हर साल श्रावण शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को देशभर में रक्षाबंधन का पर्व मनाया जाता है। यह पर्व भाई-बहन के अटूट रिश्ते का प्रतीक है। धार्मिक दृष्टिकोण से भी राखी का यह पर्व अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस दिन, बहनें रक्षा सूत्र के तौर पर अपने भाइयों की कलाई राखी बांधकर उनकी लंबी उम्र और सुख-शांति की कामना करती हैं। राखी बांधने के दौरान पूजा की थाली में रखी जाने वाली चीजों का विशेष महत्व होता है।
आइए, इस ब्लॉग में जानते हैं वह कौन सी 5 चीजें हैं, जो भाई की लंबी उम्र के लिए पूजा की थाली में रखनी चाहिए।
रक्षाबंधन भारत का एक खास त्योहार है। यह त्योहार भाई-बहन के रिश्ते को मजबूत बनाता है। रक्षाबंधन का पर्व हमें साथ रहने और एक-दूसरे का ख्याल रखने की सीख देता है।
राखी कोई साधारण धागा नहीं है। शास्त्रों (Why Raksha Bandhan celebrated) में इसे बहुत महत्वपूर्ण माना गया है। जब बहन अपने भाई को राखी बांधती है, तो वह उससे सुरक्षा की उम्मीद करती है। बदले में भाई उसे हर मुश्किल से बचाने का वादा करता है। यह रिश्ता आपसी भरोसे और साथ निभाने की भावना को दर्शाता है।
महाभारत काल से ही रक्षाबंधन के पर्व की शुरुआत हुई थी। पौराणिक कथा के अनुसार, शिशुपाल के वध के बाद सुदर्शन चक्र से श्रीकृष्ण की अंगुली कट गई। उनकी कलाई से खून बहने लगा। तब द्रौपदी ने तुरंत अपनी साड़ी का पल्लू फाड़ा। उन्होंने वो टुकड़ा कृष्ण की कलाई पर बांध दिया। कृष्ण इस भाव से बहुत भावुक हो गए। उन्होंने बदले में द्रौपदी को सदा करने का वचन दिया। कहा जाता है, तभी से रक्षाबंधन की परंपरा शुरू हुई।
रक्षाबंधन के दिन पूजा थाली (Raksha bandhan 2025 Puja Thali) में रखी गई कुछ विशेष वस्तुएं भाई के लिए सुख, समृद्धि और दीर्घायु को आकर्षित करती हैं। तो चलिए जानते हैं ऐसी ही शुभ वस्तुएं, जो रक्षाबंधन की पूजा थाली में जरूर शामिल करनी चाहिए-
अक्षत, पूर्णता का प्रतीक है। इन्हें पूजा में बेहद शुभ माना जाता है। राखी बांधने से पहले, तिलक के साथ भाई के माथे पर अक्षत लगाए जाते हैं। रक्षाबंधन में माथे पर अक्षत लगाने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और शुभता बनी रहती है।
राखी के साथ थाली में पीली मौली भी जरूर रखें। शास्त्रों में इसे रक्षा सूत्र के नाम से जाना जाता है। माना जाता है कि इस मौली में त्रिदेव ब्रह्मा, विष्णु और महेश का आशीर्वाद रहता है। साथ ही देवी लक्ष्मी, पार्वती और सरस्वती की भी कृपा बनी रहती है। यह मौली बुरी शक्तियों से आपके भाई की रक्षा करती है।
राखी की पूजा थाली में गंगाजल रखना बहुत शुभ माना जाता है। गंगाजल को शुद्ध और रोग दूर करने वाली औषधि के रूप में जाना जाता है।गंगाजल न केवल वातावरण को शुद्ध करता है, बल्कि इसे देवताओं का आशीर्वाद भी माना जाता है। रक्षाबंधन की थाली में गंगाजल रखना इस पर्व को और भी मंगलमय बनाता है।
रक्षाबंधन की थाली में रखे गए पांच अन्न भी खास महत्व रखते हैं। ये दाने पंचमहाभूतों जैसे पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु और आकाश का प्रतीक होते हैं। इससे ऊर्जा का संतुलन बना रहता है। मान्यता है कि ये दाने आयु में वृद्धि करते हैं। साथ ही, शरीर को रोगों से दूर रखने में भी मदद करते हैं।
रक्षाबंधन की थाली में दीपक जरूर शामिल करें। राखी बांधने के बाद भाई की आरती ज़रूर उतारनी चाहिए। यह बुरी नजर से बचाने का प्रभावी उपाय (Raksha bandhan 2025 Upay) माना गया है। दीपक की लौ से निकलने वाली ऊर्जा जीवन में सुरक्षा और शांति लेकर आती है।
राखी बांधते समय थाली में नारियल रखना बहुत शुभ माना जाता है। राखी बांधने के बाद बहनें भाई को यह नारियल भेंट करती हैं। शास्त्रों में नारियल को श्रीफल कहा गया है और इसे देवी महालक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है। यह श्रीफल भाई के जीवन में समृद्धि, सुख और खुशहाली लाता है।
राखी की थाली मिठाई से सजाना सौभाग्य का संकेत माना जाता है। यह भाई-बहन के प्यार और अपनेपन की मिठास को दर्शाता है। मिठाई खिलाना एक दूसरे के प्रति सम्मान और स्नेह जताने का तरीका है। इसलिए पूजा थाली में मिठाई रखना शुभ फलदायक माना जाता है।
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