प्रत्येक माह में आने वाली, कृष्ण पक्ष की चतुर्थी के दिन, भगवान गणेश को समर्पित संकष्टी चर्तुथी का व्रत रखा जाता है। विघ्नहर्ता भगवान गणेश के भक्तों के लिए इस तिथि का बहुत अधिक महत्व बताया जाता है। कार्तिक और मार्गशीर्ष माह के बाद पौष माह में आने वाली चतुर्थी को अखुरथ संकष्टी चौथ के नाम से जाना जाता है।
अखुरथ संकष्टी चतुर्थी के इस व्रत को बहुत फलदायक माना जाता है। जो भी इस व्रत को श्रद्धापूर्वक रखता है, उनके जीवन में सफलता और सौभाग्य के मार्ग खुल जाते है। इसके साथ ही जीवन में चल रही सही प्रकार की बाधाएं भी इस व्रत को रखने से कम होने लगती है। धर्म शास्त्रों में इस संकष्टी चतुर्थी व्रत को बहुत शुभ फल प्रदान करने वाला बताया है। आइये विस्तार से जानते है, इस साल अखुरथ संकष्टी चतुर्थी का यह व्रत किस शुभ मुहूर्त और तिथि पर रखा जाएगा। इसके साथ ही ब्लॉग के अंत में हम आपको इस दिन की जाने वाली सम्पूर्ण पूजा विधि के बारे में भी बताएंगे।
अखुरथ संकष्टी चतुर्थी व्रत तिथि | रविवार, 11 दिसंबर, 2022 |
संकष्टी के दिन चंद्रोदय का समय | रात्रि 08 बजकर 34 मिनट पर |
चतुर्थी तिथि का प्रारंभ समय | 11 दिसंबर 2022, शाम 04:14 बजे से |
चतुर्थी तिथि समापन समय | 12 दिसंबर 2022, शाम 06:48 बजे तक |
• इस दिन प्रातः जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
• स्नान आदि से निवृत होने के बाद व्रत संकल्प ले और भगवान गणेश का स्मरण करें।
• अब गणपति जी की पूजा प्रांरभ करें और उनकी प्रतिमा को गंगाजल से शुद्ध करें।
• इसके बाद गणेश जी को पुष्प एवं दूर्वा (घास) अर्पित करें।
• यह सभी सामग्री अर्पित करने के बाद, उन्हें बेसन के लड्डू या मोदक का भोग लगाएं।
• इस दिन रात के समय चंद्रमा के दर्शन कर अर्घ्य दें और गणेश जी का पाठ कर उनका आशीर्वाद प्राप्त करें।
अखुरथ चतुर्थी के दिन आप गणेश चालीसा का पाठ कर गणेश जी की आरती गा कर उन्हें प्रसन्न कर सकते है। इसके साथ ही आप गणेश जी की कुछ प्रभावशाली मन्त्रों का उच्चारण कर भी, अपनी मनोकामनाएं भगवान के समक्ष रख सकते है।
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