गणगौर के गीत गणगौर पूजा के समय और उसके बाद गाये जाते हैं। गणगौर की पूजा करते समय ओड़ो कोड़ो गीत (Odo Kodo), बधावे का गीत (Badhave Ka Geet), ज्वारे का गीत (Jware Ka Geet), सूरज को अरग देने का गीत (Arag Dene Ka Geet), गणगौर को पानी पिलाने का गीत (Gangaur Ko Pani Pilane Ka Geet) शामिल हैं। आइये पढ़ते हैं गणगौर के गीत। और यदि आपको ये गीत सुनने हैं तो नीचे दिए गए चित्र पर क्लिक करें।
ओड़ो कोड़ो छ रावलो ये राई चन्दन को रोख
ये कुण गौरा छै पातला ऐ कुणा माथ ऐ मोल
ईसरदास जी गोरा छ पातला ऐ ब्रह्मा माथे मोल
बाई थारो काई को रूसणो ये काई को सिंगार
बाई म्हारे सोना को रूसणों ऐ मोतिया रो सिंगार
अब जाऊँ म्हारे बाप के ऐ ल्याउली नौसर हार
चौसर हार गढ़ाए ,पाटे पुवाए गोरक सुधों मूंदडो,
गोरा ईसरदास जी ब्रह्मदास जी जोगो मूंदडो,
वाकी रानिया होए बाई बेटिया होए आठ गढ़ाए
पाटे पुवाए गोरक सुधो मूंदडो
गोरा चाँद, सूरज, महादेव पार्वती जोगो मूंदडो
गोरा मालन, माली, पोल्या - पोली जोगो मूंदडो मूंदड़ो,
(अपने घर वालों के नाम लेने है )
चाँद चढ़यो गिरनार, किरत्यां ढल रही जी ढल रही
जा बाई रोवा घरा पधार माऊजी मारेला जी मारेला
बापू जी देवला गाल, बडोड़ो बीरो बरजेलो जी बरजेलो,
थे मत दयो म्हारी बाई न गाल,
बाई म्हारी चिड़कोली जी चिड़कोली।
आज उड़ पर बात सवार बाई उड़ ज्यासी जी उड़ ज्यासी,
गोरायारं दिन चार जावईडो ले जासी जी ले जासी
(घर की बहन बेटियो का नाम लेना है )
म्हारा हरया ए ज्वारा ऐ, गेन्हूला सरस बध्या
गोरा ईसरदास जी रा बायां ऐ वाकी रानी सींच लिया
गोरा ब्रह्मदास जी रा बायां ऐ वाकी रानी सींच लिया
वे तो सींच न जाने ये आड़ा ऊबा सरस बध्या
बाई रो सरस पोटलों ये, गेंहूडा सरस बध्या
म्हारा हरिया ए ज्वारा ये गेन्हुला सरस बध्या
गोरा चाँद सूरज बाया ये वाकी रानी सींच लिया
वे तो सींच न जाने ये आड़ा ऊबा सरस बध्या
बाई रो सरस पोटलो ये गेन्हुला सरस बध्या
मालीदास जी, पोलीदास जी बाया ऐ वाकी रानी सींच लिया
वे तो सींच न जाने ये आड़ा ऊबा सरस बध्या
(सभी घर वालों के नाम लेने हैं )
अल खल नदी जाय यो पाणी कहा जाय
आदो जाती अणया गलया आदो ईसर न्हासी
ईसर थे घरा पदारो गौरा जायो बैटो
अरदा लाओ परदा ल्याओ बन्दर बाल लगाओ
सार कीए सूई भाभी पाट काए तागा
सीम दरजी बेटा ईसर जी का बागा
सीमा लार सीमा आला मोत्या की लड़-जड़ पोउला थे चालो म्हे आवला।
म्हारी गोर तिसांई जी, राज घटियांरो मुकुट करो।
म्हारी गँवरा पानीडो सो पाय घटियांरो मुकुट करो
म्हारी गवर तिसांई ओ राज घाटयांरो मुकुट करो।
ब्रह्मदास जी रा ईशरदास जी ओ राज घाटयांरो मुकुट करो।
म्हारी गवरा पानीड़ो पिलाय घांटा रो मुकुट करो।
म्हारी गवरा तिसाई ओ राज घांटा रो मुकुट करो।
(बह्मदास जी की जगह पिता और ईशरदास जी की जगह पुत्र का नाम लेना हैं )