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क्या पीरियड्स के दौरान हनुमान चालीसा पढ़ना सही है? क्या कहते हैं शास्त्र?

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सनातन धर्म में हनुमान जी को सबसे पूजनीय देवताओं में से एक माना जाता है, जो साहस, वीरता और शक्ति का प्रतीक हैं। रामभक्त हनुमान को समर्पित हनुमान चालीसा प्रतिदिन लाखों लोगों द्वारा पढ़ी और सुनी जाती है। प्रसिद्ध संत और रामायण रचियता श्री तुलसीदास जी ने हनुमान चालीसा की इन 40 चौपाइयों में उनके पराक्रम और अलौकिक शकितयों का वर्णन किया है। हालांकि एक सवाल अक्सर सामने आता है की क्या महिलाएं पीरियड्स के दौरान हनुमान चालीसा का पाठ कर सकती हैं या नहीं?

क्या पीरियड्स के दौरान हनुमान चालीसा पढ़ना सही है? क्या कहते हैं शास्त्र?

अगर आप भी इस सवाल को लेकर असमंजस में है, तो आज का यह ब्लॉग आपके लिए मददगार साबित हो सकता है।

क्या कहती है पौराणिक मान्यताएं?

कुछ पुरानी मान्यताओं के अनुसार, महिलाओं को मासिक धर्म के दौरान मंदिर जाने, धार्मिक ग्रंथों को छूने या मंत्रों का जाप न करने की सलाह दी जाती थी। यही कारण है की इसे “अशुद्ध” माना जाने लगा। उस समय महिलाओं के लिए उचित सुविधा उपलब्ध नही थी।

ऐसे में उन्हे आराम करने के लिए कहा जाता था, ताकि उन्हें रोज़मर्रा के कामों से थोड़ी राहत मिल सके। इस वजह से कई धार्मिक परंपराओं में पीरियड्स (Hanuman Chalisa during periods) के दौरान हनुमान चालीसा का पाठ करने से मना किया जाता था।

हालांकि यह परम्पराएं और मान्यताएं परिवार और गांव के हिसाब से अलग होती हैं। जहां कुछ मानते हैं कि इस समय मंत्रों का जाप करना ठीक है, जबकि अन्य लोग पुराने नियमों को ही महत्व देते हैं।


क्या कहती है धार्मिक मान्यताएं?

ऐसी मान्यता है कि जो भी भक्त सच्चे मन से भगवान हनुमान का स्मरण कर, हनुमान चालीसा का पाठ करते है, उनके जीवन से सभी दुःख एवं बाधाएं दूर होती है। न जानें कितने ही भक्त नियमित रूप से हनुमान चालीसा का पाठ करते है। रामायण या अन्य किसी भी धर्म शास्त्रों में कहीं भी यह नहीं लिखा है कि महिलाएं अपने मासिक धर्म के दौरान मंत्र या चौपाइयों का उच्चारण नहीं कर सकती।

कहा जाता है कि भगवान अपने भक्तों की शारीरिक स्थिति नहीं, बल्कि उनके श्रद्धाभाव को देखते हैं। इसी प्रकार हनुमान जी भी अपने भक्तों से कोई भेदभाव नहीं करते और न ही महिलाओं को 'अशुद्ध' या 'अयोग्य' मानते हैं। वह तो बस अपने भक्तों के सच्चे मन और श्रद्धाभाव को देखते है।


Can we read Hanuman Chalisa during periods? क्या पीरियड्स में हनुमान चालीसा पढ़ सकते है?

जैसा कि उपरोक्त तथ्यों से स्पष्ट है कि अगर आपको कोई परेशानी न हो, तो आप हनुमान चालीसा पढ़ सकते हैं। शास्त्रों में ऐसा कोई नियम नहीं है, जो यह कहे कि पीरियड्स के दौरान हनुमान चालीसा पढ़ना मना है।

अगर पीरियड्स के दौरान क्रैम्प्स या तनाव की वजह से आपका दिन ठीक नहीं जा रहा है, तो हनुमान चालीसा का पाठ करने से आपके मनोबल को बढ़ावा मिल सकता है। कुछ महिलाओं का तो, यह भी मानना है की मासिक धर्म के दौरान हनुमान चालीसा पढ़ने या सुनने से उन्हें दर्द और तनाव से राहत मिलती है।

Read Hanuman Chalisa

अंत में, यह कहा जा सकता है कि हिन्दू धर्म सिर्फ़ नियमों का पालन नहीं, बल्कि ईश्वर के साथ आपके गहरे रिश्ते को भी दर्शाता है। हनुमान जी आपके जीवन में न केवल देवता हैं, बल्कि एक मित्र, मार्गदर्शक और शक्ति के स्रोत भी हैं। आप कभी भी और किसी भी स्थान पर हनुमान चालीसा की चौपाइयों का जाप कर सकते है, सच्चे मन से की गई प्रार्थना भगवान स्वयं सुनते हैं। पीरियड्स का इस पर कोई असर नहीं पड़ता।

तो, अगर आपको अच्छा लगे तो आप पीरियड्स (Hanuman Chalisa during periods) के दौरान हनुमान चालीसा पढ़ सकती हैं। यह पूरी तरह से आपकी आस्था और श्रद्धाभाव पर निर्भर करता है।

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