महिषासुर का संहार करने वाली मां दुर्गा साहस, शक्ति और वीरता की प्रतीक हैं। वैसे तो साल भर ही भक्त मां दुर्गा की पूजा एवं आराधना करते है। हालांकि शास्त्रों में नवरात्रि के नौ दिनों का विशेष महत्व बताया जाता है। इस दौरान मां दुर्गा के विशेष पांडाल सजाए जाते है, जिनके दर्शन के लिए दुनियाभर से लोग आते है। कोलकाता समेत देश की विभिन्न हिस्सों में नवरात्रि की रौनक देखते ही बनती है।
यदि आप भी नवरात्रि 2025 डेट (Navratri 2025) को लेकर कंफ्यूज है, तो यहां हम इस त्यौहार से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी साझा करने जा रहे है-
महिषासुर का अंत
शारदीय नवरात्रि को महा नवरात्रि भी कहा जाता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, नवरात्रि के इन नौ दिनों में मां दुर्गा ने राक्षस महिषासुर से युद्ध किया। जिसके बाद दसवें दिन देवी दुर्गा ने महिषासुर का वध कर दिया। तभी से नवरात्रि का पर्व मनाने की परंपरा शुरू हुई।
रावण का अंत
एक अन्य मान्यता एक अनुसार, प्रभु श्री राम ने लंका पर विजय प्राप्त करने के लिए नवरात्रि के इन नौ दिनों में देवी दुर्गा की आराधना की थी। भगवान राम ने नवरात्रि (Why do we celebrate Navratri in hindi)के दौरान विधि-विधान से उपवास रखा और दसवें दिन रावण को वध किया। यही कारण है कि शारदीय नवरात्रि के दसवें दिन विजयादशमी का पर्व मनाया जाता है, जो बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है।
पंचांग के अनुसार, पितृ पक्ष के समाप्त होते ही शारदीय नवरात्रि की शुरुआत होती है। हर साल आश्विन शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से शारदीय नवरात्रि का शुभारंभ होता है। ऐसे में इस साल, सोमवार 22 सितंबर 2025 (shardiya navratri date 2025) को यह तिथि पड़ने के कारण, इसी दिन से शारदीय नवरात्रि प्रारंभ की शुरुआत होने जा रही है। यह दिन मां दुर्गा के पहले स्वरुप देवी शैलपुत्री को समर्पित है।
वही नवरात्रि का समापन 2 अक्टूबर 2025 को विजयादशमी के साथ होगा। माना जाता है कि इन नौ दिनों में मां दुर्गा स्वयं पृथ्वी पर आती हैं और यहां निवास करती हैं।
22 सितंबर 2025 (प्रतिपदा) | मां शैलपुत्री पूजा |
23 सितंबर 2025 (द्वितीया) | मां ब्रह्मचारिणी पूजा |
24 सितंबर 2025 (तृतीया) | मां चंद्रघंटा पूजा |
25 सितंबर 2025 (तृतीया) | - |
26 सितंबर 2025 (चतुर्थी) | मां कूष्मांडा पूजा |
27 सितंबर 2025 (पंचमी) | मां स्कंदमाता पूजा |
28 सितंबर 2025 (षष्ठी) | मां कात्यायनी पूजा |
29 सितंबर 2025 (सप्तमी) | मां कालरात्रि पूजा |
30 सितंबर 2025 (महाअष्टमी) | मां महागौरी पूजा |
1 अक्टूबर 2025 (महानवमी) | मां सिद्धिदात्री पूजा |
2 अक्टूबर 2025 (दशहरा) | दुर्गा विसर्जन और दशहरा पर्व |
द्रिक पंचांग के अनुसार शारदीय नवरात्रि का घटस्थापना मुहूर्त (Shardiya Navratri Ghatasthapana Muhurat) व अन्य शुभ मुहूर्त इस प्रकार है-
प्रातः 06 बजकर 09 मिनट से 08 बजकर 06 मिनट तक रहेगा (Shardiya Navratri Ghatasthapana Muhurat)
सुबह 11 बजकर 49 मिनट से दोपहर 12 बजकर 38 मिनट तक (Shardiya Navratri Abhijeet Muhurat)
नवरात्रि के दौरान घटस्थापना मुहूर्त कलश स्थापना के सबसे श्रेष्ठ माना जाता है। इसके अलावा, आप अभिजीत मुहूर्त में भी घटस्थापना विधि संपन्न कर सकते हैं।
श्रीमद देवी भागवत महापुराण के अनुसार, मां दुर्गा का आगमन और प्रस्थान वाहन तिथि और वार के आधार पर निर्धारित होता है। इस बार, नवरात्रि 22 सितंबर, सोमवार से शुरू हो रही है। यदि नवरात्रि की प्रतिपदा तिथि के दिन सोमवार या रविवार के दिन होती है, तो मां दुर्गा गज (Navratri 2025 Vahan) पर विराजमान होती हैं। वहीं, अगर यह तिथि शनिवार या मंगलवार को पड़े, तो देवी मां घोड़े पर सवार मानी जाती हैं।
ऐसे में माना जा रहा है की साल 2025 में मां दुर्गा गज यानि हाथी पर सवार होकर आएंगी। ऐसी मान्यता है कि देवी मां का हाथी पर विराजमान होना सुख-समृद्धि और सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है।