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शिव जी के परिवार का सम्पूर्ण वर्णन | Lord Shiva Family

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भगवान शिव के बारे में तो आप सभी ने बहुत कुछ पढ़ा होगा। माँ पारवती जो की उनकी अर्धांग्नी हैं, श्री गणेश और श्री कार्तिक्ये उनके बेटे, आदि। परन्तु कुछ ऐसी बातें भी हैं जिन्हे आप पढ़ना पसंद करेंगे, और वो हैं उनके परिवार के बारे में।

शिव जी के परिवार का सम्पूर्ण वर्णन | Lord Shiva Family

देखा जाए तो भगवान शिव ही ऐसे एकमात्र ऐसे देवता हैं जिनका सम्पूर्ण परिवार हैं जो की हम चित्रों में देखते हैं। परन्तु कुछ ऐसी बातें भी हैं जिनका वर्णन चित्रों में नहीं किया गया हैं। कितने लोगों को पता है की उनकी एक पुत्री भी है? ऐसी ही कुछ और भी जानकारियां हैं जो आप शिव जी के परिवार के बारे में नहीं जानते होंगें। तो आइये देखते हैं भगवान शिव के परिवार का सम्पूर्ण वर्णन।


भगवान शिव

शिव परिवार के मुखिया हैं तो शुरुआत भी उन्ही से करते हैं। जिस प्रकार इस ब्रह्माण्ड का ना कोई अंत है, न कोई छोर और न ही कोई शूरुआत, उसी प्रकार शिव अनादि हैं। सम्पूर्ण ब्रह्मांड शिव के अंदर समाया हुआ है। जब कुछ नहीं था तब भी शिव थे और जब कुछ न होगा तब भी शिव ही होंगे। शिव को महाकाल कहा जाता है, अर्थात समय। भगवान शिव को हम नीलकंठ, महादेव, शंकर, पशुपतिनाथ, नटराज, त्रिनेत्रधारी, भोलेनाथ, रुद्रशिव, कैलाशी, अर्धनारेश्नर, बैद्यनाथ, रुद्र, भैरव, आदि नामों से भी जानते हैं।


माँ पारवती

पारवती जी के नाम का मतलब हैं 'पहाड़ की बेटी' क्यूंकि उनके पिता राजा हिमावत हैं। माँ पारवती को हम शक्ति का रूप मानते हैं। कहते हैं भगवान शिव को पति रूप में प्राप्त करने के लिए माता पार्वती ने कठोर तपस्या की थी। शिवजी ने तपस्या से प्रसन्न होकर फाल्गुन मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी के दिन माता पार्वती के साथ विवाह किया था। अर्धनारीश्वर भगवान शिव और देवी पार्वती का संयुक्त रूप है, जिसे एक ही शरीर के रूप में दर्शाया गया है - दाहिना आधा हिस्सा शिव का है, और दूसरा आधा पार्वती का है। परशक्ति ने स्त्री और पुरुष दोनों ऊर्जाओं को संतुलित करने के लिए स्वयं से शिव की रचना की। माँ पारवती के 9 रूप हैं - शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कूष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्री, महागौरी और सिद्धिदात्री।


कार्तिकेय

भगवान शिव और माँ पारवती के बड़े पुत्र कार्तिकेय हैं। उन्हें देवताओं के सेनापति का पद प्राप्त हैं। कार्तिकेय जी को हम आत्मविश्वास और आत्मबल का प्रतीक मानते हैं। पारवती जी के श्राप के कारणवश ही ये सदैव बालक रूप में दिखाई देते हैं। इनकी पूजा मुख्यत: भारत के दक्षिणी राज्यों और विशेषकर तमिलनाडु में होती है।


श्री गणेश

गणेश भगवान शिव और माँ पारवती के छोटे पुत्र हैं। इनका मुख हाथी का है इसलिए इन्हें गजमुख भी कहा जाता है। गणेश जी को यह वरदान प्राप्त है की वे प्रथम पूजनीय हैं। इनकी छवि पूरे भारत, नेपाल, श्रीलंका, थाईलैंड, इंडोनेशिया, सिंगापुर, मलेशिया, फिलीपींस और बांग्लादेश में पाई जाती है। गणेश जी की 2 पत्नियां हैं - रिद्धि और सिद्धि। रिद्धि ने क्षेम को जन्म दिया और सिद्धि ने लाभ को। तो गणेश जी के 2 पुत्र हैं - क्षेम और लाभ। गणेश जी के 108 नाम हैं।


भगवान शिव की पुत्री

भगवान शिव की पुत्री का नाम अशोक सुंदरी है। पौराणिक कथाओं और कुछ लोक मान्यताओं के अनुसार, माता पार्वती ने अपने अकेलेपन को दूर करने के लिए कल्प वृक्ष (सबकी इच्छाएं पूरी करने वाला पेड़) से कन्या प्राप्ति का वरदान मांगा, जिसके फलस्वरूप अशोक सुंदरी का जन्म हुआ। अशोक सुंदरी का विवाह परम पराक्रमी राजा नहुष से हुआ था। माता पार्वती के वरदान से अशोक सुंदरी ययाति जैसे वीर पुत्र तथा सौ रूपवती कन्याओं की माता बनीं।


बहू

जैसा की ऊपर बताया गया हैं की गणेश जी की २ पत्नियां हैं, तो भगवान शिव की २ बहु है। शिवपुराण के अनुसार, ये प्रजापति विश्वरूप की पुत्रियां हैं। कुछ स्थानों पर रिद्धि और सिद्धि का नाम मिलता है। सिद्धि कार्यों में, मनोरथों में सफलता देती हैं। रिद्धि ज्ञान के मार्ग को प्रशस्त करती हैं।


पौत्र

ग्रंथों के अनुसार, भगवान गणेश के दो पुत्र हैं क्षेम और लाभ। क्षेम हमारे अर्जित पुण्य, धन, ज्ञान और ख्याति को सुरक्षित रखते हैं। सीधा अर्थ है हमारी मेहनत से कमाई गई हर वस्तु को सुरक्षित रखते हैं, उसे कम नहीं होने देते और धीरे-धीरे उसे बढ़ाते हैं। लाभ का काम निरंतर उसमें वृद्धि देने का है। लाभ हमें धन, यश आदि में निरंतर बढ़ोत्तरी देता है।

तो ये है शिव जी का सम्पूर्ण परिवार का एक छोटा सा वर्णन। परिवार के सभी सदस्यों से जुड़ा हुआ एक वहां है जो की कोई पक्षी या जानवर है। इसके बारे में हम आने वाले ब्लॉग में बात करेंगे।

(Disclaimer:धर्मसार किसी की आस्था को ठेस पहुंचना नहीं चाहता। ऊपर दी गयी जानकारी भिन्न - भिन्न लोगों की मान्यता और जानकारियों के अनुसार है। धर्मसार इसकी पूर्ण रूप से पुष्टि नहीं करता।)

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