हिन्दू धर्म में बहुत से व्रत एवं त्यौहार बताएं जाते है। लेकिन उन सभी व्रतों में से एकादशी के व्रत को महत्वपूर्ण व्रतों में से एक माना जाता है। एकादशी का दिन भगवान हरि नारायण और उनके अवतार श्री कृष्ण को समर्पित होता है। हर माह में दो बार एकादशी का यह व्रत रखा जाता है।
प्रत्येक माह में आने वाली एकादशी का अपना एक महत्व होता है। इन सभी एकादशियों को किसी न किसी नाम से सम्बोधित किया जाता है। जिस प्रकार मार्गशीर्ष एकादशी को मोक्षदा एकादशी कहा जाता है, उसी प्रकार पौष के माह में आने वाली एकादशी को सफला एकादशी के नाम से जाना जाता है। पौष माह की कृष्ण एकादशी तिथि के दिन आने वाली यह एकादशी, साल 2022 की आखिरी एकादशी मानी जाती है। ऐसे में यहां हम आपको सफला एकादशी 2022 (saphala ekadashi 2022) से जुड़ी सभी प्रकार की जानकारी देने जा रहे है।
हिन्दू कैलेंडर के अनुसार सफला एकादशी का यह व्रत 19 दिसंबर 2022 (saphala ekadashi 2022 date) के दिन रखा जाएगा। इस तिथि की शुरुआत एवं समापन समय इस प्रकार से है-
एकादशी तिथि शुरुआत समय | 19 दिसंबर 2022, सुबह 03:32 मिनट से |
एकादशी तिथि समापन समय | 20 दिसंबर 2022, सुबह 02:32 मिनट तक |
• इस व्रत को सच्चे मन से रखने वाले व्यक्तियों को बैकुंठ धाम की प्राप्ति होती है।
• सफला एकादशी के इस व्रत को करने से जीवन में सुख-समृद्धि का संचार होता है।
• सफला एकादशी को कल्याण और सौभाग्य प्रदान करने वाली एकादशी माना गया है।
• इस व्रत को श्रद्धापूर्वक रखने से हजार वर्ष की तपस्या के बराबर पुण्य फल की प्राप्ति होती है।
• सफला एकादशी व्रत के प्रभाव से घर में सुख-शांति बनी रहती है और नकारात्मकता का अंत होता है।
धर्म शास्त्रों के अनुसार इस दिन देवी लक्ष्मी के साथ भगवान विष्णु का पूजन करने से जातक की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है। इसके साथ ही सभी प्रकार के कष्टों से भी मुक्ति मिलती है।
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