मां आदिशक्ति को समर्पित नवरात्रि का त्यौहार बड़े हर्षाल्लास के साथ देशभर में मनाया जाता है। नवरात्रि के दौरान लाखों की संख्या में भक्तगण माता रानी के विभिन्न मंदिरों में दर्शन के लिए जाते है। यदि आप भी परिवार के साथ नवरात्रि के समय मां दुर्गा के मंदिर में दर्शन करने का सोच रहे है, तो यहां हम आपको भारत के 5 प्रसिद्ध देवी मंदिरों के बारे में बताने जा रहे है, जहां आपको नवरात्रि के दौरान अवश्य जाना चाहिए।
आइये जानते है, भारत के इन प्रसिद्ध 5 दुर्गा मंदिरों के बारे में-
मां आदिशक्ति को समर्पित यह पहला मंदिर हरिद्वार के पास गांव में स्थित है। माना जाता है इस मंदिर में भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है, जिस कारण यह मंदिर मनसा देवी के नाम से पहचाना जाने लगा। मंदिर के बारे में एक किवदंती यह बताई जाती है की यह देवी एक बार हमीरवासिया परिवार के मुखिया सेठ सूरजमलजी के सपने में प्रकट हुई, और उनसे मंदिर के निर्माण के लिए कहा। मनसा देवी मंदिर में मौजूद के पेड़ पर बहुत से लोग मन्नत का धागा बांधते है और मन्नत पूरी होने के बाद यहां आकर फिर से यह धागा खोल देते है।
देवी दुर्गा के शक्तिपीठों में से एक मां कामाख्या का यह मंदिर असम के गुवाहाटी शहर में स्थित है। यह मंदिर वह स्थान है, जहां माता सती के शरीर का एक भाग गिरा था। माता के माहवारी के दिनों में इस मंदिर में उत्सव मनाया जाता है। माना जाता है की इन तीन दिनों में जब मंदिर के पट बंद होते है तो यहां एक सफ़ेद रंग का वस्त्र बिछाया जाता है, जो मंदिर के कपाट खुलने के बाद लाल हो जाता है। दुर्गा पूजा और अंबुबाची मेले के लिए यह मंदिर खास तौर पर प्रसिद्ध है।
अब जिस मंदिर के बारे में हम आपको बताने जा रहे है वो है गुजरात का अम्बा माता मंदिर। अम्बा माता मंदिर का यह मंदिर गुजरात के जूनागढ़ में स्थित है। मंदिर की मुख्य विशेषता पहाड़ पर स्थित अम्बा माता का मंदिर है, जो देवी माँ के एक अवतार को समर्पित है। भारत के प्रमुख शक्तिपीठों में से एक मां दुर्गा का यह मंदिर गुजरात के लोकप्रिय मंदिरों में से एक है। इस जगह में माता सती का हृदय गिर था, जिसके बाद एक शक्तिपीठ के रूप में इस मंदिर की स्थापना की गई।
राजस्थान के बीकानेर शहर में स्थित करणी माता का यह मंदिर देवी दुर्गा को समर्पित है। करणी माता मंदिर की अनूठी विशेषता, यहां पर मौजूद चूहों की आबादी है। ऐसा माना जाता है की इस मंदिर में हज़ारों की संख्या में चूहे पाएं जाते है। मंदिर का एक अन्य आकर्षण इसके विशाल चांदी के द्वार और संगमरमर की नक्काशी है जो महाराजा गंगा सिंह द्वारा दान की गई थी। मंदिर में नवरात्रि उत्सव के समय भारी भीड़ देखने को मिलती है।
दक्षिणेश्वर काली मंदिर कोलकत्ता के हुगली नदी तटके दूसरी ओर स्थित है। माना जाता है की इस मंदिर रामकृष्ण परमहंस ने मां दुर्गा के स्वरुप की आराधना की थी। कहा जाता है कि इस मंदिर का निर्माण रानी रश्मोनी ने वर्ष 1847 में करवाया था। मंदिर में एक विशाल प्रांगण है और यह 12 अन्य मंदिरों से घिरा हुआ है जो भगवान शिव को समर्पित हैं।
नवरात्रि या अन्य किसी भी समय आप मां दुर्गा को समर्पित इन मंदिरों में जा सकते है। नवरात्रि के समय इन सभी मंदिरो की शोभा देखते ही बनती है। ऐसे में आपको एक बार अवश्य इन मंदिरों में जाना चाहिए।
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