भगवान गणेश के जन्मोत्सव का पर्व बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है। सावन के बाद भाद्रपद महीना प्रांरभ होता है, इस माह के शुक्ल चतुर्थी के दिन यह त्यौहार मनाया जाता है। साल 2023 में, गणेश चतुर्थी का पर्व 19 सितम्बर 2023 के दिन मनाया जाएगा। इस दिन आप निम्नलिखित पूजन विधि से गणपति जी का पूजन कर सकते है-
• घी
• कपूर
• फल
• पुष्प
• धतूरा
• अक्षत
• सिंदूर
• हल्दी
• मोदक
• पंचामृत
• कुमकुम
• बिल्व पत्र
• दूर्वा /घास
• सिंहासन
• चंदन पेस्ट
• अगरबत्तियां
• आम के पत्ते
• लाल कपड़ा
• पान के पत्ते, मेवा
• तुलसी का पत्ता
• अशोक का पत्ता
• दीया और बत्ती घी
• छोटा पत्रम - आम पत्ता
• भगवान गणेश की मूर्ति
पूजा की शुरुआत गणेश जी के ध्यान से करनी चाहिए। ध्यान अपने सामने पहले से स्थापित श्री गणेश प्रतिमा के सामने करना चाहिए।
श्री गणेशजी के ध्यान के बाद मूर्ति के सामने मंत्र का जाप करें और आवाहन मुद्रा बनाएं।
श्रीगणेश का आह्वान करने के बाद अंजलि में पांच फूल लें और उन्हें मूर्ति के सामने छोड़ दें और मंत्र का जाप करते हुए श्री गणेश को आसन अर्पित करें।
श्रीगणेश को पुष्प निर्मित आसन अर्पित करने के बाद श्रीगणेश का स्वागत हाथ जोड़कर कर करें।
श्रीगणेश का स्वागत करने के बाद उन्हें मंत्र का जाप करते हुए पैर धोने के लिए जल अर्पित करें।
पद्य-अर्पण के बाद श्री गणेश अभिषेक के लिए निम्न मंत्र का जाप करते हुए जल अर्पित करें।
अर्घ्य देने के बाद अगले चरण में मंत्र जाप करते हुए श्री गणेश को चंदन का भोग लगाएं।
श्री गणेश को पुष्प समर्पित करें।
अब गणेश मंत्र का जाप करते हुए श्री गणेश को धूप अर्पित करें।
धूप जलाने के बाद अब श्री गणेश को दीप अर्पित करें।
अब मंत्र का जाप करते हुए श्री गणेश को नैवेद्य अर्पित करें।
श्री गणेश को अचमन के लिए जल अर्पित करें।
अगले चरण में अब मंत्र का जाप करते हुए श्री गणेश को तंबुला (सुपारी वाला पान) अर्पित करें।
अब मंत्र जाप करते हुए श्री गणेश को दक्षिणा अर्पित करें।
अब प्रतीकात्मक प्रदक्षिणा (श्री गणेश के बाएं से दाएं परिक्रमा) को फूलों से अर्पित करें।
अब मंत्र जाप करते हुए श्री गणेश जी को अष्टांग प्रणाम करें।
पूजा के दौरान की गई किसी भी ज्ञात-अज्ञात गलती के लिए श्री गणेश से क्षमा मांगे।
श्री गणेश जी से क्षमा मांगने के बाद षोडशोपचार पूजा के बाद श्री गणेश से अपनी रक्षा के लिए प्रार्थना करें।
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