ऐसा कहा जाता है कि भगवान का रूप भले ही दिखाई न दे, लेकिन उनकी मौजूदगी का अहसास अवश्य होता है। इन्हीं में से एक है ऐतिहासिक और अद्भुत हनुमानजी मंदिर, जिसका इतिहास करीब 500 साल से अधिक पुराना है। देश नहीं बल्कि विदेश में भी इस मंदिर की प्रसिद्धि फैली हुई है।
आइये जानते है, इस मंदिर से जुड़ा इतिहास, मान्यताएं और अन्य महत्वपूर्ण तथ्य-
चमत्कारी हनुमान यंत्र खरीदेंरामभक्त हनुमान का यह प्रसिद्ध मंदिर जिला केंद्र शाजापुर से 10 किमी दूर पिपरोदा गांव में स्थित है। मध्य प्रदेश में बसा यह मंदिर अपने अंदर प्रकृति को समाए हुए इस मंदिर से कई किंवदंतियाँ जुड़ी हुई है।
इस मंदिर के इतिहास की बात करें तो कहा जाता है कि यह करीब 500 साल पुराना है। रिपोर्ट्स के अनुसार, मंदिर के स्थानीय साधुओं और यहां पिछले कई पुजारी के रूप में कार्यरत पुजारी ने बताया कि हनुमान जी स्वयं यहां प्रकट हुए थे।
यहां हनुमान जी संकट हरण मंगल करण के रूप में विद्यमान हैं और माना जाता है कि वे अपने भक्तों की सभी समस्याओं को दूर कर सकारात्मक परिणाम देते हैं। पौराणिक काल में इस मंदिर के पास एक छोटा चबूतरा बना हुआ था। जिसके बाद खुदाई के दौरान, हनुमान की यह चमत्कारी मूर्ति मिली थी।
ऐसी मान्यता है की यह मंदिर पहले नहीं बना है बल्कि इस गांव के एक बुजुर्ग को सपने में बालाजी महाराज ने दर्शन दिए थे। जिसके बाद वर्ष 2000 में इस मंदिर का निर्माण किया गया। मंदिर निर्माण के दौरान ग्रामीणों ने बहुत सहयोग किया, जिसके बाद विधि-विधान से यहां हनुमान जी की प्रतिमा स्थापित की गयी।
गांव के ही एक निवासी के अनुसार, यहां एक बहुत पुराना इमली का पेड़ है। इस पेड़ की एक खास बात है कि यह पूरी तरह से खोखला हो गया है। लेकिन उसके बाद भी यह पेड़ हरा-भरा है, यह बालाजी महाराज का ही चमत्कार है कि वह खुद इस पेड़ को रक्षा प्रदान करते हैं।
चमत्कारी हनुमान यंत्र खरीदेंपिपरोदा गांव के स्थानीय लोगों का कहना है कि यह मंदिर बहुत पुराना है। कहा जाता है कि यहां आने वाले श्रद्धालु यदि इस मंदिर में एक नारियल और सवा रुपये चढ़ाता है, तो हनुमान जी महाराज उसकी सभी मनोकामनाओं को जरूर पूरा करते है। मान्यता है की इस मंदिर से कभी भी कोई व्यक्ति खाली हाथ नहीं लौटा है।
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