह दशा देख ब्राह्मणी ने अपने पति से पूछा- स्वामि! मेरी कन्या की यह स्थिति होने के पीछे क्या कारण है?

कन्या के ब्राह्मण पिता ने समाधि धारण कर यह पता लगाया की पूर्वजन्म में भी उनकी पुत्री ब्राह्मण पुत्री थी। इस कन्या ने रजस्वला (महावारी) के समय पूजा के बर्तनों को स्पर्श कर लिया था और फिर इस जन्म में लोगों के देखा- देख ऋषि पंचमी का व्रत भी नहीं किया। जिस कारण कन्या के शरीर पर कीड़े पड़ गए ।

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार रजस्वला यानि महावारी के समय तीन दिन तक महिला, चाण्डालिनी, ब्रह्मघातिनी तथा धोबिन के बराबर अपवित्र होती है। फिर चौथे दिन स्नान करने के बाद ही वह शुद्ध है। इस जन्म में भी यदि यह ऋषि पंचमी का यह व्रत रखे तो इसके सारे दुःख समाप्त हो जाएंगे और अगले जन्म में इसे अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होगी।

पिता के कहने के अनुसार उस कन्या ने विधि-विधान से ऋषि पंचमी का पूजन और व्रत किया। श्रद्धापूर्वक किये गए इस व्रत के प्रभाव वह सभी दुःख-तकलीफों से मुक्त हो गई। इसके साथ अगले जन्म में उसे सुख-सौभाग्य की प्राप्ति हुई।

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। Dharmsaar इसकी पुष्टि नहीं करता है।)

डाउनलोड ऐप

TAGS