समझनी है जिंदगी तो पीछे देखो, जीनी है जिंदगी तो आगे देखो…।
blog inner pages top

ब्लॉग

Pitru Paksha 2022: जानें क्या है पितृ पक्ष का महत्व और इस समय किए जाने वाले 5 ज़रूरी कार्य

Download PDF

पितृ पक्ष या श्राद्ध पक्ष हर साल भाद्रपद शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा से प्रांरभ होता है। पूर्णिमा से शुरू होकर इस पक्ष का समापन आश्विन मास की अमावस्या तक होता है। इस वर्ष 2022 में, पितृ पक्ष की शुरुआत 10 सितम्बर से होने जा रही है जो की 25 सितम्बर तक चलेगी। लेकिन क्या आप जानते पितृ पक्ष क्या होता है? इस पक्ष में किए जाने वाले नित्य कर्म क्या होते है? यदि नहीं तो इस ब्लॉग में हम आपको पितृ पक्ष से सम्बंधित सभी जानकारी देने जा रहे है।

Pitru Paksha 2022: जानें क्या है पितृ पक्ष का महत्व और इस समय किए जाने वाले 5 ज़रूरी कार्य

क्या होता है पितृ पक्ष? What is Pitru Paksh

पितृ पक्ष पुरे पंद्रह दिनों तक चलता है। यह पंद्रह दिन हमारे पूर्वज या पितरों को समर्पित होते है। यदि बात की जाए, इन दिनों की तो, इसमें हम अपने पूर्वजों को याद करते है और उनके निमित का श्राद्ध, पिंडदान, तर्पण आदि करते है। पूर्वज हमारे लिए बहुत कुछ करते है और पितृ पक्ष के समय हम उनका धन्यवाद करते है और उनके प्रति आभार व्यक्त करते है।


पितृपक्ष का महत्व | Importance of Pitru Paksh

धर्मशास्त्र में पितृ पक्ष के समय कौवे को भोजन करवाने का बहुत अधिक महत्व बताया जाता है। माना जाता है पितृ पक्ष के समय पूर्वज कौवे के रूप में आते है। जो भी व्यक्ति श्राद्ध को विधि- विधान से सम्पन्न करता है, उसे पूर्वजों का आशीर्वाद प्राप्त होता है और घर में बरकत आती है। बताया तो यह भी जाता है की पितरों के प्रति नियत कर्म न करने से पितृ नाराज हो जाते है, जिसके अनेक दुष्परिणाम देखने को मिलते है। पितृ पक्ष के दौरान कोई भी शुभ कार्य नहीं करने चाहिए।


पितृपक्ष में करें ये 5 काम | 5 Things to do in Pitru Paksh

1. पितृ पक्ष में सबसे पहले अपने पूर्वजों को याद करना चाहिए।
2. यदि आप पितृपक्ष में तर्पण आदि करते है तो इस दौरान आपको ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए।
3. श्राद्ध निकालते समय पूजा के दौरान जल में काले तिल, पुष्प, कुश आदि मिलाएं। माना जाता है की कुश का प्रयोग करने से पितृ जल्दी प्रसन्न होते है।
4. पितृपक्ष के दौरान आपको 15 दिनों तक नियमित रूप से पितरों को तर्पण करना चाहिए। ऐसा करने उनकी आत्मा को शांति मिलती है और वे आशीर्वाद प्रदान करते है।
5. इस समय पितरों के लिए रखा गया भोजन गाय और कौवे को खिलाना चाहिए। माना जाता है की पितृ इन स्वरूपों में आकर भोजन ग्रहण करते है।

ऐसी मान्यता है की पितृ या श्राद्ध पक्ष के दौरान पूर्वज धरती पर आकर अपने परिवार जन के साथ रहते है और उनके द्वारा अर्पित किया गया भोजन आदि ग्रहण करते है। यदि जातक श्रद्धापूर्वक इस दौरान पितरों के प्रति सेवा भाव रखता है तो उसे पितृ दोष से सम्बंधित सभी दोषों से मुक्ति मिल जाती है। पितृ पक्ष के समय आप पिंडदान के साथ गौ-दान आदि भी कर सकते है। ऐसा करने से पूर्वजों को आत्मा तृप्त हो जाती है और उनकी कृपा सदा आप और आपके परिवार पर बनी रहती है।

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। Dharmsaar इसकी पुष्टि नहीं करता है।)

डाउनलोड ऐप