धार्मिक मान्यताओं के अनुसार पूजा को हमारे दिनचर्या का एक अहम हिस्सा बताया गया है, फिर चाहे यह पूजा हम सुबह तड़के उठकर करें या संध्या के समय। पूजा करने से व्यक्ति में न सिर्फ सकारात्मक ऊर्जा का विकास होता है बल्कि आध्यात्मिक ज्ञान की भी प्राप्ति होती है। पूजा करते समय ऐसी बहुत सी चीज़े होती है जिनकी हमें आवश्यकता पड़ती है, घर ही नहीं बल्कि मंदिर में जाते समय भी कुछेक वस्तुएं ऐसी होती ही है जिनके बिना हमारी पूजा संपन्न नहीं हो सकती है।
ऐसे में हम आपको पूजा-पाठ में प्रयोग की जाने वाली कुछ सामग्री के बारे में जानकारी दे रहे है, जो हमें घर के मंदिर में अवश्य तौर पर रखनी चाहिए।
हिन्दू सनातन धर्म में लगभग 33 करोड़ देवी-देवता है। सभी देवी- देवता अपने आप में एक विशेष महत्व रखते है। सभी देवी-देवताओं की आरती भी भिन्न-भिन्न प्रकार की होती है। ऐसे में यह संभव नहीं हो पाता की हमें सभी आरतियां कंठस्थ रहे, और इसके लिए एक आरती संग्रह (किताब) की आवश्यकता होती है। सम्पूर्ण आरती संग्रह की किताब में लगभग सभी देवी- देवताओं की आरतियां आसानी से उपलब्ध होती है।
दूरसे स्थान पर जो पूजन सामग्री सबसे अहम मानी जाती है वो है - गंगाजल। हिन्दू धर्म में गंगाजल को बहुत ही पवित्र माना जाता है। गंगा नदी का यह जल बहुत लम्बे समय तक संग्रहित करके रखने पर भी खराब नहीं होता है। घर या मंदिर में की जाने वाले किसी भी तरह की पूजा में सबसे पहले गंगाजल का ही इस्तेमाल किया जाता है।
धूप और अगरबत्ती का पूजा पाठ में विशेष महत्व है। किसी भी पाठ को शुरू करने के पहले भगवान के समक्ष धूप-अगरबत्ती जलाई जाती है। मान्यता तो यह भी है की धूप जलाने से आस-पास से सभी नेगेटिव एनर्जी खत्म हो जाती है और सभी ओर एक सकारात्मक वातावरण होता है। धूप-बत्ती के स्थान पर आप पूजा के समय लो स्मोक अगरबत्ती का भी इस्तेमाल कर सकते है।
हिन्दू धर्म के अनुसार हमें पूजा करते कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना बेहद आवश्यक होता है। लोग अक्सर पूजा-पाठ करते समय आसन का उपयोग न करके जमीन पर बैठकर ही पूजा-अर्चना आदि कर लेते है, लेकिन आपको बता दे, धार्मिक दृष्टि से बिलकुल सही नहीं माना जाता है, इसलिए पूजा घर में आसन विशेष तौर पर रखें। पूजा घर के लिए आसन खरीदने के लिए यहाँ क्लिक करें।
पूजा घर में रखे जाने वाली अगली वस्तु है- तांबे का कलश। सूर्यदेव को अरग देनी हो, शिवलिंग पर जल चढ़ाना हो, या घर में कोई भी पूजन सम्बन्धी कार्य हो- तांबे का कलश हर तरह से उपयोग किया जाता है। मान्यता है की ताबें के बर्तन बहुत ही शुभ होते है, इसके साथ इसे किसी भी धातू के साथ मिलाया नहीं जाता है।
धर्म शास्त्रों के अनुसार पूजा के दौरान दीया या दीपक जलाने को बहुत महत्वपूर्ण बताया गया है। वैदिक मान्यताओं में यह माना जाता है की दीप में देवताओं का तेज प्रज्वलित होता है। दीये को ज्ञान और प्रकाश का स्त्रोत भी माना जाता है। यही कारण है की हमें भी पूजा घर में दिये का इस्तेमाल विशेष तौर पर करना चाहिए। इसके साथ ही घर में संपन्न की जाने वाली किसी बड़ी पूजा के दौरान अखंड दीपक का भी उपयोग कर सकते है।
हिन्दू धर्म में होने वाली पूजा आदि को लेकर कई तरह के नियम प्रचलित हैं। ऐसे में कुछेक वस्तुएं तो ऐसी भी होती ही है जिनके बिना पूजा कहीं न कहीं अधूरी रह जाती है, और उन्ही वस्तुओं में से एक है पूजा में उपयोग होने वाली पीतल की घंटी। माना जाता है की पूजा के दौरान घंटी बजाने से देव आपकी प्राथनाओं के प्रति जागृत हो जाते है, और आपकी सभी मनोकामनाओं को भी जल्दी सुनते है।
किसी भी पूजा पाठ या व्रत अनुष्ठान में भगवान को भोग चढ़ाना बहुत ही अहम माना जाता है। हिन्दू धर्म के अनुसार घर में बन रहे किसी भी व्यंजन या पकवान का सबसे पहला भाग अगर भगवान को चढ़ाया जाता है, तो इससे देव बहुत अधिक प्रसन्न होते है। इसीलिए भगवान को भोग चढ़ाने के पूजा घर में एक भोग थाली का होना बेहद आवश्यक है।
रोली पूजा में इस्तेमाल किये जाने वाली सबसे महत्वपूर्ण वस्तुओं में से एक है। रोली को 'कुमकुम' के नाम से भी जाना जाता है। कोई भी पूजा-पाठ या अनुष्ठान रोली और अक्षत (चावल) के बिना अधूरे माने जाते है। इसलिए आपका यह सुनिश्चित करना बेहद आवश्यक है की आपके पूजा घर में रोली व अक्षत विशेष तौर पर मौजूद रहे।
मंदिरों में आपने अक्सर पंडित जनों को धार्मिक ग्रंथ को एक लड़की के स्टैंड पर रखकर पढ़ते हुए देखा होगा। हिन्दू धर्म की प्रसिद्ध ग्रंथ जैसे- रामायण, महाभारत, श्रीभगवद गीता आदि को पढ़ने के लिए एक लकड़ी स्टैंड या वूडेन पुस्तक स्टैंड की आवश्यकता होती है। दरअसल, इन ग्रंथो को स्टैंड के मदद के बगैर पढ़ा जाना थोड़ा कठिन हो जाता है। यही कारण है आपको अपने पूजा घर में भी एक पुस्तक स्टैंड अवश्य रखना चाहिए।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। Dharmsaar इसकी पुष्टि नहीं करता है।)