बसंत पंचमी, जिसे सरस्वती पूजा भी कहते हैं, बसंत ऋतु के आगमन का प्रतीक है। यह दिन नए शुरुआत और ज्ञान की देवी सरस्वती की पूजा का पर्व है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, यह पर्व विद्या और संगीत की देवी सरस्वती के जन्म का प्रतिनिधित्व करती है। बसंत पंचमी का यह पावन पर्व हर साल फरवरी या मार्च में मनाया जाता है, जो वसंत ऋतु की शुरुआत का भी प्रतीक है।
सनातन धर्म में बसंत पंचमी (Basant Panchami 2025) का पर्व अत्यंत शुभ और कल्याणकारक माना जाता है। इस दिन लोग शिक्षा और संगीत के क्षेत्र में सफलता पाने के लिए मां सरस्वती की विधि-विधान से पूजा की जाती हैं। यह त्यौहार विशेष रूप से वसंत ऋतु के आगमन के साथ फरवरी महीने में मनाया जाता है। हालांकि, 2025 में बसंत पंचमी की तिथि को लेकर कुछ असमंजस की स्थिति बनी हुई है। तो आइए, जानते हैं कि बसंत पंचमी 2025 की सही तारीख (Basant Panchami 2025 Date and Muhurat) व सरस्वती पूजा का श्रेष्ट्र मुहूर्त-
हिंदू कैलेंडर के अनुसार, बसंत पंचमी का त्यौहार माघ महीने के पांचवे दिन मनाया जाता है। पंचांग के अनुसार, इस साल माघ मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि 02 फरवरी 2025, रविवार को सुबह 11:53 बजे से प्रारंभ होगी और इसका समापन अगले दिन 03 फरवरी, सोमवार को सुबह 09:36 बजे होगा।
ऐसे में इस बार बसंत पंचमी का पर्व 02 फरवरी, रविवार (basant panchami date 2025) को मनाया जाएगा।
2025 में वसंत पंचमी का पर्व 2 फरवरी, रविवार को मनाया जाएगा। ऐसे में बसंत पंचमी 2025 का शुभ पूजन मुहूर्त (basant panchami saraswati puja muhurat) व अन्य शुभ मुहूर्त इस प्रकार से है-
वसंत पंचमी शुभ मुहूर्त -
प्रातः 07:09 से दोपहर 12:35 बजे तक
मुहूर्त अवधि -
05 घंटे 26 मिनट
स्नान ब्रह्म मुहूर्त (3 फरवरी 2025) -
प्रातः 05:33 मिनट से 06:21 मिनट तक
आपको बता दें की बसंत पंचमी का दिन तो बहुत ही शुभ माना जाता है। खास बात ये है कि इस दिन सभी शुभ कार्यों के लिए एक बेहतरीन समय होता है, क्योंकि यह दिन अबूझ मुहूर्त (basant panchami abujh muhurat) माना जाता है।
2025 में बहुत सालों के इंतजार के बाद दुर्लभ योग बन रहा है। ऐसे में अगर आप भी बसंत पंचमी के पावन पर्व पर कोई शुभ काम करने के बारे में सोच रहे हैं तो यहां दिए गए शुभ योग (basant panchami 2025 shubh yog) ज़रूर देखें -
बताते चलें की इस दिन प्रातः समय में उत्तरा भाद्रपद नक्षत्र का प्रभाव रहेगा, जिसके पश्चात रेवती नक्षत्र का आगमन होगा।
2025 में बसंत पंचमी के पावन अवसर पर महाकुंभ शाही स्नान (Basant Panchami Shahi Snan Significance) का विशेष उल्लेख किया गया है। तो आइए जानते है, इस शाही स्नान के पीछे का धार्मिक महत्व-
• बसंत पंचमी के दिन संगम में स्नान करने से जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आती है।
• धार्मिक मान्यता है कि इस दिन त्रिवेणी में पवित्र स्नान करने से व्यक्ति के पाप नष्ट होते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
• महाकुंभ के दौरान वसंत पंचमी के दिन संगम में स्नान करना बेहद शुभ माना जाता है। यह महाकुंभ का चौथा शाही स्नान होगा।
• बसंत पंचमी के दिन श्रद्धालु संगम तट पर एकत्रित होते हैं और महाकुंभ में पूजा-अर्चना कर दिव्य अनुभव प्राप्त करते हैं। इस दिन साधु-संत विशेष अनुष्ठान भी सम्पन्न करते हैं।
बसंत पंचमी 2025 (basant panchami 2025) का पर्व ज्ञान, बुद्धि और विद्या की देवी, मां सरस्वती की पूजा और उपासना का प्रतीक है। इस दिन मां सरस्वती की पूजा से जीवन में सुख और शांति का वास होता है। महाकुंभ के दौरान संगम में स्नान करना भी अत्यंत शुभ माना जाता है। 2 फरवरी 2025 को यह पावन पर्व विशेष योग और मुहूर्त के साथ मनाया जाएगा।