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Hanuman Chalisa Rules : इन नियमों को जानें बिना बिल्कुल न पढे हनुमान चालीसा, मिल सकते है अशुभ परिणाम!

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भारत में हनुमान जी सबसे अधिक पूजे जाने वाले देवता माने जाते हैं। हनुमान जी भगवान शंकर के 11वें रूद्र अवतार थे, जिन्होंने अपना पूरा जीवन भगवान श्री राम की भक्ति में समर्पित कर दिया। हनुमान चालीसा, भगवान हनुमान को समर्पित एक सुन्दर काव्य रचना है, जिसे 6वीं शताब्दी में महान संत तुलसीदास जी ने अवधी भाषा में लिखा था। इन 40 छंदों में भगवान हनुमान की शक्ति, पराक्रम और वीरता का वर्णन किया गया है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि हनुमान चालीसा पढ़ने के कुछ खास नियमों का उल्लेख हैं? यहां हम इन्हीं नियमों के बारे में बताने जा रहे है...

Hanuman Chalisa Rules : इन नियमों को जानें बिना बिल्कुल न पढे हनुमान चालीसा, मिल सकते है अशुभ परिणाम!

Hanuman Chalisa Significance : हनुमान चालीसा का इतिहास और महत्व

श्री हनुमान चालीसा में 40 छंद हैं, जो हनुमान जी की वीरता, दृढ़ता और कौशल का गुणगान करते हैं। दरअसल यह चालीसा महाकाव्य रामचरितमानस का एक हिस्सा है। भक्तों का मानना है कि हनुमान चालीसा का पाठ न केवल मन को शांत करता है बल्कि मानसिक शक्ति भी प्रदान करता है।

हनुमान चालीसा पढ़ना बहुत आसान है क्योंकि इसमें कठिन शब्द नहीं हैं, जैसे वेदों के मंत्रों में होते हैं। इसका नियमित पाठ करने से जीवन की परेशानियां दूर होती हैं और सभी काम आसानी से पूर्ण होते हैं। हनुमान चालीसा का पाठ करते समय कुछ खास नियमों का पालन करना बहुत जरूरी है। यदि इन्हें नजरअंदाज किया जाए, तो ऐसा माना जाता है कि हनुमान जी अप्रसन्न हो सकते है-

हनुमान चालीसा पढ़ने के कुछ विशेष नियम (hanuman chalisa padhne ke niyam in hindi) इस प्रकार है-

Hanuman Chalisa Rules: हनुमान चालीसा पढ़ने के नियम

1. सफाई और शुद्धता

हनुमान चालीसा का पाठ करने से पहले अपने स्नान करें और स्वच्छ कपड़े पहने। पूजन स्थल को भी अच्छी तरह से साफ करें।


2. पूर्व दिशा ओर मुख

हनुमान चालीसा का पाठ हमेशा पूर्व दिशा की ओर मुख करके ही करें। माना जाता है की पूर्व दिशा आध्यात्म, ऊर्जा, और सकरात्मकता का प्रतीक है।


3. समय का रखें विशेष ध्यान

वैसे तो हनुमान चालीसा पढ़ने का कोई निश्चित नियम नहीं है। आप कही भी और कभी भी हनुमान चालीसा का यह पाठ कर सकते है। हालांकि इसे पढ़ने के लिए ब्रह्मा मुहूर्त या शाम का समय सबसे शुभ माना जाता है।


4. मंगलवार का दिन सबसे श्रेष्ठ

मंगलवार का दिन हनुमान जी को समर्पित है। यही कारण है कि इस दिन हनुमान चालीसा का जाप करना बहुत अधिक फलदायक माना जाता है। कहा जाता है की मंगलवार के साथ ही शनिवार के दिन हनुमान चालीसा का पाठ करने से शनि ग्रह के अशुभ प्रभावों से भी मुक्ति मिलती हैं।


5. दीप प्रज्वलन है जरूरी

हनुमान चालीसा का पाठ शुरू करने से पहले दीपक जलाना अत्यंत शुभ और महत्वपूर्ण माना जाता है,ध्यान रखें की जब भी आप यह पाठ शुरू करें तो हनुमान जी के सामने दीया अवश्य जलाएं। दीपक में चमेली का तेल या शुद्ध घी और रूई की बाती का उपयोग करना शुभ माना जाता है।


6. गुड़-चने का भोग अवश्य चढ़ाएं

हनुमान चालीसा का पाठ करने से पहले हनुमान जी को गुड़ और चने का प्रसाद जरूर चढ़ाएं। कहा जाता है की हनुमान जी को गुड़-चने (hanuman chalisa reading rules) का भोग लगाने से मंगल ग्रह से जुड़े सभी दोषों से मुक्ति मिलती है। आप चाहें तो चूरमा, लड्डू, मालपुए का भोग भी अर्पित कर सकते हैं।


7. पाठ करने में जल्दबाजी न करें

ध्यान रखें की हनुमान चालीसा के हर छंद का खास महत्व है, ऐसे में कभी भी यह पाठ पढ़ने में जल्दबाजी न करें। हनुमान चालीसा का पाठ करने से पहले संकटमोचन का स्मरण करें और फिर चालीसा की सभी चौपाइयों का अच्छे से उच्चारण करें।


8. मांस मदिरा या तामसिक भोजन न करें

हनुमान चालीसा का नियमित जाप करते समय जीवनशैली में कुछ बदलाव रखना जरूरी है। अगर आप भी हनुमान जी विशेष कृपा पाना चाहते हैं, तो मांसाहारी भोजन और शराब जैसे जैसी चीजों का सेवन (Hanuman Chalisa chanting rules) भूलकर भी नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से हनुमान जी आपसे रुष्ट हो सकते हैं।


9. पाठ की संख्या का ध्यान रखें

किसी भी मनोकामना को पूर्ण करने के लिए मंगलवार के दिन हनुमान चालीसा का पाठ करना बेहद फलदायक माना गया है। यदि संभव हो तो इस दिन कम से कम 21 बार चालीसा का जाप करें। अगर 21 बार न हो तो आप 7 या 11 बार भी हनुमान चालीसा का यह पाठ कर सकते है।


10. भगवान राम का ध्यान करना न भूलें

माना जाता है की जहां प्रभु श्री राम का नाम लिया जाता है, वहां स्वयं हनुमान जी मौजूद होते है। इसलिए हनुमान चालीसा का पाठ शुरू करने से पहले भगवान राम का नाम लेना न भूलें। ऐसा करने से अंजनी पुत्र बहुत प्रसन्न होते है और जातक को शुभ फल प्रदान करते है।

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