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घर में मंदिर है तो इन बातों का रखें ख़ास ख्याल। क्या आप जानते हैं ये 11 नियम?

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चाहे छोटा हो या चाहे बड़ा, घर में एक मंदिर तो होना ही चाहिए। इससे घर में शान्ति बानी रहती है और अगर मन अशांत हो तो हम घर के मंदिर में जाके पूजा कर सकते हैं और अपना मन शांत कर सकते हैं। रोज़ सुबह घर में ही पूजा करने से बाकी का दिन भी अच्छा निकलता है। इतना ही नहीं, भारत में लोगों का दिन ही पूजा से शुरू होता है। अब यदि मंदिर घर में ही हो तो कितनी सहूलियत हो जाती है।

घर में मंदिर है तो इन बातों का रखें ख़ास ख्याल। क्या आप जानते हैं ये 11 नियम?

भगवान को घर में स्थापित करने से पहले आपको यह ध्यान रखना चाहिए की घर में मंदिर रखने के भी कुछ नियम होते हैं। ऐसे कुछ 11 नियम हैं जिनका आपको पालन करना चाहिए। तो चलिए देखते हैं की वो क्या नियम हैं।


  1. वास्तु के अनुसार आपके घर का मंदिर हमेशा पूर्व या उत्तर दिशा की तरफ ही होना चाहिए।

  2. पहले के ज़माने से यह मान्यता है की मंदिर में एक भगवान या देवी की एक से अधिक मूर्ति या तस्वीर नहीं होनी चाहिए। अब यदि ऐसा पहले से है तो चिंता करने की कोई बात नहीं है। बीएस आपको इन्हे आमने सामने नहीं रखना चाहिए।

  3. आप जिस भी भगवान या देवी की पूजा कर रहे हों, पूजा शुरू करने से पहले यह देख लें की कहीं वो मूर्ति खंडित तो नहीं है या तस्वीर फटी हुई तो नहीं है। यदि ऐसा है तो आप उन्हें घर से बाहर किसी पेड़ के नीचे रख दें या किसी बहते जल में जैसे की नदी में विसर्जित कर दें। लेकिन खंडित शिवलिंग एक अपवाद है, उसकी आप पूजा कर सकते हैं। खंडित शिवलिंग की पवित्रता बनी रहती है।

  4. आपको घर के मंदिर की ओर यानी पूर्व या उत्तर दिशा में पैर रखकर नहीं सोना चाहिए। ये अपशगुन है।

  5. आपके घर के मंदिर के सामने या आसपास शौचालय नहीं होना चाहिए।

  6. अपने पूर्वजों की तस्वीर मंदिर में स्थापित नहीं करनी चाहिए। इन्हे आप मंदिर से बाहर अलग से किसी आले में रखें। यदि आपके पास कोई ओर जगह नहीं है तो आप उनकी तस्वीर को भगवान से नीची जगह पे रखें।

  7. देवताओं एवं देवियों की सौम्य रूप वाली तस्वीर ही मंदिर में रखें। उनके रौद्र रूप वाली कोई भी तस्वीर या मूर्ति न लाएं तो अच्छा है।

  8. यदि आपके घर में मंदिर है तो आप वहां रोज़ पूजा कीजिये। मंदिर को दिन में बंद नहीं करना चाहिए। आप जिस भी दिए में पूजा करें, ध्यान रखिये की वो खंडित न हो।

  9. इतना ध्यान रखना ज़रूरी है की तस्वीरों को या मूर्तियों को एक - एक इंच की दूर पे रखना चाहिए।

  10. शनि देव या शनि महाराज और भैरव जी की तस्वीर या मूर्ति घर के मंदिर में नहीं रखनी चाहिए।

  11. भगवान के सामने केवल धुप - अगरबत्ती जलाकर पूजा करने से कुछ नई होगा। ऐसे शायद आप भी खुद से प्रसन्न नहीं होंगे। भगवान की पूजा बिना भोग के अधूरी है। हर सुबह भगवान को भोग अवश्य लगाएं। इसमें आप खुद के सामर्थ्य अनुसार भोग लगा सकते हैं (बस प्याज़ और लस्सन का भोग न लगाएं)।

(Disclaimer:धर्मसार किसी की आस्था को ठेस पहुंचना नहीं चाहता। ऊपर दी गयी जानकारी भिन्न - भिन्न लोगों की मान्यता और जानकारियों के अनुसार है। धर्मसार इसकी पूर्ण रूप से पुष्टि नहीं करता।)

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